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सूरज के तेवर हुए और तीखे, झुलस रही त्वचा

शुक्रवार को सूर्य भगवान के तेवर तीखे थे। दोपहर में आग उगल रहा था। राहगीरों को रास्ता चलने में खासी दिक्कत हो रही थी। खुला बदन झुलस रहा था। स्कूली बच्चे तपती दोपहरी में घर लौटे तो पस्त हो गए। बिजली की...

सूरज के तेवर हुए और तीखे, झुलस रही त्वचा
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 21 Apr 2017 10:50 PM
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शुक्रवार को सूर्य भगवान के तेवर तीखे थे। दोपहर में आग उगल रहा था। राहगीरों को रास्ता चलने में खासी दिक्कत हो रही थी। खुला बदन झुलस रहा था। स्कूली बच्चे तपती दोपहरी में घर लौटे तो पस्त हो गए। बिजली की आवाजाही भी जारी रही।

अप्रैल का महीना ज्यों-ज्यों समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, सूरज के तेवर कड़े होते जा रहे हैं। दोपहर में तो हालत यह थी कि आसमान से आग गिर रही थी। सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा था। वही लोग आ-जा रहे थे, जिन्हें जरूरी काम से निकलना पड़ा। अधिकांश लोग सिर और मुहं को अंगोछा से बांधकर तथा आंखों पर चश्मा लगाकर ही निकल रहे थे। वाहनों पर चलने वाले लोगों ने हेलमेट लगाए हुए थे। जो कभी हेलमेट लगाने से कतराते थे, उनके सिर पर भी हेलमेट लगे थे। कलक्ट्रेट पर भी दोपहर में सन्नाटा पसरा रहा। शहर के मुख्य बाजार होलीगेट की स्थिति भी कमोवेश ऐसी ही रही। शुक्रवार का तापमान अन्य दिनों के मुकाबले अधिक रहा। उपनिदेशक कृषि राकेश बाबू का कहना है कि अधिकतम पारा 44.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम पारा 29 डिग्री सेल्सियस रहा। आर्द्रता 60 प्रतिशत रिकार्ड की गई। दिन में गर्म हवाओं की गति 18 किमी प्रति घंटा रही। गर्म हवाओं ने लोगों की हालत खराब कर दी।

सूर्य की सीधी किरणें बना सकती हैं बीमार

मथुरा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में गर्मी को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन डॉ.मुकेश लवानिया की अध्यक्षता में किया गया। इसमें गर्मियों में चलने वाली गर्म हवा व लू के तहत से शरीर पर पड़ने वाले कुप्रभाव पर चर्चा की गई। पीड़ित व्यक्ति को घर पर आराम तथा चिकित्सीय की सलाह लेने का कहा गया है। सीएमओ डॉक्टर आरके नैय्यर ने दिशा-निर्देश दिए। गोष्ठी में डॉ.मेघश्याम गौतम, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.आरके सिंह आदि उपस्थित रहे।

ये अपनाएं उपाय--

-गर्मियों में अधिक से अधिक पानी पीएं। कार्यस्थल व यात्रा की दशा में पीने का पानी साथ लेकर चलें जिससे शरीर में पानी की कमी न हो।

-शरीर के अंगों को खुला न छोड़ें। पहनने के लिए हल्के वस्त्रों का प्रयोग करें।

-धूप में चश्मा, छाता, टोपी तथा चप्पल का प्रयोग करें। अनावश्यक रूप से सूर्य की सीधी रोशनी से बचें।

-ओआरएस के घोल तथा घर में बने पेय पदार्थ का सेवन करें।

-गर्मियों में शराब, चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड, सॉफ्ट ड्रिंक के प्रयोग से बचें। इससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है।

-घरों में आसपास साफ-सफाई तथा सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें।

-प्रसूति महिलाएं तथा रोग ग्रस्त कर्मियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

ये हैं लू लगने के लक्षण

लू से पीड़ित व्यक्ति को कमजोरी, चक्कर आना, सर दर्द, उबकाई, पसीना आना, मुर्छा आदि लक्षण होते हैं।

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