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डायबिटीज : कारण जानने से बचाव आसान

आज डायबिटीज की बीमारी दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जिंदगी में जहर घोलती जा रही है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। यह एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर...

डायबिटीज : कारण जानने से बचाव आसान
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Apr 2017 04:24 PM
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आज डायबिटीज की बीमारी दुनिया भर में करोड़ों लोगों की जिंदगी में जहर घोलती जा रही है। भारत में भी बड़ी संख्या में लोग इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। यह एक ऐसा रोग है, जिसमें व्यक्ति के शरीर में ब्लड शुगर लेवल बहुत अधिक हो जाता है। यह शरीर में तंत्रिकाओं और रक्त धमनियों को नष्ट कर देता है। यह सिर्फ बीमारी नहीं है, बल्कि शरीर में अन्य खतरनाक बीमारियों जैसे दिल का दौरा, गुर्दे की विफलता और डायलिसिस, अंधापन और पैरों के काटने की नौबत तक को जन्म दे रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसका आयु वर्ग से कोई लेना-देना नहीं है। एक तरफ जहां बुजुर्ग व्यक्ति इसके शिकार हो रहे हैं, वहीं आज यह नवजात शिशुओं को भी नहीं बख्श रही है। इसके अलावा युवक-युवतियां भी तेजी से डायबिटीज का शिकार बनते जा रहे हैं। हैरानी की बात है कि हमारे शरीर में डायबिटीज बढ़ने के लिए कोई एक विशेष कारण जिम्मेवार नहीं है। आइये जानते हैं कि यह जानलेवा बीमारी हमारे शरीर में कैसे पनप रही है।

आधुनिक जीवनशैली
आधुनिक जीवनशैली अपनाने के कारण लोगों की जिंदगी में एकाएक बदलाव आया है, जिसके चलते उनका रहन- सहन, खानपान भी पूरी तरह बदल गया है। कामकाजी लोगों का एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठकर काम करते रहना, काम के दौरान शरीर की प्राकृतिक क्रियाओं को नजरअंदाज करना, शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने वाली शारीरिक गतिविधियों से दूरी बनाना और संतुलित आहार लेने की बजाय मसालेदार एवं स्ट्रीट फूड का इस्तेमाल करना हर किसी को इस बीमारी के मुंह में धकेल रहा है। 

तनाव
इस भागदौड़ के समय में आज आदमी की जिंदगी में आराम की जगह तनाव ने ले ली है। चाहे बात निजी जिंदगी की हो या करियर की, दोनों के बीच संतुलन कायम करने के लिए महिला-पुरुष दोनों ही बेहद तनावपूर्ण स्थिति से गुजर रहे हैं। इससे मानसिक दबाव ज्यादा बढ़ जाता है, जिसका सीधा असर हमारी तंत्रिकाओं पर पड़ता है और उच्च रक्तचाप में वृद्धि होती है। यह डायबिटीज का बड़ा कारण बन रहा है।

धूम्रपान
जानकारी न होने के कारण बुजुर्ग व्यक्ति लंबे अरसे से धूम्रपान करते आ रहे हैं। धूम्रपान करने के कारण आज उनके रक्त में शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अब हालात यह हैं कि उनमें हार्ट फेल्योर, अंधेपन संबंधी बीमारियों की शिकायतें सबसे ज्यादा देखी जा रही हैं। यह समस्या युवा पीढ़ी के बीच भी बढ़ती दिख रही है, क्योंकि धूम्रपान की समस्या पढे़-लिखे और कामकाजी युवक-युवतियों के बीच एक फैशन के तौर पर तेजी से बढ़ रही है। धूम्रपान का ज्यादा इस्तेमाल आज ऐसे लाखों युवक-युवतियों में उच्च रक्त शर्करा की समस्याएं पैदा कर रहा है। इसके अलावा एल्कोहल का बेहिसाब इस्तेमाल भी डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी को न्योता दे रहा है। इसमें भी कैलरी की मात्रा बहुत अधिक होती है।

आनुवंशिक कारण
डायबिटीज को पीढ़ी दर पीढ़ी फैलने वाली यानी आनुवंशिक बीमारी की शक्ल में देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर परिवार में अभिभावक को डायबिटीज की समस्या होने पर इसका इलाज न कराया गया तो यह बड़ी ही आसानी से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंच जाती है। इलाज न कराने पर डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिला द्वारा नवजात शिशुओं में भी डायबिटीज की आशंका बढ़ जाती है। 

मोटापा
बहुत ज्यादा खाना खाने से पाचन संबंधी समस्याएं शुरू होती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे कैलरी में तब्दील अधिक भोजन वसा के रूप में पेट के चारों तरफ इकट्ठा हो जाता है। इससे ब्लड वैसल्स को नुकसान पहुंचता है। इसलिए असंतुलित आहार के सेवन से न केवल वयस्कों में, बल्कि छोटे बच्चों में भी मोटापे की समस्या बढ़ रही है, जिससे डायबिटीज की आशंका काफी बढ़ जाती है।

इससे बचने के उपाय
0 डायबिटीज को नियंत्रित करने एवं बचाव के लिए नियमित व्यायाम और सुबह-शाम की सैर को अपनी दिनचर्या में जोड़ें।
0 तनाव लेने से बचें।
0 अधिक मीठी चीजें खाने से परहेज करें। इसकी बजाय शुगर फ्री पेय पदाथार्ें का इस्तेमाल करें।
0 अधिक कैलरी से भरपूर खाद्य पदाथार्ें से दूरी बनायें। इससे  शरीर में मोटापे की समस्या बढ़ती है।
0 गर्भवती महिलाएं ब्लड शुगर की नियमित जांच करायें एवं डॉक्टर द्वारा दिए निर्देशों का ठीक तरह से पालन करें। इससे उनके बच्चों में डायबिटीज की समस्या होने से काफी हद तक बचाव होगा।

डायबिटीज से दूरी के उपाय
खानपान में थोड़ी सावधानी बरतें। ऐसी चीजें खाने से बचें, जिनमें कैलरी अधिक हो और उन्हें पचाने के लिए अधिक वर्कआउट की जरूरत हो। नियमित व्यायाम भी करना जरूरी है, जिससे आपकी काफी कैलरी खर्च होती है और आप ऊर्जा से भरे रहते हैं। इससे मोटापा भी आपसे दूर रहेगा। खासकर डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिलाएं नियमित रूप से डॉक्टरी जांच कराएं।

उपचार है संभव
आयुर्वेद में डायबिटीज का मुख्य लक्षण पाचन-तंत्र में असामान्य परिवर्तन होना एवं इन्सुलिन के स्राव में कमी होना होता है। आयुर्वेद कहता है कि डायबिटीज का उपचार बचाव और पर्याप्त आहार के सेवन से किया जा सकता है। यदि डायबिटीज का उपचार समय से न किया जाये तो यह आंखों की समस्याओं, जोड़ों में दर्द, नपुंसकता, गुर्दे की विफलता और कई अन्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है।

इन बातों का रखें ध्यान
सही दिनचर्या और जीवनशैली में कुछ  परिवर्तन करके डायबिटीज जैसे भयानक रोग से बचा जा सकता है। इसके लिए खान- पान में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। घरेलू तरीके से डायबिटीज से बचाव के लिए दिन में एक बार दो चम्मच करेले के रस का सेवन करंे, साथ में दिन में दो बार  एक-एक चम्मच मेथी के पाउडर का सेवन पानी के साथ अवश्य करें।
0 गेहूं की रोटी,पास्ता,भूरे चावल इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
0 दूध से तैयार पनीर और दही लिया जा सकता है।
0 लहसुन, प्याज, करेला, पालक, कच्चा केला और काले बेर का प्रयोग करें।
0 मीठे, खट्टे और नमकीन खाद्य पदार्थों, आलू, शकरकंद, भारी तेल और मसालेदार भोजन से बचें।
0 अनन्नास, अंगूर, आम आदि मीठे फलों से बचें।
0 प्रतिदिन 30-40 मिनट तक व्यायाम करें।
0 दिन के समय सोने से बचें।

(श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. निशांत रायजादा, जीवा आयुर्वेदा के निदेशक आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रताप चौहान, पीएसआरआई हॉस्पिटल की डाइटीशियन देबजानी बनर्जी और वेंकटेश्वर हॉस्पिटल के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. दीप दत्ता से की गई बातचीत पर आधारित) 

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