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पीएम मोदी बनना चाहते थे योगी, लेकिन इन्होंने रोका था संन्यास लेने से

पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन में भी कई उतार चढ़ाव आए। एक समय ऐसा भी आया जब मोदी सांसारिक मोह माया से दूर चले जाना चाहते थे। वह पूरी तरह से संन्यास लेने का मन बना चुके थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से एक...

पीएम मोदी बनना चाहते थे योगी, लेकिन इन्होंने रोका था संन्यास लेने से
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 16 Sep 2016 04:42 PM
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पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन में भी कई उतार चढ़ाव आए। एक समय ऐसा भी आया जब मोदी सांसारिक मोह माया से दूर चले जाना चाहते थे। वह पूरी तरह से संन्यास लेने का मन बना चुके थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से एक स्वामी जी ने रोक दिया था। आइए मोदी के जन्मदिन के मौके पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी ही रोचक बातें...



16 साल की उम्र में होना चाहते थे संन्यासी
नरेंद्र मोदी के जीवन में एक क्षण वह भी आया जब उन्होंने सांसारिक जीवन का त्याग करने का फैसला कर लिया। वह सन्यासी बन जाना चाहते थे लेकिन एक शख्स था जिसने मोदी को सन्यास लेने से रोक दिया। बेल्लूर मठ के अध्यक्ष स्वामी आत्माष्ठानंद। जीवन के 16वें साल में नरेंद्र मोदी सन्यासी हो जाना चाहते थे, खुद मोदी बताते हैं कि वे हिमालय चले गए थे।

बेल्लूर मठ की स्थापना स्वामी विवेकानंद ने की थी और विवेकानंद से मोदी बहुत प्रभावित थे इसीलिए वह यहां पहुंचे और सन्यास लेना चाहा लेकिन आत्माष्ठानंद ने उन्हें ऐसा करने से रोका और कहा कि तुम्हें कुछ और काम करना है, वापिस जाओ।

बाद में बेल्लूर मठ की ओर से स्मामी जी को राजकोट भेज दिया गया था जहां पर नरेंद्र अक्सर जाया करते थे। बताते हैं कि जब मोदी ने पीएम पद की शपथ ली तो उनके जैकेट में जो फूल लगा था वह मठ से प्रसाद के रूप में आया था।

इस शख्स ने संघ से कराया मोदी का परिचय 
 वकील साहब के नाम से प्रसिद्ध लक्ष्मण राम इनामदार ने नरेंद्र में छुपे सेवाभाव को पहचाना और उन्हें संघ से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। कहा जाता है कि उन्होंने ही नरेंद्र मोदी का परिचय संघ से कराया। 

अपनी किताब 'सेतुबंध' में मोदी ने वकील साहब के बारे में लिखा है कि, लक्ष्मण राम इनामदार को शायद लोग ना जानते हों लेकिन गुजरात का कोई गांव ऐसा ना होगा जहां ये नाम ना पहुंचा हो। मोदी ने इस किताब में वकील साहब के जीवन के बारे में बताया है कि उनका जन्म महाराष्ट्र में हुआ था लेकिन उन्होंने जीवन का लंबा वक्त गुजरात में बिताया। मोदी को समाजसेवा के प्रति, संघ के प्रति वकील साहब ने ही प्रेरित किया।

अपने गुरू को बहुत मानते हैं मोदी 
अभी हाल ही में पीएम मोदी अपने गुरु से मिलने के लिए ऋषिकेश गए थे। माना जाता है कि स्वामी दयानंद सरस्वती का मोदी के जीवन पर गहरा प्रभाव है। स्वामी दयानंद गिरि शंकर परंपरा के वेदांत और संस्कृत के शिक्षक रहे हैं।

मोदी अपने गुरु को काफी मानते हैं और गुरु भी अपने इस शिष्य को बहुत दुलार करते हैं। सीएम रहते हुए मोदी ने जब गुरु को गुजरात बुलाया था तो गुरु भी इंकार नहीं कर पाए थे। माना जाता है कि हिमालय यात्रा के तुरंत बाद मोदी की मुलाकात दयानंद गिरि से हुई थी।

उन्होंने मोदी के मन से वैराग्य दूर करने का प्रयास किया और फिर उन्हें वेदांत से परिचित कराया। मोदी हमेशा मानते हैं कि वेदांत का उनके जीवन पर काफी प्रभाव रहा है।

कई लोग हैं पीएम के प्रेरणास्रोत
नरेंद्र मोदी पर किताब लिखने वाले हरीश बर्णवाल बताते हैं कि स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, सरदार पटेल जैसे लोगों का भी मोदी की विचारधारा पर बहुत प्रभाव पड़ा। हरीश के मुताबिक, मैं जब मोदी पर किताब लिख रहा था तो मुझे महसूस हुआ कि ही इज ए ट्रू लर्नर, वो जीवन में सीखने की चाह रखते हैं और हर शख्स और हर चीज से अच्छी बातें सीखते हैं।

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