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ब्रांड मैनेजमेंट करें करियर की ब्रांडिंग

ब्रांड मैनेजमेंट एक चुनौतीपूर्ण करियर फील्ड है, जिसमें रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है। इस करियर फील्ड के बारे में बता रहे हैं परितोष राज ‘ठंडा मतलब कोका कोला’ हो या ‘कर लो दुनिया...

ब्रांड मैनेजमेंट करें करियर की ब्रांडिंग
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 28 Jan 2015 01:35 PM
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ब्रांड मैनेजमेंट एक चुनौतीपूर्ण करियर फील्ड है, जिसमें रोजगार के अवसरों की कमी नहीं है। इस करियर फील्ड के बारे में बता रहे हैं परितोष राज

‘ठंडा मतलब कोका कोला’ हो या ‘कर लो दुनिया मुट्ठी में’ या फिर ‘कुछ मीठा हो जाए’ ये चंद स्लोगन ऐसे हैं, जो बच्चों-बड़ों सबकी जुबान पर होते हैं। उनसे अगर इन स्लोगन के बारे में पूछा जाए तो वे आसानी से बता देंगे कि ये किस प्रोडक्ट का स्लोगन है। वास्तव में ये स्लोगन नहीं हैं, ये है ब्रांडिंग। किसी ब्रांड (प्रोडक्ट) की ब्रांडिंग कर उन्हें जन-जन तक कैसे पहुंचाया जाता है, इसका एक नमूना मात्र हैं ये। आज का समय ऐसा है कि ‘जो दिखता है, वही बिकता है’। ऐसे में आज के इस प्रतियोगी युग में सभी छोटी-बड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को आगे निकालने के लिए जम कर ब्रांडिंग का इस्तेमाल कर रही हैं और इन कामों को बखूबी अंजाम देने का काम कर रहे हैं कंपनी के ब्रांड मैनेजर और ब्रांड मैनेजमेंट टीम। ब्रांडिंग के बढ़ते इस्तेमाल ने ब्रांड मैनेजमेंट को युवाओं के लिए एक बेहतर करियर विकल्प के रूप में उभारा है।

कैसे बनें ब्रांड मैनेजर
ब्रांड मैनेजर बनने के लिए ब्रांड मैनेजमेंट या मैनेजमेंट में डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करना जरूरी है। देश के कई संस्थानों में इसके लिए अलग-अलग कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। देश के प्रमुख मैनेजमेंट संस्थानों इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में अभी ब्रांड मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन में दो वर्षीय डिग्री नहीं है, लेकिन आईआईएम तिरुचिरापल्ली में एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन ब्रांड एंड एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट का कोर्स संचालित किया जा रहा है। हालांकि आईआईएम अहमदाबाद, बेंगलुरू, इंदौर और कोलकाता में ब्रांड मैनेजमेंट का शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स अवश्य कराया जा रहा है। कई प्राइवेट संस्थान अपने यहां ब्रांड मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन में बैचलर, पीजी डिप्लोमा और एडवांस्ड पीजी डिप्लोमा जैसे कोर्स संचालित कर रहे हैं। इसके अलावा देशभर के अधिकांश संस्थानों में मैनेजमेंट के लिए एमबीए कोर्स करने वाले सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से एक पेपर के रूप में ब्रांड मैनेजमेंट का अध्ययन कराया जा रहा है। छात्र अगर चाहें तो किसी भी संकाय में एमबीए करने के दौरान ब्रांड मैनेजमेंट का अच्छी तरह अध्ययन करने के बाद इस क्षेत्र को करियर विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।

प्रमुख कोर्स
पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन ब्रांड एंड एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट
पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स इन इंटिग्रेटेड मार्केटिंग कम्युनिकेशन मैनेजमेंट (ब्रांड मैनेजमेंट)
इंटिग्रेटेड इंटरनेट मार्केटिंग एंड ब्रांडिंग
पीजी डिप्लोमा इन ब्रांड मैनेजमेंट
एडवांस्ड डिप्लोमा इन ब्रांड मैनेजमेंट
पीजी डिप्लोमा इन मैनेजमेंट
मास्टर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन
बैचलर इन लग्जरी ब्रांड मैनेजमेंट

योग्यता
आईआईएम तिरुचिरापल्ली के पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन ब्रांड एंड एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट कोर्स में नामांकन के लिए किसी भी संकाय में 50 प्रतिशत अंकों के साथ  मास्टर डिग्री और दो वर्ष का कार्य अनुभव जरूरी है, जबकि अन्य संस्थानों के पीजी डिप्लोमा या एमबीए कोर्स में नामांकन के लिए बैचलर डिग्री अनिवार्य है।

प्रवेश प्रक्रिया
आईआईएम के एक वर्षीय पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन ब्रांड एंड एडवर्टाइजिंग मैनेजमेंट में नामांकन संस्थान द्वारा आयोजित प्रोग्राम एप्टिटय़ूड टेस्ट के आधार पर होता है, जबकि अन्य संस्थान कैट/मैट/जैट के स्कोर पर नामांकन देते हैं या अपनी अलग प्रवेश परीक्षा का आयोजन करते हैं।

पाठय़क्रम में ब्रांडिंग की बेहतर नॉलेज
ब्रांड मैनेजमेंट करने वाले प्रशिक्षणार्थियों को ब्रांड मैनेजमेंट के बारे में बेहतर तरीके से थ्योरेटिकल और प्रैक्टिकल नॉलेज व प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें ब्रांड प्लानिंग से लेकर मार्केट रिसर्च, ब्रांड बिल्डिंग, ब्रांड पोजिशनिंग, ब्रांड एनालिसिस आदि के बारे में बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि जब छात्र प्रोफेशनल फील्ड में आएं तो अपनी कंपनी के प्रोडक्ट और ब्रांड की अच्छे तरीके से ब्रांडिंग करते हुए उसे मार्केट में बेहतर मुकाम दिला सकें।

ब्रांड मैनेजर के काम
प्रोडक्ट की इमेज को कस्टमर की नजरों में बेहतर दिखाने और किसी भी प्रोडक्ट को मार्केट में और आम लोगों के बीच पहचान दिलाने का अहम कार्य ब्रांड मैनेजर ही करता है। मैनेजर के कंधों पर यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने प्रोडक्ट का इस तरह से प्रमोशन करे कि वह प्रोडक्ट कस्टमर के बीच आसानी से अपनी पहचान बना ले और उनके बीच जल्द से जल्द लोकप्रिय हो जाए। दूसरे ब्रांड से टकराव न हो, ऐसी स्थिति से बचने के लिए पहले से बेहतर उपाय करने से लेकर टकराव होने पर उस समस्या का समाधान करते हुए अपने प्रोडक्ट को मार्केट में बनाए रखने का सारा दारोमदार इसी मैनेजर के कंधों पर होता है। इसके अलावा रिसर्च, मार्केट एनालिसिस और कस्टमर एक्टिविटी के बारे में जानकारी जुटा कर अपने ब्रांड की बेहतर ब्रांडिंग करने का अहम काम भी ब्रांड मैनेजर ही करते हैं।

चुनौतियां
ब्रांड मैनेजर के लिए मार्केट में कंपनी के प्रोडक्ट को बेहतर बाजार दिलाने की चुनौती हमेशा बनी रहती है। आज के इस प्रतिस्पर्धी दौर में एक-दूसरे से आगे निकलने और प्रोडक्ट को टॉप पर बनाए रखने के लिए कंपनियों के बीच गला-कांट प्रतिस्पर्धा चल रही है। ऐसे में ब्रांड मैनेजर के ऊपर हमेशा यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने प्रोडक्ट को सही कस्टमर तक पहुंचाते हुए अपने दायरे का विस्तार करे और अपने प्रोडक्ट को बेहतर मार्केट मुहैया कराते हुए टॉप पर बनाए रखे।

स्किल्स
ब्रांडिंग और एडवर्टाइजिंग की अच्छी समझ
बिजनेस डेवलप करने की क्षमता
ब्रांड में होने वाले बदलाव के बारे में अपडेट
ब्रांड नॉलेज स्किल्स
काम करने का लगन व जुनून
धैर्य से काम लेने की क्षमता
विपरीत परिस्थिति में डट कर मुकाबला करने की काबिलियत
क्रिएटिविटी
बेहतर कम्युनिकेशन स्किल

सेलरी
पीजी डिप्लोमा या डिग्री करने के बाद किसी अच्छी कंपनी से जुड़ने पर शुरुआती दिनों में 20-25 हजार रुपए प्रतिमाह मिल जाते हैं।
कुछ समय के अनुभव और बेहतर काम करने पर सेलरी में तेजी से उछाल आता है। दो-तीन साल के अनुभव और आकर्षक कार्य प्रोफाइल होने पर बड़ी कंपनियां सालाना 6-7 लाख रुपए तक का पैकज ऑफर करती हैं।

एक्सपर्ट्स व्यू
स्किल निखारें, सफलता पाएं
आजकल हर क्षेत्र में ब्रांडिंग का जम कर इस्तेमाल हो रहा है। अपने प्रोडक्ट को बेहतर मार्केट मुहैया कराने के लिए ब्रांडिंग सबसे बेहतर साधन बन गया है। ब्रांड मैनेजमेंट का दायरा काफी तेजी से फैल रहा है और आने वाले समय में इसमें काफी तेजी से विस्तार होगा। ऐसे में युवाओं के लिए यह बेहतर करियर विकल्प साबित हो सकता है, लेकिन युवाओं को कोर्स के साथ-साथ अपनी स्किल्स को भी निखारना चाहिए। अगर युवाओं के अन्दर क्रिएटिविटी, ब्रांड की बेहतर समझ, अच्छी कम्युनिकेशन स्किल और लगन व जुनून से काम करने की क्षमता होगी, तभी वो इस क्षेत्र में आगे जा सकते हैं। अगर युवाओं में ये सारी खूबियां हों तो वे मार्केटिंग या किसी अन्य शाखा में भी एमबीए करके ब्रांडिंग के क्षेत्र में अपना बेहतर करियर निर्माण कर सकते हैं। कोर्स के लिए युवा अच्छे संस्थानों का चयन करें और कोर्स के दौरान दिए जाने वाले प्रशिक्षण को अच्छे से समझें, तभी वे अपनी ब्रांडिंग ठीक तरह से कर पाएंगे और तरक्की की ऊंचाइयों तक का सफर तय कर पाएंगे।
अशोक सिंह, सीनियर करियर कंसल्टेंट

प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट, तिरुचिरापल्ली
http://www.iimtrichy.ac.in
कलकत्ता मीडिया इंस्टीटय़ूट, कोलकाता
http://cmi.net.in
पर्ल एकेडमी
http://pearlacademy.com
इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड एडमिनिस्ट्रेशन, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद
http://www.isbm.org.in/
एनआईआईटी इम्पेरिया  http://niitimperia.com
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल वेल्फेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट, कोलकाता
http://www.iiswbm.edu/
एमपी बिड़ला इंस्टीटय़ूट ऑफ मैनेजमेंट, बेंगलुरू
http://www.mpbim.com/
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट, नई दिल्ली
http://www.iipm.edu/
नोट : एमबीए कराने वाले देश के सभी विश्वविद्यालय

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