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एफडीआई पर बहस के बाद संसद में होगा मतविभाजन

खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा होगी। सरकार की इस सहमति से संसद में जारी गतिरोध खत्म होने के आसार बढ़...

एफडीआई पर बहस के बाद संसद में होगा मतविभाजन
एजेंसीThu, 29 Nov 2012 09:57 PM
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खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में मतदान के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा होगी। सरकार की इस सहमति से संसद में जारी गतिरोध खत्म होने के आसार बढ़ गए हैं।

लोकसभा में चर्चा नियम 184 के तहत होगी तो राज्यसभा में यह नियम 167 एवं नियम 168 के तहत होगी। इस बीच, इस मसले पर समाजवादी पार्टी (सपा) का दोहरा रुख सामने आया है। पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि सपा राज्यसभा में प्रस्ताव के खिलाफ और लोकसभा में समर्थन में मतदान करेगी, वहीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी उचित समय पर फैसला लेगी।

सूत्रों के अनुसार लोकसभा में चार दिसम्बर एवं राज्यसभा में पांच दिसम्बर को चर्चा कराने जाने की सम्भावना है। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार गुरुवार को तिथि की घोषणा करेंगी।

लोकसभा द्वारा एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा अनुमति दिए जाने के बाद से राज्यसभा के सदस्य नाराज हो गए थे। उच्च सदन में सदस्यों ने एफडीआई एवं सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के आरक्षण प्रावधान को लेकर हंगामा किया जिससे सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।

संसदीय कार्यमंत्री कमल नाथ ने राज्यसभा में नेता विपक्ष अरुण जेटली से अलग से मुलाकात की। इसके बाद राज्यसभा के सभापति उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई।

संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने यह घोषणा की कि बहस के साथ मतदान राज्यसभा में भी होगा।

मीरा कुमार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नियम 184 के तहत चर्चा कराने के दिए गए नोटिस के जवाब में चर्चा की अनुमति दे दी।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ''मैं एफडीआई पर नियम 184 के तहत चर्चा करने की अनुमति देती हूं।''

लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज ने आश्वस्त किया कि चर्चा के बाद सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलेगी।

उन्होंने कहा, ''मैं प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए आपको धन्यवाद देती हूं। मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि अब सदन की कार्यवाही सुचारु ढंग से चलेगी।''

इस मसले पर सबसे चौंकाने वाला रुख सपा का आया।  पार्टी इस मसले पर सरकार का साथ देगी या नहीं, यह मुलायम सिंह यादव के बयान के बाद भी स्पष्ट नहीं हो पाया।

इतना ही नहीं इस मसले पर सपा का दोहरा रवैया भी सामने आया जब मुलायम के भाई रामगोपाल यादव ने कहा कि पार्टी राज्यसभा में इस मुद्दे के खिलाफ मत देगी जबकि लोकसभा में वह सरकार का साथ देगी।

रामगोपाल के इस बयान के कुछ ही समय बाद मुलायम ने कहा कि फैसला लेने के लिए वह उचित अवसर का इंतजार करेंगे।

मुलायम ने पत्रकारों से कहा, ''राजनीति में उचित समय आने पर ही फैसला लेना पड़ता है। एफडीआई पर एक गम्भीर बहस होनी चाहिए।''

इससे पहले रामगोपाल ने कहा था, ''अगर राज्यसभा में एफडीआई पर मतविभाजन होता है, हम इसके खिलाफ मत देंगे, हम इसे पारित नहीं होने देंगे।''

राज्यसभा में संप्रग सरकार अल्पमत में है और सपा, दलित और जनजातियों को पदोन्नति में आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर सरकार का समर्थन चाहती है क्योंकि वह इसके विरोध में है। इस मुद्दे को उसकी विरोधी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का समर्थन है।

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