एनजीटी ने जब्त किया जवाब देने का अधिकार
ताजनगरी में वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अख्तियार किया है। एक याचिका के संबंध में कई बार हिदायत के वाबजूद जवाब नहीं दाखिल करने पर एनजीटी...
ताजनगरी में वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सख्त रुख अख्तियार किया है। एक याचिका के संबंध में कई बार हिदायत के वाबजूद जवाब नहीं दाखिल करने पर एनजीटी ने यूपी व राजस्थान सरकार, यूपीपीसीबी और एएसआई का जवाब देने का अधिकार जब्त कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई अब छह फरवरी को होगी।
आगरा निवासी रमन बल्ला ने एनजीटी कोर्ट में टीटीजेड अथॉरिटी की निष्क्रियता और ताजमहल के आस-पास लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर एक याचिका दाखिल की थी। एनजीटी में याचिकाकर्ता ने भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार, टीटीजेड यूपीपीसीबी, सीपीसीबी, एडीए, आगरा छावनी और एएसआई को पक्षकार बनाया था। कोर्ट ने सभी पक्षकारों को नोटिस भेज टीटीजेड में प्रदूषण नियंत्रण पर जवाब-तलब किया था। आगरा छावनी सहित सभी शेष पांच पक्षकारों ने कोर्ट में जवाब दाखिल किए, परंतु उत्तर प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार, यूपीपीसीबी और एएसआई ने छह माह बाद भी जवाब दाखिल नहीं किया। इस अपर एनजीटी ने चार पक्षकारों के जवाब दाखिल करने का अधिकार ही जब्त कर लिया है। टीटीजेड अथॉरिटी सदस्य रमन बल्ला ने बताया कि अगली सुनवाई छह फरवरी को होगी।