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बच्चे पर भ्रूण के दुष्प्रभावों को रोकने को लेकर डॉक्टरों ने की चर्चा

दिल्ली डायबेटिक फोरम द्वारा 25वीं वर्षगांठ पर रजत जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिकित्स के क्षेत्र चिकित्सक...

बच्चे पर भ्रूण के दुष्प्रभावों को रोकने को लेकर डॉक्टरों ने की चर्चा
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 25 Apr 2017 07:03 PM
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दिल्ली डायबेटिक फोरम द्वारा 25वीं वर्षगांठ पर रजत जयंती समारोह का भव्य आयोजन किया गया। रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के चिकित्स के क्षेत्र चिकित्सक शिक्षविद एवं वरिष्ठ परामर्शदाताओं के अतिरिक्त लगभग 500 से अधिक चिकित्सक प्रतिनिधियों ने निरन्तर चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में सम्मिलित होकर लाभान्वित हुए। डायबकान 2017 के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी का विषय "मघुमेह रोग वर्तमान व्यापक परिदृश्य" निश्चित किया गया। इस संगोष्टी देश के विभिन्न राज्यों एवं विदेश के चिकित्सक विशेषज्ञों ने भाग लेकर अपने अनुभवों को साझा किया ताकि समाज के सभी वर्गों में मधुमेह के प्रति जानकारी एवं बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकें।

संगोष्ठी में देश के विभिन्न राज्यों से आये चिकित्सकों ने अपने अनुभव वैज्ञानिक सत्रों के माध्यम से प्रस्तुत किए तथा संगोष्ठी रुचि कर बनाने के लिए वैज्ञानिक सत्रों में किवज भी आयोजित की गई। मुंबई के वरिष्ठ चिकित्सक एवं परामर्शदाता डॉ. सिद्धार्थ एन.शाह ने इस अवसर पर मधुमेह पर 120 पृष्ठ का जनरल अंक का विमोचन किया। इस अवसर पर डॉ.वाई. पी. मुंजाल निदेशक फिजिशियन, रिसर्च फॉउंडेशन डॉ. सचिन जैन, डॉ. पी. के सक्सेना, डॉ. अनुपम प्रकाश चिकित्सा विभाग लेडी हार्डिंग नई दिल्ली के अतिरिक्त डॉ. एस. पी. कालरा एवं डॉ. राजीव गुप्ता उपस्थित थे।

प्रो पी. के. सक्सेना ने गर्भवस्था में मघुमेह पर एक पैनल की अध्यक्षता की। चर्चा के दौरान गर्भावस्था में रक्तशर्करा का बेहतर ढंग से नियंत्रण कैसे किया जाए तथा जन्म से पूर्व बच्चे पर भ्रूण में होने वाले दुष्प्रभावों को कैसे रोका जाए ताकि बच्चे का शारीरिक विकास प्रभावित नहीं हो विषय पर विस्तृत चर्चा की गई।

दिल्ली के एच. के. चोपड़ा और डॉ. अनुपम डे (भुवनेश्वर) द्वारा गर्भावस्था के दौरान भ्रूण पर मधुमेह के प्रभाव और पोषण का प्रभाव पर तथ्य प्रस्तुत किया।

डॉ. विनोद मित्तल ने गर्भवस्था में मघुमेह के दुष्परिणामों के अन्य कारण 'फेट्टी टिश्यू' चर्चा की डॉ. बी.सी. राय पदक से सम्मानित ओर पूर्व एशियन फीजिशयन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. राजेश उपाध्यक्ष ने डायबेटिक हेपेटोपैथी पर विचार प्रस्तुत किए। 

असम से डॉ0 भट्टचार्य ने गर्भवस्था के दौरान रक्त शर्करा के बेहतर नियंत्रण और जन्म से पूर्व भ्रूण को होने वाले प्रतिकूल हानिकारक प्रभावों पर चर्चा की गई। डॉ. भट्टाचार्य ने पोषण आधिक्य एवं गरीबी में भोजन पोषण की मधुमेह के संदर्भ में चर्चा की मघुमेह में दीर्घकालिक मौखिक रूप से ली जाने वाली दवाइयां एवं इन्सुलिन एवं गैर इन्सुलिन दवाईयां के विकल्प पर विचार प्रस्तुत किए गए।

डॉ. वाई पी. मुंझाल एवं डॉ. राजीव चावला द्वारा कोर्डयोंवस्कुलर पर चर्चा करते हुए स्वास्थ्य सुरक्षा की दृष्टि से कौन-कौन सी दवाइयों का सेवन किया जाये-विस्तार से अपने शोध कार्यों को प्रस्तुत किया। चैन्नई के चिकित्सक डॉ0 विजय विश्वनाथन द्वारा भारतीय सन्दर्भ में तथ्य प्रस्तुत करते हुए बल दिया कि तपेदिक (टीबी) से पीड़ित सभी रोगियों की मघुमेह रोग की जांच के लिए जांच की जानी चाहिए। डॉ. एन.पी.सिंह द्वारा मधुमेह रोग में किडनी की उचित देखभाल एवं प्रबन्धन पर चर्चा हुई दिल्ली के चिकित्सक डॉ.जे.पी शर्मा ने मघुमेह रोगियों को रमजान के महीने एवं नवरात्रों में उपवास रखते समय मघुमेह के नियंत्रण एवं प्रबन्धन पर व्याख्या प्रस्तुत की गई।

जनक पुरी सुपर स्पेशियलिटी दिल्ली के मधुमेह विशेषज्ञ एवं परामर्शदाता डॉ. एम.एम.मेहंदीरत्ता ने मघुमेह में नसों पर प्रभाव तथा न्यूरोपैथी की जानकारी प्रस्तुत कर अनुभव को साझा किया।

दो दिवसीय संगोष्ठी "डायबकान 2017" के इस रजत जयंती समारोह के दौरान सभी विशेषज्ञों ने उत्साह से भाग लिया तथा मघुमेह-देखभाल प्रबन्धन के विशेष पहलुओं पर व्यापक चर्चा पर गहन रुचि देखी गई। संगोष्ठी के संस्करण के लिए दिल्ली चिकित्सा परिषद द्वारा 10 घण्टों के लिए मान्यता दी गई थी।

दिल्ली डायबिटीज फोरम के प्रबंधकों ने मधुमेह के नियंत्रण के लिए प्रबन्धन के प्रति समुदाय के सभी वर्गों में जागरूकता पैदा करने की प्रतिबद्धता को मजबूती से दोहराया तथा चिकित्सकों शैक्षिक कार्यक्रमों के आयोजन के माध्यम से नवीनतम शोधों से परिचित करा मघुमेह रोगियों की गुणवत्ता पूर्ण बेहतर इलाज हो जनसाधारण में बढ़ते हुए मघुमेह की रोकथाम के लिए जागरूकता के माध्यम से प्रयास किए जाएगा इस कटिबद्वता के साथ दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया।
 

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