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अश्विन का संघर्ष, दिग्गजों ने फिर किया शर्मसार

भारत के दिग्गज बल्लेबाजों ने एक बार फिर देश को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और भारत ईडन गार्डन में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में भी हार के कगार पर पहुंच गया। आठवें नंबर के बल्लेबाज...

अश्विन का संघर्ष, दिग्गजों ने फिर किया शर्मसार
एजेंसीSat, 08 Dec 2012 05:37 PM
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भारत के दिग्गज बल्लेबाजों ने एक बार फिर देश को शर्मसार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और भारत ईडन गार्डन में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में भी हार के कगार पर पहुंच गया। आठवें नंबर के बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन ने हालांकि साहसिक बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 83 रन बनाकर भारत को पारी की हार की शर्मिंदगी से बचा लिया और इंग्लैंड की जीत का इंतजार पांचवें दिन खींच दिया।

भारतीय के शीर्ष बल्लेबाजों ने देश को फिर नीचा दिखाया और इंग्लैंड ने अपने बल्लेबाजों के बाद गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन से तीसरे टेस्ट को जीतने और चार मैचों की सीरीज में 2-1 की बढ़त बनाने की दहलीज पर पहुंच गया है। भारत ने पहली पारी में 207 रन के बड़े अंतर से पिछड़ने के बाद चौथे दिन आज अपनी दूसरी पारी में नौ विकेट पर 239 रन बना लिए।

भारत के पास अब सिर्फ 32 रन की बढ़त है और उसकी अंतिम जोडी मैदान में डटी हुई है। भारत ने अपने आठ विकेट 159 रन पर और नौ विकेट 197 रन पर गंवा दिए थे लेकिन अश्विन ने 151 गेंदों में 13 चौकों की मदद से नाबाद 83 रन बनाकर और प्रज्ञान ओझा (नाबाद 3) के साथ आखिरी विकेट के लिए 10.3 ओवर में 42 रन की अविजित साझेदारी कर भारत की हार को पांचवें दिन दिन के लिए खींच दिया।

इंग्लैंड मुंबई के बाद कोलकाता टेस्ट जीतने और 27 वर्ष पुराना इतिहास दोहराने की दहलीज पर पहुंच गया है। इंग्लैंड पांचवें दिन मैच में जीत की औपचारिकता पूरी करेगा और सीरीज में 2-1 की बढ़त हासिल कर लेगा। इसके बाद इंग्लैंड को सीरीज जीतने के लिए नागपुर में चौथा और अंतिम टेस्ट सिर्फ ड्रा कराना होगा। इंग्लैंड ने आखिरी बार भारत में 1984-85 में पांच मैचों की सीरीज 2-1 से जीती थी।

मेहमान टीम ने भारत के 316 रन के जवाब में पहली पारी में 523 रन बनाकर 207 रन की भारी भरकम बढ़त हासिल की। इंग्लैंड ने जब भारत के आठ विकेट 159 रन पर गिरा दिए थे तब लग रहा था कि वह चौथे दिन ही जीत की औपचारिकता पूरी कर देगा। लेकिन आठवें नंबर के बल्लेबाज अश्विन ने दसवें नंबर के बल्लेबाज इशांत शर्मा (10) के साथ नौवें विकेट के लिए 38 रन और फिर ओझा (नाबाद 3) के साथ आखिरी विकेट के लिए अविजित 42 रन जोड़कर टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाजों को यह दिखा दिया कि अगर मन में संकल्प हो तो इंग्लैंड के गेंदबाजों का सामना किया जा सकता है।

अश्विन ने अपने नाबाद 83 रन के लिए 151 गेंदें खेली। इशांत ने दस रन के लिए 53 गेंदें खेली जबकि ओझा ने नाबाद तीन रन के लिए 21 गेंदें खेली। यदि दिग्गज बल्लेबाजों को देखा जाए तो चेतेश्वर पुजारा 22 गेंदों में आठ रन, सचिन तेंदुलकर छह गेंदों में पांच रन, विराट कोहली 60 गेंदों में 20 रन, युवराज सिंह 17 गेंदों में 11 रन और महेन्द्र सिंह धौनी तीन गेंदों में शून्य बना पाए।

भारतीय बल्लेबाजों ने अच्छी शुरुआत के बाद अपने विकेट गंवाए। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि भारतीय बल्लेबाजों में मैच बचाने की कोई प्रतिबद्धता है। इंग्लैंड के तेज और स्पिन गेंदबाजों ने एक बार फिर भारत के दिग्गज बल्लेबाजों की कलई खोलकर रख दी। गौतम गंभीर (40) और वीरेन्द्र सहवाग (49) ने भारत को पहले विकेट के लिए 21 ओवर में 86 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दी।

इस ओपनिंग साझेदारी को देखकर लग रहा था कि भारत मैच में संघर्ष करेगा और मैच बचाने की पूरी कोशिश करेगा। लेकिन इस साझेदारी के टूटने के बाद भारत उम्मीदें ईडन गार्डन की पिच और कप्तान धौनी की जिद के नीचे दफन हो गई। स्पिन ट्रैक मांगते-मांगते धौनी लगातार दूसरा टेस्ट हारने के करीब पहुंच गए हैं। दिलचस्प यह होगा कि कोलकाता में भी हारने के बाद क्या धौनी नागपुर के लिए भी स्पिन ट्रैक की मांग करेंगे।

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