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कोसी में वायु सेना ने भी मोर्चा संभाला

उत्तर बिहार के लोगों के लिए सुकून देने वाली खबर है कि नेपाल में जहां भूस्खलन से पहाड़ों के बीच विशाल झील बन गया है, वहां प्रति घंटे तीन इंच की रफ्तार से पानी घटने लगा है। कोसी की धारा में आए अवरोध से...

कोसी में वायु सेना ने भी मोर्चा संभाला
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 04 Aug 2014 08:13 PM
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उत्तर बिहार के लोगों के लिए सुकून देने वाली खबर है कि नेपाल में जहां भूस्खलन से पहाड़ों के बीच विशाल झील बन गया है, वहां प्रति घंटे तीन इंच की रफ्तार से पानी घटने लगा है। कोसी की धारा में आए अवरोध से प्रभावित होने वाले नौ जिलों में राहत व बचाव कार्य में थल सेना के साथ ही सोमवार को वायु सेना भी जुड़ गई।

वायुसेना के छह हेलीकॉप्टर बिहार आ गए हैं। चार पूर्णिया में तैनात किए गए हैं। वहीं थल सेना की पांच टुकड़ियों को कोसी तटबंध के भीतर तैनात किया गया है। तीन और टुकड़ियां आ रही हैं। दानापुर में दो टुकड़ियां रिजर्व रखी गई हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी ने बताया कि सोमवार की दोपहर तक कोसी की पेट से 68 हजार 863 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। राहत और बचाव की तैयारियां बहुत हद तक दुरुस्त कर ली गई हैं। नेपाल सरकार द्वारा सोमवार को अवरोध हटाने के लिए विस्फोट नहीं करने के फैसले से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और बचाव की तैयारियों के लिए और समय मिल गया।

अच्छी बात यह रही कि नेपाल में सोमवार को 60 से 80 एमएम तक बारिश का अनुमान था, लेकिन वह नहीं हुआ। बताया कि अवरोध से 150 मीटर के व्यास में करीब 50 से 60 मीटर की ऊंचाई तक पानी जमा होने का अनुमान है, जो करीब 28 लाख क्यूसेक के बराबर है।

व्यास जी ने कहा कि अगले 72 घंटे काफी संवेदनशील हैं। इन 72 घंटों में ही तय होगा कि नेपाल में विस्फोट के बाद पानी किस रफ्तार से आ रहा है और कोसी नदी के आसपास का कितना बडम भूभाग जलमग्न होगा। उन्होंने कहा कि पहाड़ से नीचे की तरफ अब पानी बढ़ रहा है। अब तक प्रभावित होने वाले नौ जिलों में 154 राहत शिविर बनाए जा चुके हैं। जानवरों के लिए भी 32 शिविर बन गए हैं।

कहां कितने शिविरः सुपौल- 50, सहरसा- 28, मधेपुरा- 14, खगड़िया - 21, अररिया- 07, मधुबनी-11, भागलपुर-10, पूर्णिया- 4, दरभंगा- 09

पशु शिविर : सुपौल 10, सहरसा- 03, मधेपुरा-04, खगड़िया- 03, मधुबनी- 05, भागलपुर- 02, पूर्णिया-01 तथा दरभंगा- 04

राहत व बचाव के साधनः-
सुपौल : पांच एबुंलेंस और दस डॉक्टर, सहरसा : 15 डॉक्टर, मधेपुरा : पांच एंबुलेंस और 10 डॉक्टर, खगड़िया : 04 एंबुलेंस 10 डॉक्टर, मधुबनी : 04 एबुंलेंस 20 डॉक्टर, भागलपुर : 05 एंबुलेंस 10 डॉक्टर, पूर्णिया : 04 एंबुलेंस 12 डॉक्टर, दरभंगा : 02 एंबुलेंस और 20 डॉक्टर

एनडीआरएफ की टीम
सुपौल- 3
सहरसा- 4
मधेपुरा-4
खगड़िया- 2
अररिया- 1

एसडीआरएफ की टीम
सुपौल- 1  
खगड़िया- 1 
मधुबनी- 1
भागलपुर- 1
दरभंगा- 1

कहां कितने लोग पहुंचाए गए शिविरों में
सुपौल में 24073, सहरसा में 12,500, मधेपुरा में 1540, खगड़िया में 11 हजार, अररिया में 250, मधुबनी  में 11,500, भागलपुर में 4000 तथा दरभंगा से 4000

राहत- बचाव
- एनडीआरएफ की टीम के साथ चिकित्सक और पशु चिकित्सक भी हैं
- प्रभावित हर जिले में दस बोट के साथ ही 150 सरकारी नावें लगाई गई हैं
- एनडीआरएफ की टीम के पास फ्लड रेस्क्यू उपकरण: इंफ्लेटेबल बोट, लाइफ जैकेट, फिशिंग नेट, गोताखोर, डाइविंग सेट, सेटेलाइट फोन।

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