आगरा में डायबिटीज का ये आंकड़ा जानकर चौंक जाएंगे आप
डायबिटीज (मधुमेह) का रोग तेजी से बढ़ रहा है। भाग दौड़ और तनाव भरी जिंदगी लोगों को यह बीमारी सौगात में दे रही है। शहर का हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है। यह बात आगरा डायबिटीज फोरम के सर्वे में...
डायबिटीज (मधुमेह) का रोग तेजी से बढ़ रहा है। भाग दौड़ और तनाव भरी जिंदगी लोगों को यह बीमारी सौगात में दे रही है। शहर का हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है। यह बात आगरा डायबिटीज फोरम के सर्वे में सामने आए हैं। फोरम समय-समय पर डायबिटीज को लेकर सर्वे कराता है। अब डायबिटीज का मिडिल और लोअर क्लास में ग्राफ बढ़ा है।
सोमवार को डायबिटीज-डे है। लोग अभी भी इस बीमारी को गंभीरता से नहीं ले रहे है। आगरा डायबिटीज फोरम के एक ताजा सर्वे के अनुसार महानगर का हर चौथा व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है। पहले बुजुर्गों तक सीमित समझे जाने वाली यह बीमारी अब युवाओं और बच्चों में भी देखने को मिल रही है। इसके साथ एलीट क्लास के साथ मिडिल और लोअर क्लास में डायबिटीज का ग्राफ बढ़ा है। सर्वे के हिसाब से शहर के 25 फीसदी लोग डायबिटीज का इलाज करा रहे हैं।आगरा डायबिटीज फोरम के सचिव और वरिष्ठ मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉ.सुनील बंसल ने बताया कि डायबिटीज के इलाज की नई तकनीक और दवाईयां आयी है फिर भी ग्राफ कम नहीं हो रहा है। इसका प्रमुख कारण लोगों का कम जागरूक होना है। अब तो युवा और बच्चों में भी यह मिल रही।
इन कारणों से हो रहे शिकार
- मध्य और लोअर वर्ग में जागरूकता की कमी सबसे बड़ा कारण है।
- इन वर्गों के लोग शहरी है और अधिक प्रदूषण का शिकार होते है।
-भाग-दौड़ भरी जिंदगी भी अधिक है और स्वास्थ्य पर ध्यान कम देना है।
क्या है डायबिटीज
डायबिटीज एक दीर्घकालकि रोग है, जो शरीर द्वारा ग्लूकोज के ठीक से इस्तेमाल न करने पर रक्त में शर्करा की उच्च मात्रा के कारण होती है।
यह है कारण
मोटापा, सुस्त जीवन शैली, शारीरिक गतिविधियों की कमी।
मानसिक तनाव में रहना।
आनुवांशिकता सबसे बड़ा कारण है।
अत्याधिक बाहरी खाद्य पदार्थों का प्रयोग।
संदेह पर कराए जांच
खाने से पहले
100 से कम हो, तो शूगर सामान्य है।
100 से 125 हो तो प्री डायबिटीज है।
126 या इससे ज्यादा है, तो डायबिटीज है।
ओरल ग्लूकोज टोलरेगा टेस्ट
खाने के बाद
140 से कम है तो ब्लड शुगर सामान्य है।
140-199 हो, तो प्री डायबिटीज है।
200 या इससे ज्यादा है तो डायबिटीज है।
इन बातों का रखें ध्यान
प्रतिदिन सुबह के समय टहलने अवश्य जाए।
दिनभर के खाने का चार्ट तैयार करें।
मीठे को न कहने की आदत डाल लें।
चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवाईयां लें।
हर सप्ताह डायबिटीज की जांच अवश्य कराए।
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