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गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के प्रदेश सरकार के फैसले के बाद अब विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों ने कहा है कि प्रदेश सरकार राजधानी के मामले में...

गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की मांग
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 25 Mar 2017 06:40 PM
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गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के प्रदेश सरकार के फैसले के बाद अब विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया है। राजनीतिक दलों ने कहा है कि प्रदेश सरकार राजधानी के मामले में प्रदेश की जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। जिसे वह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा है कि राज्य गठन के समय एनडीए सरकार ने स्थाई राजधानी घोषित नहीं कर प्रदेश को निराश किया था, लेकिन वर्तमान में प्रदेश सरकार के पास अपनी भूल सुधारने का मौका है।

इसलिए सरकार को गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने में कोई देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनभावनाओं की अनदेखी सरकार पर भारी पड़ सकती है। उलोवा के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. शमशेर सिंह बिष्ट ने कहा है कि गैरसैंण एक स्थान नहीं बल्कि विचार है। उन्होंने कहा है कि यह एक ऐसा प्रदेश है जहां के लोगों ने राज्य बनने से पहले ही अपनी राजधानी तय कर ली थी। भाजपा के नेताओं ने पहाड़ के लोगों की भावनाओं को दबाने का हमेशा प्रयास किया। उत्तराखंड क्रांति दल ने भी प्रदेश सरकार पर अपने वायदों से मुकरने का आरोप लगाया है।

उक्रांद के नेताओं ने कहा है कि जनता एक बार फिर राजनीतिक दलों के जुमलों में फंसकर रह गई है। उन्होंने कहा कि कर्णप्रयाग चुनाव के दौरान भाजपा ने गैरसैंण का मुद्दा बड़े जोरशोर से उठाया, लेकिन चुनाव जीतने के बाद भाजपा सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने के बजाय उसे ग्रीष्मकालीन राजधानी की बात कर रही है। राजनीतिक दलों ने प्रदेश सरकार से राजधानी के मामले में अपनी नीति स्पष्ट करने की बात कही है।

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