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बूझों करियर की अनजान राहों को

बारहवीं और दसवीं की परीक्षाओं के बाद अब छात्रों की नजर परीक्षा परिणामों पर टिकी है। इसी के साथ उनमें आगे की पढ़ाई के लिए उपयुक्त कोर्स या स्ट्रीम के चयन को लेकर एक स्वाभाविक से दिमागी मंथन का दौर भी...

बूझों करियर की अनजान राहों को
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 06 May 2014 02:48 PM
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बारहवीं और दसवीं की परीक्षाओं के बाद अब छात्रों की नजर परीक्षा परिणामों पर टिकी है। इसी के साथ उनमें आगे की पढ़ाई के लिए उपयुक्त कोर्स या स्ट्रीम के चयन को लेकर एक स्वाभाविक से दिमागी मंथन का दौर भी शुरू हो चुका है।

करियर को लेकर छात्रों के बीच काफी असमंजस की स्थिति रहती है। इस स्थिति की सबसे बड़ी वजह है-करियर की सही राह को चुनने की चुनौती। इस समय करियर के लिए पारंपरिक विषयों के अलावा सैकड़ों की तादाद में विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन जानकारी के अभाव या अपनी रुचि को न पहचान पाने के कारण बड़ी संख्या में छात्र मनमाफिक करियर नहीं चुन पाते हैं। छात्र ही नहीं, अभिभावक भी  बच्चों के लिए सही करियर तलाशने की प्रक्रिया में काफी तनावग्रस्त हो जाते हैं। उनकी दिनचर्या में यह तनाव बच्चे का दाखिला हो जाने तक कायम रहता है। यह एक सामान्य-सी स्थिति है और करीब 90 फीसदी छात्र और अभिभावकों को इस दौर से गुजरना पड़ता है।

गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस युग में हर दिन कुछ अलग करियर और पेशेवर संभावनाएं जन्म ले रही हैं। ऐसे में यह समझने वाली बात है कि किसी करियर विकल्प की चमक ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रहती। इसलिए यदि आप करियर के लिए उन पाठय़क्रमों और विषयों को चुनते हैं, जिनमें आप अच्छे हैं, तो आप हमेशा ही अपने कार्यक्षेत्र में सफल होंगे।

कैसे चुनें करियर
प्रत्येक करियर के लिए एक खास रुझान, रुचि और कुछ व्यक्तिगत गुणों की जरूरत होती है। वैज्ञानिक ढंग से इन जरूरतों की अपनी अभिरुचियों और हुनर से तुलना करके ही इस बात के प्रति आश्वस्त हुआ जा सकता है कि हम सही करियर चुनने की दिशा में बढ़ रहे हैं या नहीं। विषयों में आपकी मजबूती, क्षमता, रुचि और आकांक्षा आपको करियर के असीमित विकल्पों में से अपने लिए श्रेष्ठ को चुनने में मदद करती है। भावी जीवन में आपकी सफलता के लिए करियर प्लानिंग की यह प्रक्रिया काफी आवश्यक है।

साइकोमीट्रिक असेसमेंट
करियर के चयन में यह बेहद मददगार विधि है, जिसे जब करियर के चुनाव के संदर्भ में इस्तेमाल किया जाता है, तो काफी हद तक ठोस और सटीक परिणाम मिलते हैं। इस विधि से परखे जा रहे छात्र का गहराई से मूल्यांकन हो पाता है। इससे संबंधित छात्र की रुचियों, बुद्धिमत्ता और व्यक्तित्व के बारे में अनुमान लगाना संभव होता है। साइकोमीट्रिक असेसमेंट से छात्र की काबिलियत और क्षमताओं की स्पष्ट तस्वीर सामने आ जाती है, जो उपयुक्त करियर के चयन में अहम होती है। छात्रों के नजरिए से इस विधि को देखें, तो यह उनके सामने उनकी इच्छाओं और हुनर की बानगी पेश करती है। इस असेसमेंट से अभिभावक अपने बच्चों के और छात्र स्वयं के हुनर की तुलना अपनी मनपसंद नौकरी/ पेशे के लिए जरूरी गुणों से कर सकते हैं। चूंकि नौकरी पाने के लिए एक पाठय़क्रम विशेष की पढ़ाई करनी होती है और इसके लिए भी कुछ खास हुनर का होना जरूरी होता है।

 

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