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भुगतान को बिल टैक्सी का लगाया, सत्यापन में नंबर मोटर साइकिल का निकला

जवां ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिलों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकित कुमार सिंह ने इस बाबत सीएमओ को शिकायत की है। जिसमें आरोप लगाया कि पल्स पोलियो...

भुगतान को बिल टैक्सी का लगाया, सत्यापन में नंबर मोटर साइकिल का निकला
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 30 Nov 2016 11:00 PM
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जवां ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बिलों का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकित कुमार सिंह ने इस बाबत सीएमओ को शिकायत की है। जिसमें आरोप लगाया कि पल्स पोलियो कार्यक्रम में जिन टैक्सियों के बिलों को प्रभारी अधीक्षक डॉ. अनूप कुमार गुप्ता ने सत्यापित किया। उन बिलों पर लिखे टैक्सी के नंबर स्कूटर और ट्रेक्टर के निकले हैं। इस मामले में डॉ. अंकित ने कार्रवाई की मांग की है।

चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकित ने शिकायती पत्र में बताया कि एनएचएम के तहत पल्स पोलियो कार्यक्रम के अप्रैल, मई और जून के राउंड में दवा गाड़ियों से भिजवाने में प्रयोग दर्शाई गई टैक्सियों का 52,800 रुपये भुगतान का वाउचर उनके समक्ष प्रस्तुत किया गया था। जिसे स्वास्थ्य केद्र के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अनूप कुमार गुप्ता ने सत्यापित करके भेजा था। स्वयं के स्तर पर जांच कराने पर सात वाउचरों पर लिखे टैक्सी के नंबर आरटीओ में मोटर साइकिल के लिए रजिस्टर्ड पाए गए। एक टैक्सी के नंबर पर ट्रैक्टर पंजीकृत था। आपत्ति जताई तो वाउचरों की राशि बढ़ कर 60,456 रुपये हो गई। कहा गया कि वाउचर में गलतियां थी, जिसे दुरुस्त किया गया। इस कारण राशि बढ़ गई। उन पर जो नंबर लिखे थे, उनकी जांच कराई तो मालूम हुआ कि वो वाहन कंडम है। पीओएल संबंधित 14 हजार रुपये के डीजल भुगतान के लिए भी लॉग बुक, स्टॉक रजिस्टर मांगने पर नहीं दिए गए।भुगतान का बनाया जा रहा दबावडॉ. अंकित ने बताया कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत डायट का 85,255 रुपये भुगतान के लिए प्रत्रावली आई थी। जिसमें टेंडर या वर्क ऑर्डर की प्रति, डायट रजिस्टर की कॉपी नहीं थी, जो मांगी गई थी। अब उसमें भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 2,34,842 रुपये के टैक्सी बिल प्रभारी अधीक्षक डॉ. गुप्ता ने सत्यापित कर भेजे थे। उनके साथ संलग्न लॉगबुक में मीटर रीडिंग में भारी अनियमितता और ओवर राइटिंग थी। इसके भुगतान के लिए हस्ताक्षर करने को दबाव बनाया जा रहा है।

-सीएमओ ने तलब किए दस्तावेज

इस मामले में शिकायत मिलने पर सीएमओ डॉ. रूपेंद्र गोयल ने आरोपी प्रभारी से दस्तावेज तलब किए हैं। इस मामले में जांच कराई जाएगी।

-वर्जन

चिकित्सा अधिकारी डॉ. अंकित द्वारा लगाए आरोप गलत है। मैंने सत्यापित करने को हस्ताक्षर जरूर किए। लेकिन, सत्यापन की जिम्मेदारी ही डॉ. अंकित को दी थी। मैं हर कागज को बारीकी से नहीं देख सकता। उन्हें गलती मुझे बतानी थी, जिसे सही कराया जाता। भुगतान नहीं किया जाता।

-डॉ. अनूप कुमार गुप्ता, प्रभारी अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जवां

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