याकूब को फांसी: कोर्ट के फैसले से निराश ओवैसी ने कहा, बाबरी मस्जिद के आरोपियों को हो फांसी
सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन को कल दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया। एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी...
सुप्रीम कोर्ट ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन को कल दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने से आज इंकार कर दिया। एमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर निराशा जताई है। ओवैसी ने कहा है कि बाबरी मस्जिद के आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिये।
एक इंटरव्यू में ओवैसी ने कहा कि राजीव गांधी के हत्यारों को आखिर फांसी क्यों नहीं दी गई। ओवैसी ने कहा कि 1993 मुंबई बम ब्लास्ट में कानून का मदद करने वाले याकूब को आखिर क्यों जब फांसी दी जा रही है। ओवैसी ने कहा कि कई जजों ने याकूब की फांसी का विरोध किया, फिर भी उसे फांसी दिया जाना काफी निराशाजनक है।
ओवैसी ने कहा कि याकूब मेमन को इसलिए फांसी दी जा रही है क्योंकि उसके पीछे वैसा मजबूत राजनीतिक समर्थन नहीं है जैसा बेअंत सिंह के हत्यारों और राजीव गांधी के हत्यारों के पीछे था। ओवैसी ने कहा कि देश के तमाम न्यायविदों ने इस बात से सहमति जताई है कि याकूब को फांसी नहीं दी जानी चाहिए।
ओवैसी ने कहा कि मुंबई धमाकों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे लेकिन उससे पहले हुए दंगे में तो इससे कई गुना ज्यादा लोग मारे गए, आखिर उन दंगों में किसी को फांसी की सजा क्यों नहीं हुई? बाबरी मस्जिद ध्वंस के दोषियों को फांसी क्यों नहीं हुई?
ओवैसी ने कहा कि अकाली दल अपनी राजनीतिक ताकत के बूते बेअंत सिंह के हत्यारों की फांसी उम्रकैद में तब्दील करा लेता है, तमिल पार्टियां राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी से बचा लेती हैं लेकिन याकूब के पास वैसा राजनीतिक समर्थन नहीं था। ओवैसी ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हैरान और निराश हैं।