फोटो गैलरी

Hindi Newsमसाज थेरेपी तनाव, अल्सर, हृदय रोग और स्ट्रोक रोकने में है मददगार

मसाज थेरेपी तनाव, अल्सर, हृदय रोग और स्ट्रोक रोकने में है मददगार

मसाज को मस्तिष्क और शरीर को तनावमुक्त रखने का एक अचूक नुस्खा माना जाता है। यह मस्तिष्क और शरीर को पुनर्जीवन देने का इतना प्राचीन तरीका है कि मसाज के 5 हजार साल पुराने ऐतिहासिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं।...

मसाज थेरेपी तनाव, अल्सर, हृदय रोग और स्ट्रोक रोकने में है मददगार
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 16 Mar 2017 03:23 PM
ऐप पर पढ़ें

मसाज को मस्तिष्क और शरीर को तनावमुक्त रखने का एक अचूक नुस्खा माना जाता है। यह मस्तिष्क और शरीर को पुनर्जीवन देने का इतना प्राचीन तरीका है कि मसाज के 5 हजार साल पुराने ऐतिहासिक प्रमाण भी उपलब्ध हैं। नवजात शिशु से लेकर गर्भवती महिलाओं और युवाओं से लेकर बुजुर्गों के लिए विशेष तरह की मसाज थेरेपियां उपलब्ध हैं। यही नहीं, शरीर के अलग-अलग हिस्सों- सिर, चेहरा, गर्दन, हाथों, पैरों, कमर के लिए भी अलग-अलग प्रकार की मसाज मौजूद है। वैसे तो मसाज किसी भी मौसम में की जा सकती है, लेकिन नवम्बर से मार्च के बीच मसाज कराने के बाद गुनगुनी धूप सेंकने का एक अलग ही मजा है।

मसाज के लाभ
0मसाज को एक बेहतरीन हीलर माना जाता है। यह मांसपेशियों के दर्द को दूर करती है। 
आधुनिक अनुसंधानों में यह बात उभरकर आई है कि मसाज के बाद उतकों की मरम्मत का काम तेज हो जाता है। 
मसाज मांसपेशियों को फुलाने वाले रसायन साइटोकाइनेस के निर्माण को कम करती है। 
इससे मांसपेशियों, उतकों और लिगामेंट्स में रक्त का संचार बढ़ता है।
मसाज तनाव को कम कर क्रोध, हताशा और अवसाद को कम करती है और अप्रत्यक्ष रूप से सिरदर्द, पाचन तंत्र संबंधी गड़बड़ियां, अनिद्रा, अल्सर, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और स्ट्रोक को रोकने में भी मददगार करती है।
इससे शरीर का पोश्चर सुधरता है।
इससे मानसिक शांति मिलती है, जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
अगर अच्छी गुणवत्ता के तेल और लोशन उपयोग किए जाएं तो त्वचा की रंगत और स्वास्थ्य सुधरता है।

मसाज के खतरे
प्रशिक्षित लोगों द्वारा नहीं किया जाए तो इसमें खतरे भी छिपे हैं। 
मसाज कराने के दूसरे दिन शरीर में दर्द हो सकता है, क्योंकि इसमें दबाव वाले स्ट्रोक लगाए जाते हैं। 
कई बार मसाज के बाद रक्त में शुगर का स्तर कम हो जाता है। 
मसाज के दौरान ब्लड क्लॉट अपनी जगह बदल सकता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। 
 

नुकसान पहुंच सकता है।
ये लोग मसाज से रहें दूर
जिन लोगों को त्वचा का संक्रमण हो या खुले जख्म हों। 
किसी भी सर्जरी के तुरंत बाद।
कीमोथेरेपी और रेडिएशन के तुरंत बाद नहीं, जब तक कि डॉक्टर ने न सुझाया हो। 
जिनमें रक्त का थक्का बनने की समस्या हो।  

 गर्भवती महिलाएं भी बिना डॉक्टर से सलाह लिए मसाज न कराएं और उन्हीं से कराएं, जिन्हें प्रेंगनेंसी मसाज में प्रमाण पत्र प्राप्त हो।  

बरतें सावधानी
0 मसाज वैसे तो सुरक्षित होती है, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं या आपको कैंसर, ब्लड क्लॉट, फ्रैक्चर, खुला घाव या ऑर्थराइटिस है तो मसाज के बाद आपके लिए खतरा बढ़ सकता है।

 

मसाज कैसी-कैसी
स्वीडिश मसाज थेरेपी

स्वीडिश मसाज थेरेपी सबसे ज्यादा प्रचलित मसाज थेरेपी है। इसमें लंबे, हल्के स्ट्रोक लगाए जाते हैं, मांसपेशियों की सबसे ऊपरी परत पर थपथपाने वाले स्ट्रोक भी लगाए जाते हैं। वृत्ताकर गतियां भी दी जाती हैं, जिसमें जोड़ों के मूवमेंट भी शामिल होते हैं। इससे मांसपेशियों का तनाव कम होता है। यह थेरेपी शरीर को आराम और ऊर्जा, दोनों देती है। यह चोट लगने के बाद आराम पहुंचाने में भी काफी लाभकारी है। आपने कभी मसाज नहीं करवाया है तो आप इससे शुरुआत करें, काफी अच्छा महसूस करेंगे।
अरोमाथेरेपी मसाज
अरोमाथेरेपी मसाज एक मसाज थेरेपी है, जिसमें मसाज करवाने वाले की विशेष जरूरतों के अनुसार एक या दो खुशबूदार पौधों का तेल उपयोग किया जाता है। मसाज थेरेपिस्ट वह तेल चुन सकता है, जो आराम पहुंचाए, ऊर्जा दे और तनाव कम करे। अधिकतर अरोमा थेरेपी में लवेंडर का तेल उपयोग किया जाता है। जो लोग भावनात्मक तनाव में होते हैं, उनके लिए यह सबसे बेहतर मसाज थेरेपी मानी जाती है।
डीप टिशु मसाज 
डीप टिशु मसाज मांसपेशियों की गहरी परत को आराम पहुंचाने के लिए की जाती है। इसमें बहुत धीमे, लेकिन गहरे स्ट्रोक लगाए जाते हैं। यह शरीर के कुछ निश्चित, कड़े और समस्याएं खड़े करने वाले बिंदुओं के उतकों को आराम पहुंचाने के लिए की जाती है। यह मांसपेशियों की जकड़न, लगातार मांसपेशियों में खिंचाव, शरीर का पोश्चर बिगड़ जाना, कमर दर्द और किसी चोट से उबरने में बड़ी कारगर है। 
हॉट स्टोन मसाज 
यह मसाज गर्म और चिकने पत्थरों के द्वारा की जाती है। इन पत्थरों को शरीर के निश्चित बिंदुओं पर रखा जाता है, ताकि कड़ी हो चुकी मांसपेशियों को ढीला किया जा सके और शरीर में ऊर्जा के केंद्रों को संतुलित किया जा सके। पत्थरों की गर्मी बहुत आराम पहुंचाती है। हॉट स्टोन मसाज उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जिनकी मांसपेशियों में तनाव आ गया हो। 

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें