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पीरियड्स से पता चलता है बीमारी का भी, जानिए ये बातें

हर महीने आने वाले पीरियड हमारे शरीर में कुछ खास किस्म का बदलाव लेकर आते हैं। इनमें बहुत तेज दर्द, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन और बेचैनी जैसे सामान्य अनुभव शामिल हैं। हर महिला में यह चक्र अलग-अलग होता है।...

पीरियड्स से पता चलता है बीमारी का भी, जानिए ये बातें
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 24 Feb 2017 04:20 PM
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हर महीने आने वाले पीरियड हमारे शरीर में कुछ खास किस्म का बदलाव लेकर आते हैं। इनमें बहुत तेज दर्द, जी मिचलाना, चिड़चिड़ापन और बेचैनी जैसे सामान्य अनुभव शामिल हैं। हर महिला में यह चक्र अलग-अलग होता है। किसी को तीन से चार दिन तक पीरियड रहता है तो कुछ को एक हफ्ते तक ब्लीडिंग होती रहती है। कुछ को एकदम कमजोर कर देने वाली ऐंठन रहती है तो कुछ को लगभग न के बराबर दर्द रहता है। आप इनमें से किसी भी श्रेणी में आती हों लेकिन कुछ ऐसे संकेत हैं जिन्हें किसी भी महिला को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

एयरफोर्स हॉस्पिटल में बतौर गाइनेकोलॉजिस्ट काम कर रही डॉक्टर पायल कुंडु के अनुसार, ‘जब भी महिलाएं पीरियड के सामान्य पैटर्न से अलग कुछ महसूस करें, उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इससे किसी भी समस्या या बीमारी का शुरुआती स्टेज में ही पता लगाया जा सकता है और बेहतर व हर संभव इलाज वक्त रहते मुहैया कराया जा सकता है। पीरियड सीधे तौर पर हार्मोन से संबंधित क्रिया है। हार्मोन में गड़बड़ियों के कारण पीरियड्स में अनियमितताएं आती हैं। पीरियड में गड़बड़ी के पीछे हजारों कारण हो सकते हैं, लेकिन उनमें से कुछ कारण बेहद गंभीर हो सकते हैं। इसकी वजह से संक्रमण, बीमारी, ट्यूमर से लेकर इन्फर्टिलिटी जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं। आपके पीरियड ये बताने में मदद कर सकते हैं कि आपके शरीर में सबकुछ ठीक चल रहा है या नहीं।’

अनियमित पीरियड्स

आपने बायोलॉजी की किताब में यह जरूर पढ़ा होगा कि पीरियड हर 28 दिन बाद आते हैं। हालांकि ये बात पूरी तरह ठीक नहीं है। अगर आपको 21 से 45 दिन के बीच में पीरियड आता है तो भी यह पूरी तरह सामान्य स्थिति है।  अगर यह अंतराल हर महीने एक जैसा नहीं है, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। हमेशा नियमित तौर पर पीरियड आने में कुछ साल लग जाते हैं। इसलिए अगर आपको पीरियड आना शुरू ही हुआ हो या फिर आप मेनोपॉज की तरफ बढ़ रही हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है। वहीं, अगर आपको पीरियड हमेशा 35 दिन पर आता हो और अचानक 20 दिनों पर आने लगे तो आपको गाइनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेने की जरूरत है। इस तरह के अनियमित पीरियड के पीछे तनाव, खानपान या व्यायाम में बदलाव या थायरॉयड की समस्या जैसे कारण हो सकते हैं।

असहनीय दर्द और मरोड़

पीरियड में होने वाले दर्द व मरोड़ का सामना लगभग हर महिला को करना पड़ता है। ज्यादातर महिलाओं को आपने अपने बैग में इस दौरान पेनकिलर रखे हुए देखा होगा। लेकिन जब यह दर्द असहनीय हो जाए तो यह सामान्य नहीं है। इस तरह के दर्द के पीछे एंडोमेट्रियॉसिस, गर्भाशय में फाइब्रॉयड, पेल्विस में संक्रमण, या गर्भाशय के सिकुड़न जैसे कारण हो सकते हैं। अगर सही समय पर इनका इलाज न कराया जाए तो ये समस्याएं बेहद गंभीर हो सकती हैं।

बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना

आमतौर पर पीरियड की अवधि तीन से सात दिन के बीच हो सकती है और ब्लीडिंग की मात्रा हर दिन दो से तीन बड़े चम्मच होनी चाहिए। अगर आपको इससे ज्यादा और लंबे समय तक ब्लीडिंग हो रही है तो आपको फौरन ही अपनी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज्यादा ब्लीडिंग के पीछे का एक कारण मेनोरेजिया हो सकता है। इसके अलावा गर्भाशय में गांठ, पोलिप्स, एंडोमेट्रियॉसिस, पेल्विस में सूजन, गर्भाशय का कैंसर, हाइपोथायरॉयड या फिर गर्भनिरोधक उपकरण (आईयूडी) में कुछ गड़बड़ी के कारण भी ज्यादा ब्लीडिंग हो सकती है। पीरियड के शुरुआती दो दिनों में ज्यादा ब्लीडिंग होना सामान्य बात है, लेकिन अगर आपको हर घंटे पैड बदलना पड़ रहा हो तो कुछ समस्या जरूर है।

बेहद मामूली ब्लीडिंग

पीरियड के दौरान बहुत कम ब्लीडिंग होना भी किसी समस्या की ओर इशारा करता है। अगर आपको बहुत कम ब्लीडिंग होती है तो समझ जाएं कि आपके शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा बहुत कम है और आपकी बॉडी दूसरे कामों को पीरियड की तुलना में ज्यादा तवज्जो दे रही है।

पीरियड के बीच में ब्लीडिंग

एक पीरियड से दूसरे पीरियड के बीच में होने वाली ब्लीडिंग को स्पॉटिंग भी कहा जाता है और ये कई महिलाओं को होती है। आमतौर पर यह बहुत छोटी बात होती है जिसके पीछे योनि में घाव होना, गर्भनिरोधक गोली लेना भूल जाना या मेनोपॉज जैसे मामूली कारण हो सकते हैं। लेकिन इसकी वजह फाइब्रॉयड, एंडोमेट्रियॉसिस, प्रोजेस्टोन हार्मोन के स्तर में कमी या यूटेरीन, एंडोमेट्रियल, सर्वाइकल या ओवेरियन कैंसर भी कारण हो सकता है।

अत्याधिक क्लॉटिंग

पीरियड के दौरान थोड़ी बहुत क्लॉटिंग होना बेहद सामान्य बात है। लेकिन बड़े आकार के क्लॉट निकलना या बहुत ज्यादा क्लॉटिंग होना गंभीर समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको फौरन ही अपनी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि इसके पीछे पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, थायरॉयड जैसी खून से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।

पीरियड न आना

पीरियड न आने का सबसे स्पष्ट कारण है कि आप प्रेग्नेंट हैं और प्रेग्नेंसी सुनिश्चित करने के लिए आप इसे किट के जरिए टेस्ट भी कर सकती हैं। लेकिन अगर प्रग्नेंसी नहीं है तो इस समस्या पर ध्यान देने की जरूरत है। मौसम, खानपान,बदलती जीवनशैली, तनाव, बीमारी या पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम भी पीरियड न आने का कारण हो सकते हैं। डॉक्टर इस बारे में आपको सही परामर्श दे सकते हैं।

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