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एसटीपी ठेका-संचालन में अनियमितताओं की रिपोर्ट शासन को भेजी

एसटीपी के 1.74 करोड़ रुपये के नियमविरुद्ध ठेके और संचालन में अनियमितताओं की शिकायत पर दिए गए आरोप-पत्र और उन पर मथुरा पालिकाध्यक्ष व ईओ के जवाबों पर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी नितिन बंसल ने शासन को भेज...

एसटीपी ठेका-संचालन में अनियमितताओं की रिपोर्ट शासन को भेजी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 28 Feb 2017 12:00 AM
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एसटीपी के 1.74 करोड़ रुपये के नियमविरुद्ध ठेके और संचालन में अनियमितताओं की शिकायत पर दिए गए आरोप-पत्र और उन पर मथुरा पालिकाध्यक्ष व ईओ के जवाबों पर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी नितिन बंसल ने शासन को भेज दी है।

यमुना में जा रहे गंदे पानी के लिए एसटीपी संचालन में लापरवाही को ही जिम्मेदार माना गया है। सिटीजन वेलफेयर सोसायटी की ओर से हेमंत अग्रवाल, राजीव कुमार सिंह और उमेश भारद्वाज ने 2015 में मथुरा नगरपालिका में एसटीपी के 1 करोड़ 74 लाख रुपये के ठेके में पूरी टेंडर प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया था। इसके संचालन को लेकर भी शासन से शिकायत की गई थी। शासन स्तर से इस प्रकरण में जांच कराई गई थी। जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन अपर जिलाधिकारी (कानून-व्यवस्था) एसके शर्मा को मिली। जांच में एडीएम को शिकायतें सही मिलीं। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई तो 2016 में नगरपालिका अध्यक्ष और तत्कालीन ईओ के विरुद्ध आरोप-पत्र दिए गए। शासन की ओर से जिलाधिकारी नितिन बंसल को कहा गया कि वे आरोप-पत्रों और उनके सापेक्ष पालिकाध्यक्ष व ईओ के दिए गए जवाबों का परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजें। इस शिकायत के आरोप-पत्र और जवाबों पर जांच कर जिलाधिकारी नितिन बंसल ने एक दर्जन बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट अब शासन को सौंपी है। रिपोर्ट में माना गया है कि एसटीपी ठेका और संचालन में वित्तीय अनियमितताएं की गई हैं। इसके लिए पालिकाध्यक्ष व तत्कालीन ईओ की जिम्मेदारी बनती है।

एनजीटी तक भी पहुंचा एसटीपी संचालन का मामला

एसटीपी संचालन में अनियमितताओं का खुलासा तो नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सामने भी हो गया था। दरअसल 2 जनवरी को एनजीटी के आदेश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीम को एसटीपी संचालन के पानी का सैंपल लिया जाना प्रस्तावित था। एसटीपी संचालन में हद दर्जे की लापरवाही का आलम यह था कि सैंपलिंग से एक दिन पहले की रात को ही एसटीपी बंद कर दिया गया। जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम सैंपल लेने पहुंची तो उस समय एसटीपी बंद मिला। इसके फलस्वरूप आउटलेट पर पानी की स्थिति नगण्य मिली।

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