फोटो गैलरी

Hindi Newsपैंतीस के पार सबसे अधिक चला सचिन तेंदुलकर का बल्ला

पैंतीस के पार सबसे अधिक चला सचिन तेंदुलकर का बल्ला

किसी भी क्रिकेटर का 35 साल की उम्र पार करने के बाद अवसान का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन सचिन तेंदुलकर इस मामले भी अपवाद हैं, क्योंकि इस स्टार बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर में सर्वाधिक रन पिछले पांच...

पैंतीस के पार सबसे अधिक चला सचिन तेंदुलकर का बल्ला
एजेंसीTue, 04 Feb 2014 09:52 AM
ऐप पर पढ़ें

किसी भी क्रिकेटर का 35 साल की उम्र पार करने के बाद अवसान का दौर शुरू हो जाता है, लेकिन सचिन तेंदुलकर इस मामले भी अपवाद हैं, क्योंकि इस स्टार बल्लेबाज ने अपने टेस्ट करियर में सर्वाधिक रन पिछले पांच वर्षों में बनाए, जबकि इस बीच उनके संन्यास को लेकर भी चर्चाएं होती रही।

सोलह साल की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले तेंदुलकर के करियर को यदि उनकी उम्र के आधार पर प्रत्येक पांच साल के पड़ाव में बांट दिया जाए तो फिर पता चलता है कि 35 साल पूरे करने के बाद उन्होंने सर्वाधिक टेस्ट खेले और तब भी ढेरों रन बनाए।

तेंदुलकर ने 35 बसंत पूरे करने के बाद 51 टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 50.06 की औसत से 4055 रन बनाए। इसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक भी दर्ज हैं। आंकड़ों की इस कहानी से पता चलता है कि तेंदुलकर दुनिया के उन चंद खिलाड़ियों में शामिल रहे हैं जिन पर उम्र का ज्यादा असर नहीं दिखा। सबसे अहम बात यह रही कि इस दौरान तेंदुलकर कभी शून्य पर आउट नहीं हुए।

वेस्टइंडीज के खिलाफ नवंबर में होने वाले दो टेस्ट मैचों के बाद टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेंदुलकर की उम्र को आधार पर मानकर उनके करियर पर गौर किया जाए तो उनके लिए 31 से 35 साल के बीच का दौर सबसे कठिन रहा। यह वही दौर था जब वह टेनिस एल्बो से जूझ रहे थे। इस बीच दो साल तक ग्रेग चैपल भी भारतीय टीम के कोच रहे।

तेंदुलकर ने इन पांच वर्षों में 42 टेस्ट मैच खेले और 2971 रन बनाये जिसमें आठ शतक शामिल हैं। उनका औसत 49.51 रहा। तेंदुलकर ने इस दौरान भले ही बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 248 और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में नाबाद 241 रन की दो बड़ी पारियां खेली लेकिन घरेलू पिचों पर उनका बल्ला कुंद पड़ा रहा।

तेंदुलकर ने इन पांच वर्षों में घरेलू सरजमीं पर 18 टेस्ट मैच खेले लेकिन इनमें वह 31.92 की औसत से ही रन बना पाये जिसमें एकमात्र शतकीय पारी (109 रन) शामिल हैं। इस दौरान तेंदुलकर ने 24 टेस्ट मैच विदेशी सरजमीं पर खेले और उनमें सात शतकों की मदद से 2109 रन बनाए।

यह कहा जा सकता है बांग्लादेश के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में 179.33 की औसत से 538 रन बनाने के कारण इन पांच वर्षों में विदेशी दौरों में तेंदुलकर का आंकड़ा आकर्षक बना। यही वह दौर था जबकि तेंदुलकर ने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ 11 टेस्ट मैच खेल और उनमें 50.92 की औसत से 662 रन बनाए।

तेंदुलकर ने टेस्ट क्रिकेट में अपना सर्वश्रेष्ठ औसत 21 से 25 साल और 26 से 30 साल की उम्र के बीच में निकाला। रिकॉर्ड के बादशाह को 26 साल की उम्र के बाद ही पहली बार टेस्ट खेलने वाले सभी नौ देशों के खिलाफ मैच खेलने का मौका मिला। इस बीच उन्होंने 44 टेस्ट मैचों में 60.84 की औसत और 15 शतक की मदद से 4259 रन बनाए।

यह वही दौर था जबकि उन्होंने घरेलू सरजमीं पर खूब रन बटोरे। तेंदुलकर ने इन पांच वर्षों में 21 टेस्ट मैच भारत में खेले और 69.51 की औसत से 2294 रन बनाए। यह अलग बात है कि इस दौरान उन्होंने जिम्बाब्वे और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ 70.80 औसत शानदार कहा जा सकता है।

इससे पांच साल पहले जब उनकी क्रिकेट पूरे शबाब पर थी तब उन्होंने टेस्ट और वनडे में शतकों की जबर्दस्त झड़ी लगायी थी। तेंदुलकर ने 21 साल में प्रवेश करने और 25 साल पूरे करने तक 36 टेस्ट मैच खेले और 11 शतकों की मदद से 3030 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 61.83 रहा। इस बीच भारत ने श्रीलंका के खिलाफ सर्वाधिक 11 मैच खेले जिनमें तेंदुलकर ने 936 रन ठोके। यह ऐसा दौर था जबकि भारत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ एक भी मैच नहीं खेला था।

दिलचस्प आंकड़ा यह है कि 20 साल की उम्र में जब कोई क्रिकेटर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण के बारे सोचता है तब तक तेंदुलकर 25 टेस्ट मैच खेल चुके थे। मुंबई के इस बल्लेबाज ने 20 साल की उम्र तक खेले गए इन मैचों में 44.76 की औसत से 1522 रन बनाए और पांच शतक ठोके।

शुरूआती दौर में उनके आंकड़ें बाद के आंकड़ों से इसलिए अधिक प्रभावशाली नहीं दिखते क्योंकि यह वही समय था जबकि भारत ने अपने अधिकतर मैच विदेशी सरजमीं पर खेले थे। तेंदुलकर ने 20 वर्ष पूरे करने तक भारत में केवल पांच टेस्ट मैच खेले जिनमें उन्होंने 75.00 की औसत से 375 रन बनाए थे।

इस बीच उन्होंने विदेशी सरजमीं पर 20 टेस्ट मैच में 39.55 की औसत से 1147 रन बनाए जिसमें चार शतक शामिल हैं। मैनचेस्टर में 1990 में खेली गयी उनकी 119 रन की पारी और फिर ऑस्ट्रेलियाई दौरे में दो शतक भला कौन भूल सकता है। भारत ने इस बीच सात देशों के खिलाफ मैच खेले लेकिन तेंदुलकर को ब्रायन लारा की वेस्टइंडीज टीम का सामना करने का मौका नहीं मिला था।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें