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कासगंज के कलक्ट्रेट में होगा यह अनूठा कार्य, जाने क्या

अब तक जनपद के कई स्थानों पर प्राचीन पुरातात्विक धरोहर जमीन की खुदाई में मिलती रही हैं। इनके रखरखाव की कोई बेहतर और ठोस व्यवस्था नहीं है। कहीं थाने में कलाकृतियां पड़ी हैं तो कहीं निजी स्थलों पर बेकार...

कासगंज के कलक्ट्रेट में होगा यह अनूठा कार्य, जाने क्या
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 14 Feb 2017 07:40 PM
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अब तक जनपद के कई स्थानों पर प्राचीन पुरातात्विक धरोहर जमीन की खुदाई में मिलती रही हैं। इनके रखरखाव की कोई बेहतर और ठोस व्यवस्था नहीं है। कहीं थाने में कलाकृतियां पड़ी हैं तो कहीं निजी स्थलों पर बेकार धूल चाट रही हैं। ऐसे में प्राचीन धरोहरों को संरक्षित रखने व प्रदर्शित करने को प्रशासन अपनी इमारत में स्थान देने को तैयार है। जल्द ही कलक्ट्रेट परिसर के दो बड़े कक्षों में मिनी म्यूजियम देखने को मिल सकेगा।

चाहे सोरों हो या फिर नदरई। जखेरा गांव, कांतौर गांव हो या फिर पटियाली। पुरातात्विक महत्व की मूर्तियां यहां पर लंबे समय से मिलती रहीं हैं। इनके संरक्षण की व्यवस्था किसी के पास नहीं है। ये प्राचीन कलाकृतियां असुरक्षित हैं और इनके इतिहास के दबे रहस्य भी लोगों के बीच नहीं आ पा रहे हैं। ऐसे में हिन्दुस्तान की इनके संरक्षण की पहल को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। डीएम के. विजयेंन्द्र पांडियन प्राचीन मूर्तियों को पूरे जिले से एकत्र कराएंगे। सरकारी टीम सुरक्षा में कलाकृतियों को लाकर कलक्ट्रेट में सहेजेगी। डीएम की योजना है कि मुख्यालय भवन में ही दो बड़े कक्षों को मिनी म्यूजियम का रूप दिया जाएगा। जिसमें मूर्तियों और कलाकृतियों को बाकायदा पैडस्टल लगवा कर उन्हें प्रदर्शित किया जाएगा। मूर्ति के नीचे कुछ उसका इतिहास और मूर्ति कहां से कब मिली, ये जानकारी भी अंकित की जाएंगी। जिससे देखने को वाले समझने में कोई दिक्कत नहीं हो और उसकी रोचकता बरकरार रहे।

कलक्ट्रेट समय में ही खुलेगा म्यूजियम होगा

सुरक्षा के लिहाज से भी मिनी म्यूजियम के समय को लेकर प्रशासन का मानना है कि जब कलक्ट्रेट खुलेगा तो कार्य दिवस में लोग मिनी म्यूजियम को देख सकेंगे। शाम को जब कलक्ट्रेट बंद होने का समय होगा तब इसे बंद किया जाएगा। इसके संकेतक भी लगाए जाएंगे। जिससे किसी को दिक्कत नहीं होगी।

जिले में इधर-उधर असुरक्षित रखी प्राचीन धरोहरों को एकत्र करके एक मिनी म्यूजियम के रूप में संरक्षित और प्रदर्शित करने की योजना है। इससे स्थानीय लोगों के साथ ही बाहरी लोगों को कासगंज के महत्व के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।

के. विजयेंद्र पांडियन

जिलाधिकारी, कासगंज

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