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जादू के पिटारे से कबूतर गायब

पर्यावरण का चश्मा ब्रिटेन में खुले में चिता जला कर हिंदू भी अंतिम संस्कार नहीं कर सकते हैं। यह फैसला ब्रिटिश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक भारतवंशी देवेन्द्र घई की अपील पर किया है। हिंदू मान्यता है कि...

 जादू के पिटारे से कबूतर गायब
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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पर्यावरण का चश्मा ब्रिटेन में खुले में चिता जला कर हिंदू भी अंतिम संस्कार नहीं कर सकते हैं। यह फैसला ब्रिटिश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक भारतवंशी देवेन्द्र घई की अपील पर किया है। हिंदू मान्यता है कि चिता को खुले में जलाना चाहिए, लेकिन अब समय आ गया है कि इन पुरानी मान्यताओं को पर्यावरण के चश्मे से देखा जाए। आखिर कब तक नए कब्रिस्तान बनाए जा सकते हैं? कब तक हम अपनी वन्य सम्पदा को श्मशानों में नष्ट करते रहेंगे? महेन्द्र सिंह अहलावत, दिल्ली क्यों खामोश है विश्व ? विश्व समुदाय की अभी चेतना नहीं जगी तो निस्संदेह पाकिस्तानी व तालिबानी रूपी आतंकी कारखाना समस्त विश्व को अपने आगोश में समेट लेगा। शायद इंसानी मानस पटल याद न हो। गोधरा कांड पर माननीय मोदीजी को अमेरिका प्रवेश नहीं करने दिया गया था, जबकि मोदीजी उस मामले में लिप्त नहीं थे। अब क्या हो रहा है स्वात घाटी में बेकसूर हिंदू-सिखों को अमानवीय तरीकों से वहां से बेदखल होना पड़ रहा है। धर्मवीर आनंद, आनन्द विहार, दिल्ली चेतो जल्द चेतो हिन्दुस्तान में छपे द ग्रेट इंडियन वोट मेला को पढ़कर यही कह सकती हूं कि भले ही भारत के आम चुनाव को दुनिया भर में लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव के तौर पर समझा जाता रहा हो, परंतु 15वीं लोकसभा का चुनाव का दृश्य यह परिलक्षित कर रहा है कि यह पैसे के ढेर पर लोकतंत्र का तमाशा ही है। चुनाव को तो जनतंत्र का उत्सव कहा जाता है, पर सत्ता की मारामारी ने इसे धन-बल का तमाशा बना दिया। लोकतंत्र के समर्थकों को चेतने का समय आ गया है। चेतो, जल्द चेतो नहीं तो हो सकता है बहुत देर हो जाए। विभा झा, नई दिल्ली बिजली चोर की बल्ले-बल्ले जिस कॉलोनी में मैं रहता हूं और आस-पास जिधर भी नजर जाती है, सब जगह बिजली चोर नजर आते हैं। इनकी चोरी का खामियाजा उन ईमानदार उपभोक्ताओं को उठाना पड़ रहा है, जो चोरी नहीं करना चाहते। नए मीटर लगाने से भी कुछ नहीं होता क्योंकि ये लाइन की तार में कट लगाते हैं। कुछ फिटिंग ही चोरी वाली करते हैं। क्या इन बिजली चोरों का नुकसान बिजली कंपनियां ईमानदार लोगों की जेब खाली करके पूरा करती रहेंगी? या फिर इन पर सख्त कार्रवाई करके इन पर नकेल कसेंगी। हरिराम स्वामी, नई दिल्ली

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