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प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने में दिल्ली सरकार फेल: विजेन्दर गुप्ता

भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्दर गुप्ता ने रविवार को प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर दिल्ली सरकार पर बड़ा हमला बोला। भाजपा नेता गुप्ता ने कहा कि सरकार ने अब तक कोई ठोस...

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रोकने में दिल्ली सरकार फेल: विजेन्दर गुप्ता
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 29 May 2016 10:07 PM
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भाजपा नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्दर गुप्ता ने रविवार को प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को लेकर दिल्ली सरकार पर बड़ा हमला बोला। भाजपा नेता गुप्ता ने कहा कि सरकार ने अब तक कोई ठोस कानून नहीं बनाया।

उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार हर महीने नया ड्रामा करके लाखों अभिभावकों को गुमराह करती है।  गुप्ता ने आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के बच्चों को दाखिला नहीं मिल पा रहा है। इससे बच्चे बाल श्रमिक बनने को मजबूर हैं। गुप्ता ने कहा है कि निजी स्कूलों के फीस बढ़ाने, अभिभावकों के आर्थिक शोषण करने, आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के बच्चों को नि:शुल्क प्रवेश मिलने के मुद्दों पर सरकार सिर्फ गुमराह कर रही है।

पिछले 15 महीने में सरकार ने स्कूलों की मनमानी के खिलाफ कोई कठोर कानून नहीं बनाए हैं, जिससे कि स्कूलों की मनमानी पर सरकार कोई अंकुश लगा सके। गुप्ता ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पहले से ज्यादा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि 28 मई 2016 का दिल्ली सरकार का कैबिनेट निर्णय कि निजी स्कूल तभी फीस बढ़ा सकेंगे जब तक उन्होंने नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा निर्धारित चार्टर्ड एकाउन्टेंट से अपने खातों की जांच करा ली हो। स्कूलों की तरफ से खातों का ऑडिट कराना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है। इससे निजी स्कूलों की मनमानी रुकेगी।

आदेशों का असर नहीं:
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि निजी स्कूलों के लिए अब तक सरकार ने जितने भी आदेश जारी किए हैं, उन्हें मानने से स्कूलों के प्रबंधकों ने साफ मना कर दिया है। सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 15 अप्रैल 2016 को आदेश जारी कर दिल्ली पब्लिक स्कूल की मथुरा रोड शाखा और रोहिणी शाखा को कहा था कि वे अपने स्कूलों में बच्चों से वसूली गई मनमानी फीस तुरंत ब्याज सहित लौटाएं। इसे मानने से डीपीएस के प्रबंधन ने साफ मना कर दिया। वहां आज भी मनमाने ढंग से फीस वसूली जा रही है और सरकार स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर सकी है।

बिल में विरोधाभास:
गुप्ता के मुताबिक सरकार ने विधानसभा सत्र में बिल पेश किया था। इसमें कहा गया था कि दिल्ली का हर निजी स्कूल अपने हिसाब से फीस वृद्धि कर सकेगा। इस बिल से निजी स्कूलों को मनमानी फीस वृद्धि करने का आसान रास्ता आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिखा दिया। परंतु सरकार ने विधानसभा में जो बिल पारित किया और अब जो सरकार कह रही है उसमें जबरदस्त विरोधाभास है क्योंकि बिल में फीस वृद्धि के 18 महीने बाद खर्चों की जांच की बात की गई थी। अब सरकार विद्यालयों को फीस वृद्धि में लगाम लगाने की सिर्फ थोथी बयानबाजी कर रही है, उसका अभिभावकों के हित से कोई लेना देना नहीं है। गुप्ता ने बताया कि मई महीना बीतने जा रहा है फिर भी अनेक निजी स्कूलों मे ईडब्ल्यूएस श्रेणी की सीटें खाली हैं।
 

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