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सरकारों की बेरूखी से दुखी है शहीद सोरन सिंह का परिवार

जम्मू कश्मीर की करगिल पहाड़ियों पर दुश्मन देश पाकिस्तान से हुए युद्ध में 21 जून वर्ष 1999 में गोवर्धन के ग्राम नगरिया निवासी सोरन सिंह शहीद हो गए थे। उनकी शहादत के बाद से अब तक परिवार द्वारा रखी गई...

सरकारों की बेरूखी से दुखी है शहीद सोरन सिंह का परिवार
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 07 May 2017 07:50 PM
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जम्मू कश्मीर की करगिल पहाड़ियों पर दुश्मन देश पाकिस्तान से हुए युद्ध में 21 जून वर्ष 1999 में गोवर्धन के ग्राम नगरिया निवासी सोरन सिंह शहीद हो गए थे। उनकी शहादत के बाद से अब तक परिवार द्वारा रखी गई मांगों को केंद्र और राज्य सरकार पूरा नहीं कर सकी है। सरकारों की बेरूखी से शहीद का परिवार दुखी है।

करगिल के द्रास सेक्टर में दुश्मन देश की सेना से लोहा लेते समय गोवर्धन सौंख रोड पर स्थित ग्राम नगरिया निवासी सोरन सिंह शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर सभी को नाज था। केंद्र सरकार ने शहीद के परिवार की हर सम्भव मदद का भरोसा दिया था। लम्बा अरसा बीत जाने के बाद भी शहीद के परिवार की किसी ने सुध नहीं ली है। जबकि शहादत के समय राजनेताओं ने अपने अपने तरीके से शहीद के परिवार की मदद करने और उनके नाम पर सड़क, स्कूल और स्मारक बनवाए जाने का भरोसा दिया था।

जैसे-जैसे समय गुजरता गया सरकार ने उनकी शहादत को भुला दिया। तभी से शहीद का परिवार सरकार से आस लगाए हुए है। शहीद के परिवार को सरकार की ओर से आवास भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। शहीद के नाम पर प्राइमरी स्कूल भी नहीं खोला गया है। इतना ही नहीं किसी भी नेता ने शहीद के परिवार का पलट कर हाल जानने का प्रयास भी नहीं किया है। शहीद की पत्नी ने जब इस मामले में प्रयास शुरू किए तब शहीद के नाम पर गैस एजेंसी व दस-दस लाख रुपये मिल सके। शहीद के नाम पर स्मारक खुद परिजनों के द्वारा बनवाया गया था।

ये मांग जो पूरी नहीं हुई

-गोवर्धन-जाजम पट्टी रोड का नाम शहीद सोरन सिंह मार्ग रखा जाए।

-गांव में शहीद के नाम पर प्राईमरी स्कूल बनाया जाए।

-गांव में युवाओं के खेलने के लिए मैदान बनाया जाए।

-बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाई जाए।

शहीद का प्रोफाइल

-जन्म 22 फरवरी 1971 में गोवर्धन रोड स्थित नगरिया गांव में हुआ।

-उनकी पढ़ाई एमजीएस इंटर कॉलेज सौंख में हुई।

-वर्ष 1990 में सोरन सिंह भारतीय सेना में भर्ती हुए।

-21 जून 1999 को द्रास सेक्टर में उनकी शहादत हुई।

-अपने पीछे बेटे विवेक, रोहित व बेटी डोली को छोड़ा था।

किसी ने नहीं पूछा हाल

शहीद सोरन सिंह के बेटे विवेक ने बताया कि सरकारों ने उनके पिता की शहादत को भुला दिया। केंद्र में जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से लगातार सैनिक शहीद हो रहे हैं। केन्द्र सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए। पिता की शहादत के बाद किसी भी नेता ने उनके परिवार का हाल तक नहीं पूछा है।

मोदी अपना वादा भूल गए हैं

शहीद की पत्नी कमलेश का कहना है कि सत्ता में आने से पूर्व मोदी जी बड़ी-बड़ी बातें किया करते थे। सैनिकों की लगातार हो रही शहादत पर वह चुप हैं। उन्हें आगे बढ़ कर देश के दुश्मनों को सबक सिखाना चाहिए। जिससे किसी पत्नी का सुहाग व किसी मां की गोद सूनी न हो सके।

शहीद के परिवार को सुविधाएं मिलनी चाहिए। रक्षा मंत्रालय और प्रशासन को पत्र लिख कर मांग पूरी कराने का प्रयास किया जाएगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि सुविधाओं में रुकावट किस स्तर पर आ रही है। वह व्यक्तिगत रुप से भी शहीद के परिजनों से मुलाकात करने जल्द जाएंगे, ताकि उनकी आवाज बन सकें।

कारिंदा सिंह, विधायक गोवर्धन विधानसभा क्षेत्र, मथुरा

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