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केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए होगी नवंबर धर्म संसद

केन्द्र पर दबाव बनाने के लिए नवम्बर में होगी धर्मसंसद संत सम्मेलनराम मंदिर मामले में संतों ने प्रधानमंत्री को दिया उलाहना, बोले- सब कुछ ठीक पर रामभक्तों की आस अधूरीसंसद का विशेष सत्र या संयुक्त...

केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए होगी नवंबर धर्म संसद
Wed, 07 Jun 2017 10:11 PM
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केन्द्र पर दबाव बनाने के लिए नवम्बर में होगी धर्मसंसद संत सम्मेलनराम मंदिर मामले में संतों ने प्रधानमंत्री को दिया उलाहना, बोले- सब कुछ ठीक पर रामभक्तों की आस अधूरीसंसद का विशेष सत्र या संयुक्त अधिवेशन बुलाकर राम मंदिर के लिए कानून बनाए केन्द्र : डॉ. तोगडियाहम मंत्रों की रचना करने की परम्परा के वाहक है न कि षड़यन्त्र के: साध्वी ऋतम्भराअयोध्या। हिन्दुस्तान संवादश्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के 79वें जन्मोत्सव के अवसर पर बुधवार को आयोजित संत सम्मेलन में संतों ने केन्द्र सरकार के तीन साल पूरे होने के बाद भी राम मंदिर विषय पर कोई पहल नहीं होने का उलाहना दिया। इसके साथ ही उनसे अपेक्षा भी की कि वह अयोध्या आकर रामलला का दर्शन करें। इससे पहले विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया ने केन्द्र सरकार पर पुरजोर हमला बोलते हुए कहा कि संसद में कानून बनाना ही राम मंदिर निर्माण का एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि हमें राम मंदिर भी चाहिए और रामराज्य भी। उन्होंने केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक किसान मर रहे हैं और आत्महत्या पर मजबूर हो रहे हैं। वहीं पाकिस्तान जिंदाबाद का नारे लगाने वालों पर सरकार रबर की गोलियां नहीं चलवा पा रही है। उधर अपना हक मांगने वाले किसानों पर गोलियां चलवाई जा रहीं हैं। उन्होंने किसानों की कर्जमाफी का भी कानून बनाने की मांग की। उन्होंने हरिद्वार में हुई केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक के प्रस्तावों की जानकारी देते हुए घोषणा की कि इसी नवम्बर माह में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा।साध्वी ऋतम्भरा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेशों में भारत का डंका बजाया। इसके अलावा केन्द्र सरकार का कार्यकाल भी प्रशंसनीय रहा है लेकिन रामभक्तों की आस अभी भी अधूरी है। उन्होंने सीबीआई की ओर से विवादित ढांचे के विध्वंस मामले में उनके साथ संत-महंतों व भाजपा नेताओं को फंसाने के सवाल पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि हम मंत्रों की रचना करने की परम्परा के वाहक है न कि षड़यन्त्र के। पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने संतों से अपेक्षा की कि प्रधानमंत्री को जगाने के लिए एक बार फिर से दिल्ली में रामभक्तों का आह्वान किया जाए। उन्होंने संयुक्त अधिवेशन के बजाए मानसून सत्र में राम मंदिर पर विधेयक लाने की मांग की।पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदान्ती ने ढांचा गिरवाने का आरोप स्वयं अपने ऊपर लेते हुए कहा कि इसमें किसी अन्य संत व भाजपा नेताओं को आरोपित करना गलत है। निर्वाणी अखाड़ा के श्रीमहंत धर्मदास ने डॉ. वेदान्ती के बयान का खंडन करते हुए कहा कि जो हुआ है वह हनुमानजी की कृपा से हुआ है और आगे भी उन्हीं की कृपा से मंदिर का निर्माण भी होकर रहेगा। इस दौरान प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, प्रेमभूषण महाराज, महंत जन्मेजय शरण, महंत कन्हैयादास रामायणी, महंत रामशरण दास रामायणी व ज्ञानी गुरुजीत सिंह सहित अन्य ने भी राम मंदिर पर केन्द्र से पहल की अपेक्षा की। इस मौके पर मणिराम छावनी के महंत कमल नयन दास शास्त्री ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन रामकथा कुंज के महंत डॉ. रामानंद दास ने किया।

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