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हॉस्टल में खिलाड़ियों पर हो रहा ‘अत्याचार

खेल विभाग की ओर से चार साल पहले स्टेडियम के पास बनाए गए बैडमिंटन हॉस्टल में संसाधनों का अभाव है। यहां पर ना तो खिलाड़ियों को मानक के अनुसार भोजन मिल रहा है, ना ही पेयजल। इस वजह से चार खिलाड़ियों ने...

हॉस्टल में खिलाड़ियों पर हो रहा ‘अत्याचार
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 25 Apr 2017 10:51 PM
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खेल विभाग की ओर से चार साल पहले स्टेडियम के पास बनाए गए बैडमिंटन हॉस्टल में संसाधनों का अभाव है। यहां पर ना तो खिलाड़ियों को मानक के अनुसार भोजन मिल रहा है, ना ही पेयजल। इस वजह से चार खिलाड़ियों ने बीच सत्र में ही हॉस्टल छोड़ दिया है। खिलाड़ियों के परिजन भी इस वजह से बेहद परेशान हैं।

उन्होंने खेल विभाग के अफसरों से इसकी शिकायत की। आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अफसरों ने बताया कि एक साल पहले बैडमिंटन गर्ल्स हॉस्टल में आठ खिलाड़ियों ने दाखिला लिया, इसमें चार ने छोड़ दिया है। सोमवार को हिन्दुस्तान ने हॉस्टल का जायजा लिया तो यहां पर कई गड़बड़ियां मिली।

अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को जो भोजन दिया जा रहा है। वह मीनू के हिसाब से नहीं है। इससे उनके बच्चों की तबियत बिगड़ गई है।दूरदराज से पहुंचे अभिभावकअल्मोड़ा। काशीपुर निवासी दीपा पाठक एवं खत्याड़ी निवासी शांति कनवाल, प्रेमा जीना ने बताया कि उनके बच्चे रोज हॉस्टल में खराब खाना मिलने की शिकायत करते हैं। हॉस्टल में पानी की कमी की वजह से वह अपने बच्चों के कपड़े धोने को भी घर को ले जाते हैं। मीनू में अंडा, मांस, मछली खाने में दाल, सब्जी, रोटीहॉस्टल में लगे खाने के मीनू के अनुसार हॉस्टल में रहने वाली सभी खिलाड़ियों को उनकी डाइट के अनुसार प्रत्येक सोमवार, बुधवार, शुक्रवार, शनिवार को रात के खाने में रोटी, चावल, चिकन करी , फिश करी या मटर पनीर, पालक पनीर आदि दिया जाना होता है, लेकिन अभिभावकों ने बताया कि एक महीने में केवल एक या दो बार ही मीनू के अनुसार खाना परोसा जाता है। इसके बदले रोजाना रोटी, सब्जी, दाल, चावल ही खाने को मिलता है। हॉस्टल में अभी 4 खिलाड़ी रहते हैं। इसमें से दो काशीपुर और दो अल्मोड़ा से हैं। इनके लिए भी हॉस्टल में केवल दो किलो आलू, दो किलो प्याज और 3 किलो आटा रखा गया है।

विभाग और ठेकेदार ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

जब विभाग से इसका कारण जाना गया तो उन्होंने इस लापरवाही का आरोप सीधा मैस के ठेकेदार के ऊपर मढ़ दिया। वहीं, मैस के ठेकेदार ने बताया कि विभाग ने मैस का टेंडर जारी करते समय 20 खिलाड़ियों के लिए खाने का इंतजाम करने की बात कही थी, लेकिन हॉस्टल में केवल 4 लड़कियां ही रहती हैं ऊपर से विभाग ने फरवरी से बजट भी नहीं दिया है। इधर, खिलाड़ियों के अभिभावकों ने जिला खेल अधिकारी को हॉस्टल की समस्याओं के संबंध में शिकायती पत्र भी लिखा है।

पानी नहीं, विभाग ने लगा दिया डबल डोर फ्रीज और एक्वागार्ड

बैडमिंटन खिलाड़ियों के इस हास्टल में खेल विभाग ने हजारों रुपये का डबल डोर फ्रीज और एक्वागार्ड तो लगा दिया। इन सबकी जरूरत तब होती है जब पानी हो। हॉस्टल में रह रही लड़कियों को पानी का इंतजाम खुद ही करना पड़ता है विभाग के नल काफी समय पहले ही सूख चुके हैं। खिलाड़ियों को सुबह सबसे पहले हाथ मुंह धोने और नहाने के लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है और बाकी बचे हुए पानी को वह बचा कर अपने-अपने बैडों के नीचे रख देते हैं। दुकानदार ने भी राशन देने से किया मना

मैस के ठेकेदार का कहना है कि फरवरी से विभाग ने बजट नहीं दिया है, जिसके चलते कुछ दिनों तक राशन की दुकान से उधारी पर राशन लिया गया, लेकिन अब वह भी राशन देने से मना कर रहा है। वर्तमान में ठेकेदार के ऊपर दुकानदार का 25 से 30 हजार रुपये बकाया हो चुका है।

जिलाधिकारी बोले

मेरे संज्ञान में अभी ये मामला नहीं है। मैं इस बारे में जानकारी लेता हूं। इसके बाद अग्रिम कार्रवाई करूंगा।

सविन बंसल, डीएम अल्मोड़ा

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