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BJP का कारण बताओ नोटिस, जेठमलानी बोले फुर्सत नहीं

भाजपा ने सोमवार को अपने निलंबित राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे इस बाबत जवाब तलब किया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से...

BJP का कारण बताओ नोटिस, जेठमलानी बोले फुर्सत नहीं
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 27 Nov 2012 01:01 PM
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भाजपा ने सोमवार को अपने निलंबित राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी को कारण बताओ नोटिस जारी किया और उनसे इस बाबत जवाब तलब किया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए।

भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि संसदीय बोर्ड ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी के इस फैसले की पुष्टि कर दी कि अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए राम जेठमलानी को तत्काल निलंबित कर दिया जाए। नोटिस जारी कर उनसे यह पूछा गया है कि उन्हें क्यों न छह साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया जाए।

बहरहाल, कुमार ने कहा बैठक के दौरान पार्टी के लोकसभा सदस्य यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा की ओर से गडकरी और संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेताओं के खिलाफ दिए गए बयान पर चर्चा नहीं की गयी। दोनों नेताओं ने गडकरी के इस्तीफे की मांग की थी।

शत्रुघ्न सिन्हा ने भी गडकरी के इस्तीफे संबंधी जेठमलानी के बयान का समर्थन किया था। भाजपा में सर्वोच्च नीति-निर्माण संस्था संसदीय बोर्ड के पास ही अपने किसी सांसद या विधायक को पार्टी से निष्कासित करने का अधिकार है।

साल 2009 में पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किए बिना ही निष्‍कासित कर दिया गया था, जबकि वह उस वक्त लोकसभा सदस्य थे। जसवंत ने एक किताब लिखकर पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना की तारीफ की थी और विभाजन के लिए जवाहरलाल नेहरू एवं सरदार पटेल को जिम्मेदार ठहराया था।

भाजपा की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को पार्टी के निलंबित सांसद राम जेठमलानी ने लगभग खारिज करते हुए कहा कि वह वकालत के अपने पेशे में काफी व्यस्त हैं और ऐसे दस्तावेजों का जवाब देने की उनके पास फुर्सत नहीं है।

जेठमलानी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि मैंने तो कारण बताओ नोटिस के बारे में आज शाम सिर्फ मीडिया से सुना है। मैंने उस महान दस्तावेज को पढ़ा नहीं है जो मेरे पास आने वाला है।

जब मुझे नोटिस मिलेगा और मैं उसे पढूंगा, उसके बाद ही मैं आपको बता पाऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं - एक वकील के तौर पर मैं काफी व्यस्त हूं और 10 दिनों के अंदर इस तरह के दस्तावेज का जवाब देने का वक्त मेरे पास नहीं है।

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