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मॉ के सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक बनना चाहता है करन

सीबीएसई बारहवीं के नतीजों में अल्मोड़ा जनपद में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र करन बुधानी ने अपनी शानदार सफलता से साबित कर दिया है कि प्रतिभा के आगे अभावों का कोई महत्व...

मॉ के सपने को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक बनना चाहता है करन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 28 May 2017 11:20 PM
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सीबीएसई बारहवीं के नतीजों में अल्मोड़ा जनपद में सर्वोच्च स्थान हासिल करने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय के छात्र करन बुधानी ने अपनी शानदार सफलता से साबित कर दिया है कि प्रतिभा के आगे अभावों का कोई महत्व नहीं। बचपन में सिर से पिता का साया उठने के बावजूद बेहद गरीब परिवार का आंगनबाड़ी कार्यकत्री का यह सपूत भविष्य में अपनी मॉ का सपना पूरा करने के लिए वैज्ञानिक बनना चाहता है। प्रशासनिक सेवा में जाने की भी करन की इच्छा है। ताड़ीखेत विकासखंड अंतर्गत ग्राम जैना निवासी करन बुधानी ने 96 फीसदी अंकों के साथ परीक्षा उत्तीर्ण कर समाज के लिए मिसाल बनकर उभरा है।

करन की दास्तां किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले करन के पिता स्व. नारायण दत्त बुधानी 10 साल पहले चल बसे, वह वाहन चलाकर और खेतीबाड़ी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। पति के गुजर जाने के बाद करन की मां दीपा देवी के ऊपर परिवार का सारा बोझ आ गया, लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और मेहनत-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने के साथ चार बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में भी कोर-कसर नहीं छोड़ी। पिता के चल बसने के बाद चार भाई बहनों में तीसरे नंबर के करन को बचपन में उसके नाना नंद किशोर उप्रेती अपने साथ भिकियासैंण ले गए। प्रावि सिनौड़ा में पाचवीं पास करने के बाद करन का चयन नवोदय विद्यालय के लिए हो गया, राजीव नवोदय चौनलिया के बाद आठवीं कक्षा से जवाहर नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत में पढ़ाई शुरू की। प्रतिभावान करन हमेशा विद्यालय में अव्वल रहा। अपनी पारिवारिक परिस्थिति को हमेशा ध्यान में रखते हुए उसने लगन व परिश्रम से जी लगाकर पढ़ाई की।

रविवार को सीबीएसई बोर्ड में जिला टॉप करके करन ने मिसाल पेश कर दी। करन इन दिनों किसी प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने दिल्ली गया है। हिन्दुस्तान से दूरभाष में वार्ता में उसने अपनी सफलता का श्रेय परिवार और शिक्षकों को देते हुए कहा कि भविष्य में भूगर्भ वैज्ञानिक अथवा प्रशासनिक सेवा में जाकर देश की सेवा करना चाहता हूं। मेरी मॉ का यहीं सपना है। इसे पूरा करने के लिए में कठिन परिश्रम कर रहा हूं। आठ साल से आंगनबाड़ी में काम कर रही है करन की मॉअल्मोड़ा। करन की माता दीपा देवी आठ सालों से जैना गांव में ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री हैं। दो बड़ी बहनें ममता और हेमा हल्द्वानी व नैनीताल में पढ़ाई करती हैं, जबकि छोटा भाई नाना के साथ रहकर बसोट में पढ़ता है।

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