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भोजपुर में बेटे के तिलक के दिन अगवा कर पिता की हत्या

बेटे के तिलक के दिन ही अगवा कर उसके पिता की हत्या कर दी गई। यह वारदात भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के गुलजारपुर गांव के समीप बुधवार की रात हुई। भारी हथियार से वार कर हत्या किये जाने की आशंका जताई जा...

भोजपुर में बेटे के तिलक के दिन अगवा कर पिता की हत्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 01 Jun 2017 03:44 PM
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बेटे के तिलक के दिन ही अगवा कर उसके पिता की हत्या कर दी गई। यह वारदात भोजपुर के सहार थाना क्षेत्र के गुलजारपुर गांव के समीप बुधवार की रात हुई। भारी हथियार से वार कर हत्या किये जाने की आशंका जताई जा रही है। मृतक के शरीर पर जलाये जाने का भी निशान मिला है। गुरुवार की सुबह गुलजारपुर व अनुआं गांवों के बीच उसका शव बरामद किया गया। मृतक की पहचान चरपोखरी थाना क्षेत्र के मदई गांव निवासी कामेश्वर सिंह के रूप में की गयी। बुधवार को उसके बेटे का तिलक था और उसी सुबह से घर से गायब था। अधेड़ की हत्या की खबर से पूरे इलाके में सनसनी मच गयी। सूचना मिलने पर स्थानीय पुलिस मौके पर पहंुची और शव का पोस्टमार्टम कराया। हत्या का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। घटना के संबंध में बताया जाता है कि कामेश्वर सिंह रोजाना की तरह बुधवार की तड़के करीब तीन बजे शौच करने गांव के बाहर गये थे। देर तक जब घर नहीं लौटे तो परिजनों ने खोजबीन शुरू कर दी। इस बीच गुरुवार की सुबह मदई गांव का ही एक युवक बालू लेने सहार की ओर जा रहा था। तभी गुलजारपुर व अनुआं गांवों के बीच सड़क किनारे कामेश्वर सिंह के शव पर उसकी नजर पड़ी। उसने तुंरत इसकी सूचना मृतक के परिजनों को दी। सूचना मिलने पर सहार थानाध्यक्ष संजय कुमार भी पहंुच गये। डॉक्टर के अनुसार मृतक के सिर पर भारी हथियार से वार करने व हाथ व छाती के नीचे जलाये जाने का जख्म पाया गया है। घर में बेटे का चढ़ रहा था तिलक, बाहर बाप की हो रही थी हत्यामदई गांव निवासी कामेश्वर सिंह के मांझिल बेटे सिपाही यादव की शादी होने वाली है। बुधवार को तिलक था और पांच मई को शादी है। कामेश्वर सिंह तिलक की तैयारी में जुटे थे। तभी बुधवार की सुबह उनको अगवा कर लिया गया। जिस समय उनके बेटे का तिलक चढ़ रहा था। उसी समय उनकी हत्या की जा रही थी। मृतक के बड़े बेटे गुड्डू यादव ने बताया कि मंगलवार को पिताजी सामान की खरीदारी करने पीरो गये थे। रात में अपने मामा व जीजा के साथ दालान में सो गये। बुधवार की तड़के वे शौच करने चले गये। सुबह खरीदारी करने बाजार जाने के लिए उनकी खोज शुरू की गयी, तो कहीं पता नहीं चला। पूरे दिन खोजबीन की गयी, फिर भी कहीं सुराग नहीं मिल सका। किसी तरह तिलक की रस्म पूरी की गयी। सुबह अभी रिश्तेदारों की विदाई की जा रही थी, तभी हत्या की खबर मिली। गांव के ही एक व्यक्ति पर घूम रही शक की सूईकामेश्वर सिंह के अपहरण व हत्या में गांव में ही एक व्यक्ति का हाथ होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। हालांकि इस मामले में कामेश्वर सिंह के परिजन अभी कुछ खास बताने से परहेज कर रहे हैं। पहले तो मृतक के बेटों ने कहा कि उनके परिवार का गांव के किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। उनके पिता का हर किसी से अच्छा संबंध था। बाद में बड़े व मांझिल बेटे ने दबे स्वर से गांव के ही एक व्यक्ति से अनबन होने की बात स्वीकार की। बताया कि बहुत दिन पहले उस व्यक्ति से विवाद हुआ था। दोनों भाइयों ने हत्या में उस व्यक्ति का हाथ होने से इनकार नहीं किया। गुड्डू ने बताया कि शादी के बाद ही इस मामले में कुछ किया जायेगा। बेटे की डोली से पहले उठ गयी पिता की अर्थीमातम का डेरासमधी बनने का कामेश्वर का सपना रह गया अधूरारात में मंगल गीत, तो सुबह घर में पसर गया सन्नाटाआरा/चरपोखरी। हिन्दुस्तान संवाददातासमधी बन मांझिल बेटे की ससुराल जाने का कामेश्वर सिंह का सपना पूरा नहीं हो सका। कामेश्वर सिंह ने समधी बनने की सारी तैयारी पूरी कर ली थी। नया कपड़ा व पियरी धोती भी खरीद ली थी, पर शायद नियती को यह मंजूर नहीं था। बेटे की डोली से पहले ही उनकी अर्थी उठ गयी। बेटे की शादी होने से पहले ही उनकी हत्या कर दी गयी। उनकी हत्या की खबर से घर में कोहराम मच गया। शादी का माहौल गम में बदल गया। मंगल गीत की जगह रोना-धोना मच गया। महिलाओं की चीत्कार से गांव का माहौल भी गमगीन हो उठा। जिस घर में शाम तक खुशी का माहौल था, वहां सुबह होते-होते मातमी सन्नाटा पसर गया। हालांकि बुधवार की सुबह उनके अचानक गायब होने के बाद से ही घर का माहौल बदल गया था। इसके बावूजद परिजनों को उम्मीद थी कि शायद सही सलामत लौट आयेंगे। ऐसे में गुरुवार की सुबह हत्या की खबर से परिजन व रिश्तेदार सन्न रह गये। पत्नी लक्ष्मीना देवी तो खबर मिलते ही बेहोश हो गयी। उन्हें किसी तरह संभाला जा रहा था। तीनों बेटों व दो बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। सबसे ज्यादा खराब स्थिति मांझिल बेटे की थी। उसे इस बात का अफसोस था कि बिना पिता के उसकी शादी करनी पड़ रही है।

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