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भारतीय सेना की सेवा को तैयार 25 पायलट

वायु सेना स्टेशन बम्हरौली के प्रारंभिक उड़ान प्रशिक्षण स्कूल (बीएफटीएस) में रविवार को भव्य दीक्षान्त समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन 199वें आर्मी पायलट कोर्स (हेलीकाप्टर) के 25 सेना विमान चालकों के...

भारतीय सेना की सेवा को तैयार 25 पायलट
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 21 May 2017 09:50 PM
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वायु सेना स्टेशन बम्हरौली के प्रारंभिक उड़ान प्रशिक्षण स्कूल (बीएफटीएस) में रविवार को भव्य दीक्षान्त समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन 199वें आर्मी पायलट कोर्स (हेलीकाप्टर) के 25 सेना विमान चालकों के लिए था जिन्होंने अपना उड़ान प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया। इन पायलट्स को पिछले पांच महीने के दौरान सख्त उड़ान तथा ग्राउंड प्रशिक्षण दिया गया।

दक्षिण-पश्चिम वायु कमान मुख्यालय के वरिष्ठ वायु स्टाफ अफसर एयर मार्शल डीएस रावत इस दीक्षांत समारोह के पर्यवेक्षण अधिकारी रहे। उनकी अगवानी विंग कमांडर वाई कुमार कमांडिंग अफसर ने की। एयर मार्शल डीएस रावत ने प्रशिक्षण पूरा करने वाले पायलट्स को प्रमाणपत्र तथा प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए ट्रॉफी प्रदान की।

कैप्टेन मनिन्दर पाल सिंह को फ्लाइंग में सर्वोत्तम होने के लिए ट्रॉफी प्रदान की गई। कैप्टेन गगनदीप सिंह को फर्स्ट इन ओवर आल मेरिट और ग्राउंड सब्जेक्ट में सर्वोत्तम होने की ट्रॉफी प्रदान की गयी। स्क्वाड्रन लीडर टीड ीशर्मा को उत्तम इंस्ट्रक्टर ट्रॉफी प्रदान की गयी।

समारोह को संबोधित करते हुए एयर मार्शल डीएस रावत ने कहा कि मिलिट्री एविएशन दुरूह हो गया है। उच्च गहन तकनीक तथा हमारे देश के रक्षा सेवाओं के सभी वायु अस्त्र अप्रत्याशित गति के साथ तीव्रता से परिवर्तित हो रहे हैं। भारतीय सशस्त्र सेनाएं गहन तकनीक संक्रियाओं में एक मिसाल हैं। भविष्य में पायलट ही ऑपरेशन के दौरान अग्रिम पंक्ति में होंगे।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया की मिलिट्री विमान चालकों के लिए गलती की कोई गुंजाईश नहीं हैं इसलिए उनके प्रशिक्षण के मानक को उदाहरणीत बनाने की आवश्यकता हैं। अंत में उन्होंने पाठ्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया तथा सुखद लैंडिंग के लिए शुभकामना व्यक्त की।

अद्वितीय उड़ान प्रशिक्षण संस्थान है बीएफटीएस

इलाहाबाद। बम्हरौली स्थित प्रारंभिक उड़ान प्रशिक्षण स्कूल भारतीय वायु सेना का एक अद्वितीय उड़ान प्रशिक्षण संसथान हैं। इसकी स्थापना पायलटों को एचपीटी-32 एयर क्राफ्ट पर आरंभिक प्रशिक्षण देने के लिए 16 दिसंबर 1987 को की गयी थी। पांच जुलाई 1999 को यहां भारतीय वायु सेना के पायलट कैडेट के प्रशिक्षण के साथ भारतीय सेना, नौसेना तथा तटरक्षक के अधिकारियों का भी प्रशिक्षण शुरू हो गया। आर्मी अधिकारियों को हेलीकाप्टर पर आरंभिक उड़ान प्रशिक्षण देने के लिए 26 दिसंबर 2005 को इस स्कूल को चीता हेलीकाप्टर से सुसज्जित किया गया। 177 आर्मी पायलट कोर्स प्रारंभिक फ्लाइंग प्रशिक्षण स्कूल का पहला प्रशिक्षण था जिसे चेतक हेलीकाप्टर पर दिया गया।

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