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नोटबंदी समाप्त होने के बाद भी लग रही लाइनें

डाकघरों में मांग के मुताबिक नहीं मिल रहा कैशकुरावली। नोटबंदी समाप्त होने के बाद भी डाकघर के उपभोक्ताओं को रुपये नहीं मिल पा रहे हैं। रुपये न मिलने से डाकघर के बचत खाते में उपभोक्ताओं ने रुपये जमा...

नोटबंदी समाप्त होने के बाद भी लग रही लाइनें
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 06 May 2017 10:00 PM
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डाकघरों में मांग के मुताबिक नहीं मिल रहा कैश

कुरावली। नोटबंदी समाप्त होने के बाद भी डाकघर के उपभोक्ताओं को रुपये नहीं मिल पा रहे हैं। रुपये न मिलने से डाकघर के बचत खाते में उपभोक्ताओं ने रुपये जमा करना भी कम कर दिया है।

कस्बा में गल्ला मंडी तथा जीटी रोड स्थित दो उपडाकघर हैं। इन डाकघरों में नोटबंदी के बाद लोगों ने बड़ी संख्या में पुराने नोट जमा कराए। अब लोग रुपये निकालने के लिए डाकघर पहुंच रहे हैं तो उन्हें निराशा हाथ लग रही है। कस्बा के दोनों उपडाकघरों में लगभग बीस हजार बचत खाते हैं। नवंबर माह में हुई नोट बंदी के सात माह बाद तक मात्र चार सौ लोगों ने ही नए बचत खाते खुलवाये हैं। कस्बा के जीटीरोड स्थित उपडाकघर के डाकपाल रघुवीर सिंह आजाद का कहना है कि खाताधारकों की प्रतिदिन 15 लाख रुपये की डिमांड है। इसके एवज में उनको मात्र एक से सवा लाख रुपये ही प्रतिदिन दिया जा रहा है।

उपभोक्ता परेशान

डाकघर उपभोक्ताओं में दाऊदयाल यादव, राजू, युगल किशोर, देवेन्द्र वर्मा, संजय कुमार, विनोद कुमार, रामवीर दिवाकर, रीतू गुप्ता, विजयप्रभा गुप्ता का कहना है कि नोटबंदी में उन्होंने पुराने रुपये जमा कर दिए थे। अब उन्हें रुपयों की आवश्यकता है लेकिन रुपये नहीं मिल पा रहे हैं।

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