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कीर्तिमान बनाने वाले आगरा की झोली खाली

सूबे के चुनावी इम्तिहान में शत-प्रतिशत नंबरों से पास होने वाली ताजनगरी योगी के मंत्रिमंडल में स्थान पाने के मोर्चे पर फेल हो गई। जिले की सारी सीटें भाजपा की झोली में डाल देने के बाद भी आगरा के किसी...

कीर्तिमान बनाने वाले आगरा की झोली खाली
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 Mar 2017 03:40 PM
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सूबे के चुनावी इम्तिहान में शत-प्रतिशत नंबरों से पास होने वाली ताजनगरी योगी के मंत्रिमंडल में स्थान पाने के मोर्चे पर फेल हो गई। जिले की सारी सीटें भाजपा की झोली में डाल देने के बाद भी आगरा के किसी विधायक का नाम मंत्री पद की लिस्ट में शामिल न हो सका। हालांकि आगरा मंडल को तीन कैबिनेट मंत्री जरूर मिल गए हैं।

यूपी में भाजपा की प्रचंड बहुमत की सरकार बनवाने में आगरा का भी महत्वपूर्ण योगदान है। आगरावालों को अबकी बार भगवा ऐसा भाया कि उन्होंने कीर्तिमान रच दिया। नौ कि नौ सीटें भाजपा की झोली में डाल दीं। यह आजादी के बाद से अब तक किसी भी राजनैतिक दल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। तब उम्मीद बंधी कि ताजनगरी को मंत्रिमंडल में जगह जरूर मिलेगी। जबकि आगरा में कई चेहरों की दावेदारी थी। शहर की तीनों सीटों से जीते चेहरे लाल बत्ती की दौड़ में शामिल थे। उत्तरी सीट से विधायक बने जगन प्रसाद गर्ग पांचवीं बार जीते हैं। ऐसे में उनकी दावेदारी थी, मगर चंद घंटे पहले उनका नाम भी कट गया। शहर की दक्षिणी सीट से तेजतर्रार विधायक योगेंद्र उपाध्याय की दावेदारी भी मजबूत थी। विद्यार्थी परिषद से लेकर संघ और भाजपा में काम करने वाले दूसरी बार के विधायक योगेंद्र की मजबूत पैरवी भी थी लेकिन श्रीकांत शर्मा का नाम उन पर भारी पड़ गया। दलितों की राजधानी होने के कारण पूरे ब्रज में सर्वाधिक शिक्षित छावनी सीट से विधायक डा. जीएस धर्मेश को भी दावेदार माना जा रहा था। कोटे में उन्हें राज्यमंत्री बनाए जाने की संभावना थी। आगरा-अलीगढ़ मंडल से दो ही जाट जीतने के कारण सीकरी के विधायक चौ. उदयभान सिंह भी दावेदारी कर रहे थे लेकिन बाजी मथुरा के चौ. लक्ष्मीनारायन के हाथ लगी। भदावर राजघराने से आने वाली रानी पक्षालिका सिंह का नाम भी इस दौड़ में शामिल था। दरअसल उनके पति राजा अरिदमन सिंह बाह से पांच बार विधायक और कई बार मंत्री रहे हैं। मगर हाल में भाजपा ज्वाइन करने के चलते उनकी दावेदारी कमजोर पड़ गई। लब्बोलुआब यही है कि भाजपा को सीटें देने में टॉप पर रहने वाला आगरा लाल बत्ती पाने के मामले में फ्लॉप रहा।

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