आजाद पार्क के रखरखाव में लापरवाही पर हाईकोर्ट नाराज
हाईकोर्ट ने चंद्रशेखर आजाद पार्क के रखरखाव व सुरक्षा में लापरवाही और पार्क के संबंध में प्रस्तुत हलफनामे में आधी-अधूरी जानकारी दिए जाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि जॉगिंग ट्रैक कई जगह उखड़ने...
हाईकोर्ट ने चंद्रशेखर आजाद पार्क के रखरखाव व सुरक्षा में लापरवाही और पार्क के संबंध में प्रस्तुत हलफनामे में आधी-अधूरी जानकारी दिए जाने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि जॉगिंग ट्रैक कई जगह उखड़ने लगा है, पार्क में आवारा जानवार घूमते हैं। जगह-जगह प्लास्टिक कचरा व कूड़ा पड़ा रहता है शौचालय में गंदगी है। जलाशय पानी नहीं बदला जा रहा है और प्रवेश शुल्क के रूप में वसूली गई धनराशि किस मद में खर्च होगी, इसका कोई उल्लेख नहीं है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख तय करते हुए एडीए उपाध्यक्ष, नगर आयुक्त और उद्यान अधीक्षक को तलब किया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति दिलीप गुप्ता एवं न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने मधु सिंह याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। कोर्ट ने पार्क की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने, जॉगिंग ट्रैक की मरम्मत के लिए ठोस कदम उठाने के साथ जलाशय का पानी बदलने, उसका पानी सिंचाई में इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी को भी अगली तारीख पर पक्ष रखने के लिए बुलाया है। सुनवाई के दौरान आजाद पार्क सौंदर्यीकरण कमेटी के चेयरमैन व वरिष्ठ अधिवक्ता सीबी यादव ने कोर्ट को बताया कि इसी मार्च माह से पार्क में प्रवेश के लिए शुल्क लिया जा रहा है। अब तक शुल्क के तौर पर 15 लाख 69 हजार 225 रुपये वसूले जा चुके हैं। यह रकम एक खाता खोलकर जमा कर दी गई है। यह धनराशि पार्क की सुरक्षा व रखरखाव में किस तरह खर्च होगी, इसपर अभी फैसला नहीं हो सका है। अधिवक्ता मीनाक्षी सिंह ने बताया कि सुरक्षा व रखरखाव में लापरवाही के कारण परेशानी हो रही है। डीएम ने मिंटो पार्क के सुंदरीकरण के लिए 605.10 लाक और खुसरोबाग के लिए 1264.10 का प्रस्ताव शासन को भेजा है।