सभी टीमे जूझ रही हैं वनडे के नये नियमों से
वनडे क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिये आईसीसी ने नियमों में बदलाव तो कर दिये लेकिन भारत सहित अधिकतर टीमों को इनसे तालमेल बिठाने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा...
टवेंटी-20 की बढ़ती लोकप्रियता के कारण एक समय खतरे में दिख रहे वनडे क्रिकेट को रोमांचक बनाने के लिये आईसीसी ने नियमों में बदलाव तो कर दिये लेकिन भारत सहित अधिकतर टीमों को इनसे तालमेल बिठाने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है।
आईसीसी के नये नियमों के अनुसार दोनों छोर से नई गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा। गेंदबाज एक ओवर में दो बाउंसर कर पाएंगे। मैच में पूरे समय तीस गज के घेरे के बाहर केवल चार क्षेत्ररक्षक होंगे तथा पॉवरप्ले केवल दो ही होंगे।
पिछले दो महीने से लागू इन नियमों के कारण भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी अपने सबसे सफल कामचलाऊ गेंदबाज और विश्व कप के नायक युवराज सिंह का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। इंग्लैंड की टीम भारत के खिलाफ 11 जनवरी से शुरू होने वाली सीरीज़ से पहले नियमों से माथापच्ची कर रही है तो न्यूजीलैंड के नये कप्तान ब्रैंडन मैकुलम बल्लेबाजी क्रम में बदलाव पर विचार कर रहे हैं।
युवराज ने विश्व कप में अपनी गेंदबाजी का कमाल दिखाया था लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज़ में उन्होंने केवल छह ओवर किये और इनमें उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। धौनी ने युवराज को गेंद नहीं सौंपने का कारण नये नियम बताये थे।
धौनी ने कहा कि नये नियमों के अनुसार पांच क्षेत्ररक्षकों का सर्किल के अंदर रहना अनिवार्य है। युवराज को इस तरह के क्षेत्ररक्षण में गेंदबाजी करना पसंद नहीं है। उन्हें अधिक अभ्यास करना होगा। नये नियमों के कारण अब पार्टटाइम गेंदबाजों के लिये गेंदबाजी करना आसान नहीं रहा। हमें वास्तव में अब एक अदद ऑलराउंडर की सख्त जरूरत है।
भारतीय शीर्ष क्रम पाकिस्तान के खिलाफ बुरी तरह नाकाम रहा। वीरेंद्र सहवाग ने दो मैच में 35 रन, गौतम गंभीर ने तीन मैच में 34 रन, विराट कोहली ने तीन मैच में 13 रन, युवराज ने तीन मैच में 34 रन और अंजिक्य रहाणे ने एक मैच में केवल चार बनाये। धौनी ने इनकी असफलता का कारण भी दो नई गेंदों के इस्तेमाल का नया नियम बताया था।
अब भारत का मुकाबला इंग्लैंड से है जिसे वनडे सीरीज़ से पहले भारत ए और दिल्ली के खिलाफ दोनों अभ्यास मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर जेम्स ट्रेडवेल इसका कारण नये नियमों से तालमेल नहीं बिठा पाना मानते हैं। उन्होंने कहा कि वनडे के नये नियम थोड़े मुश्किल हैं और हमें इनको लेकर माथापच्ची करनी पड़ रही है।
आईसीसी के इन नये नियमों को श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच नवंबर में खेली गयी वनडे सीरीज़ से लागू किया गया था। श्रीलंकाई कप्तान माहेला जयवर्धने ने तब कहा था कि इससे गेंदबाजों पर दबाव बढ़ेगा।
जयवर्धने के अनुसार, पांच क्षेत्ररक्षकों को सर्किल के अंदर रखने से गेंदबाजों के लिये अच्छा प्रदर्शन करना मुश्किल होगा। उन पर अतिरिक्त दबाव बढ़ेगा क्योंकि बिना पॉवरप्ले वाले ओवरों में सर्किल के बाहर केवल चार क्षेत्ररक्षक रहेंगे और ऐसे में गेंद को सीमा रेखा पार पहुंचाना आसान होगा।
वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी का मानना है कि इससे स्पिनरों की समस्याएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि अब यह बल्लेबाजों के लिये अधिक अनुकूल बन गया है। मुझे स्पिनरों के प्रति सहानुभूति है। उन्हें किफायती गेंदबाजी करने के लिये अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
पाकिस्तान के कप्तान मिसबाह उल हक ने भारत के खिलाफ सीरीज़ से पहले कहा था कि इन नियमों से तालमेल बिठाना मुश्किल होगा। सीरीज़ समाप्त होने के बाद हालांकि उन्होंने माना था कि उनकी टीम ने भारत की तुलना में नये नियमों से बेहतर सामंजस्य बिठाया और इसलिए उन्हें 2-1 से जीत मिली।
उधर न्यूजीलैंड को अब दक्षिण अफ्रीका से वनडे सीरीज़ खेलनी है और कीवी टीम के नये कप्तान ब्रैंडन मैकुलम इस वजह से अपने बल्लेबाजी क्रम में बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं। मैकुलम ने हाल में कहा था कि वनडे क्रिकेट के नियमों के बदलाव के बाद हम अपनी बल्लेबाजी लाइन अप में भी बदलाव देख सकते हैं। इन हालात में मेरा बाद में बल्लेबाजी करना सही रहेगा।
दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के बीच वनडे सीरीज़ 19 जनवरी से शुरू होगी। टीमों को भले ही अभी नये नियमों से जूझना पड़ रहा है लेकिन आईसीसी ने कहा कि एक साल तक नियमों की समीक्षा की जाएगी और उसी के बाद इन पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन ने हाल में दिल्ली में कहा था कि मैं समझता हूं कि कप्तानों को नये नियमों के अनुसार रणनीति तैयार करने में थोड़ा समय लगेगा। अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह सफल रहें हैं या नहीं। इसका मकसद क्रिकेट को बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों लिहाज से अधिक आक्रामक बनाना है।