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प्लास्टिक के डिब्बे हो सकते हैं हानिकारक, ऐसे परखें गुणवत्ता

भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब सबसे ज्यादा अपनी सहूलियत को महत्व देने लगे हैं। यही वजह है कि ऐसे सामान भी प्रमुखता से हमारी जिंदगी में शामिल हो चुके हैं, जिनके बारे में हम जानते हैं कि वो सेहत के लिए...

प्लास्टिक के डिब्बे हो सकते हैं हानिकारक, ऐसे परखें गुणवत्ता
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 01 May 2017 03:57 PM
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भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सब सबसे ज्यादा अपनी सहूलियत को महत्व देने लगे हैं। यही वजह है कि ऐसे सामान भी प्रमुखता से हमारी जिंदगी में शामिल हो चुके हैं, जिनके बारे में हम जानते हैं कि वो सेहत के लिए ठीक नहीं। ऐसी ही एक चीज है, रसोई में भरपूर मात्रा में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के डिब्बे। आप भी जानती होंगी  कि प्लास्टिक सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। माइक्रोवेव में भी इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। इसके बावजूद अगर आप प्लास्टिक के डिब्बों का इस्तेमाल कर रही हैं, तो यह जरूर जान लें कि अच्छे डिब्बे कैसे चुने जाएं:

अच्छी क्वालिटी का है तो भी गर्म न करें

आपने देख-समझकर प्लास्टिक का डिब्बा खरीदा था। पर, फिर भी इसमें कभी खाना गरम नहीं करें। सभी तरह के प्लास्टिक में खतरनाक केमिकल होते हैं, जो गर्म करने पर खाने में चले जाते हैं और खाने में कई तरह के टॉक्सिक तत्व मिल जाते हैं।

फ्रीजर से भी रखें दूर

प्लास्टिक के डिब्बों को फ्रीजर से भी दूर ही रखना चाहिए। फ्रीजर में प्लास्टिक के डिब्बों को रखने के बारे में तभी सोचें, जब डिब्बे पर ‘फ्रीजर सेफ’ लिखा हो। दरअसल, फ्रीजर का तापमान प्लास्टिक को बुरी तरह प्रभावित करता है। इस वजह से जब डिब्बे को सामान्य तापमान पर लाकर वापस गर्म किया जाता है तो प्लास्टिक के केमिकल खाने में घुल जाते हैं।

कप और कांटे का मतलब

मानकों के हिसाब से प्लास्टिक के बर्तनों पर कुछ निशान उनके इस्तेमाल को लेकर भी बनाए जाते हैं। जैसे डिब्बे के पीछे कप और कांटे के निशान का मतलब होता है कि उसमें खाना स्टोर किया जा सकता है। इसके अलावा तरंगों के निशान का मतलब है कि डिब्बा माइक्रोवेव सेफ है। वहीं पानी की आकृति में बर्तनों का निशान ‘डिशवॉशर’ सेफ होने की ओर इशारा करता है।

डिब्बा पलटिए और तय कीजिए

रिसाइकलिंग नंबर, यही वो बात है, जो प्लास्टिक का डिब्बा चुनते समय आपको ध्यान में रखनी है। #3 या  #7 इस तरह के नंबर हर प्लास्टिक डिब्बे के पीछे लिखे होते हैं। यह संख्या डिब्बे के प्लास्टिक में हानिकारक तत्व जैसे बीपीए की मौजूदगी बताती है। यह नंबर डिब्बे के पीछे तिकोने आकार के अंदर लिखा होता है। इस नंबर को लेकर कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:

  • #1 नंबर का मतलब होता है कि यह कंटेनर सिर्फ एक बार के इस्तेमाल के बाद बेकार हो जाएगा। इसके बाद भी इस्तेमाल करने से इसमें कीटाणु बढ़ने लगते हैं। बार-बार इस्तेमाल करने के लिए #2, #4, #5 की संख्या वाले डिब्बों को सुरक्षित माना जाता है।
  • #3, #6, #7 नंबर वाले डिब्बों को इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
  • पॉलिथिलीन-टेरेफथॉलेट से बना कंटेनर 1 नंबर की श्रेणी में आता है। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने इसे खाने-पीने की चीजों की पैकेजिंग के लिए सुरक्षित बताया है।

इन पर दीजिए ध्यान

  • गोल के मुकाबले चौकोर या आयताकार डिब्बे जगह का अच्छे से इस्तेमाल कर लेते हैं। इसलिए गोल डिब्बे खरीदने से बचें।
  • एक-दूसरे के अंदर जा सकने वाले डिब्बे खरीदें। इनमें सामान स्टोर करने में आसानी होगी।
  • माइक्रोवेव करने से पहले डिब्बे का ढक्कन थोड़ा खोल दें ताकि भाप आसानी से निकल सके।
  • प्लास्टिक के डिब्बे से बदबू न आए, इसलिए उसमें लंबे समय तक खाना न रखें।
  • प्लास्टिक के डिब्बों पर लगे जिद्दी दागों को साफ करने के लिए क्लोरीन ब्लीच का इस्तेमाल करें। दाग लगे डिब्बों को ब्लीच के मिश्रण में डालें। कुछ देर बाद इन्हें निकालकर साबुन से धो लें, दाग दूर हो जाएंगे।
  • प्लास्टिक के डिब्बों से आ रही बदबू को दूर भगाने के लिए एक और उपाय है। गर्म पानी लें और उसमें तीन चम्मच बेकिंग सोडा डाल दें। प्लास्टिक के बॉक्स को बाल्टी में डाल दें। इस पानी में नीबू का रस और सिरका भी मिला सकती हैं।

 

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