फोटो गैलरी

Hindi Newsजलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा

...

लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 30 Mar 2017 05:31 PM

 

जलवायु परिवर्तन का असर सिर्फ पर्यावरण पर ही नहीं पड़ रहा बल्कि यह इंसान के सेहत पर भी विपरीत असर डाल रही है, खासकर दिमागी सेहत पर।

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसियशन और ईको अमेरिका के शोधकर्ताओं द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया कि ग्लोबल वार्मिंग से उत्पन्न हुई स्थितियों से इंसानों में अवसाद, चिंता और अनिद्रा बढ़ रही है और वह लगातार हिंसक होता जा रहा है। इससे मस्तिष्काघात का खतरा भी बढ़ गया है और लोग 'पोस्ट ट्रॉमाटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर' (पीटीएसडी) का शिकार हो रहे हैं।

क्या है पीटीएसडी
पीटीएसडी कई मानसिक विकारों जैसे गंभीर अवसाद, गुस्सा, अनिद्रा से जुड़ा रोग है। इससे व्यक्ति अधिक चिड़चिड़ा हो जाता है, चीजें भूलने लगता है। काम में ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, अति सतर्कता, अचानक तेज गुस्सा आना और कभी-कभी व्यक्ति बीमारी में हिंसक हो जाता है। सोते समय अचानक डर से दिल का दौरा पड़ने की समस्या हो सकती है।

IBS: जानें पाचन तंत्र के बिगड़ने से कैसे बिगड़ती है सेहत

बादाम से भी ज्यादा फायदेमंद होता है भीगा चना, पढ़ें 7 फायदे

आगे पढ़ें पूरी रिपोर्ट-

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा1 / 3

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा

 

कैटरीना तूफान प्रभावित क्षेत्रों पर शोध
शोधकर्ताओं ने 2005 में आए तूफान कैटरीना से प्रभावित हुए क्षेत्र के हजारों लोगों पर शोध किया और पाया कि तूफान के बाद उनमें आत्महत्या का ख्याल अधिक बढ़ गया था। 

49 फीसदी अवसाद के शिकार
इलाके के 49 फीसदी लोगों में पीटीएसडी और अवसाद का खतरा पाया गया। साथ ही वह समाजिक स्तर पर अलगाव महसूस करने लगे। 

प्रतिरोधक क्षमता पर असर
जलवायु परिवर्तन शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी कमजोर करता है। प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा2 / 3

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा

 


जलवायु परिवर्तन स्वास्थ्य पर असर
अत्यधिक गर्मी मानसिक तनाव, दिल का दौरा
वायु प्रदूषण अस्थमा, दिल की बीमारी
पारिस्थितिक तंत्र में बदलाव मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया
पानी में प्रदूषण कॉलरा,डायरिया  

बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर 
 डब्लूएचओ की रिपोर्ट 'इनहेरिटिंग अ सस्टेनेबल वर्ल्ड: एटलस ऑन चिल्ड्रेन्स हेल्थ एंड इंवायरमेंट' में दावा किया गया कि पांच साल से कम उम्र के सत्रह लाख बच्चे हर साल पर्यावरण संबंधी समस्याओं के कारण मौत का शिकार हो रहे हैं।

डब्लूएचओ के मुताबिक पिछले दो दशकों में बच्चों में अस्थमा के पचास फीसदी अधिक मामले पाए गए हैं। इनमें 44 फीसदी मामले पर्यावरण से जुड़े हैं।

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा3 / 3

जलवायु परिवर्तन से बिगड़ रही दिमागी सेहत, रिपार्ट में चौंकाने वाला खुलासा