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सड़कों पर उतरीं डॉयल 100 की हाईटेक गाड़ियां

पुलिसिंग में सुधार के लिए मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट सेवा डायल 100 का शनिवार को शुभारंभ हुआ। कबीना मंत्री शाहिद मंजूर ने पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में हाईटेक 76 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। डायल 100...

सड़कों पर उतरीं डॉयल 100 की हाईटेक गाड़ियां
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 19 Nov 2016 09:00 PM
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पुलिसिंग में सुधार के लिए मुख्यमंत्री की ड्रीम प्रोजेक्ट सेवा डायल 100 का शनिवार को शुभारंभ हुआ। कबीना मंत्री शाहिद मंजूर ने पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में हाईटेक 76 गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। डायल 100 की सभी गाड़ियों की मॉनीटरिंग लखनऊ से होगी। रेस्पोंस टाइम पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है। इस सेवा के अंतर्गत शहर में 15 मिनट और देहात में 20 मिनट में पुलिस पहुंच जाएगी। घटना गंभीर होगी तो आला अधिकारी मौके पर जाएंगे।

अमेरिका, स्कॉटलैंड यार्ड, जापान, इंडोनेशिया में एक नंबर पर सूचना देते ही पुलिस तत्काल वहां पहुंच जाती है। पता खोजने में उसे कोई दिक्कत नहीं होती। ऐसी ही हाईटेक पुलिसिंग के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस अधिकारियों को विदेश भेजा। उसके बाद यह योजना तैयार की गई। 28 अक्टूबर को 76 गाड़ियां आगरा आ गई थीं। पुलिस लाइन में खड़ी थीं। लखनऊ में मुख्यमंत्री के योजना का शुभारंभ करने के बाद शाम को आगरा में इन गाड़ियों को सड़कों पर उतारा गया। पुलिस लाइन परेड ग्राउंड में इसके लिए भव्य आयोजन किया गया। लखनऊ से एडीजी भवेश कुमार सिंह कार्यक्रम में शामिल होने आए। प्रदेश सरकार के श्रम सेवा योजन मंत्री ने गाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने बताया कि यह मुख्यमंत्री के प्रयास का ही असर है। वह चाहते हैं कि घटना की सूचना पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचे। पूरे जिले की नाकाबंदी कर दी जाए। पीड़ित ने मौके पर क्या बताया। बकायदा इसकी रिकार्डिंग की जाए। प्रदेश के 11 महानगरों में यह सेवा शुरू की गई है जिनमें आगरा भी शामिल है। जल्द ही अन्य जिलों में भी सेवा शुरू की जाएगी।

कार्यक्रम में आईजी जोन सुजीत पांडेय, मंडलायुक्त चंद्रकांत, डीआईजी महेश मिश्रा, डीएम गौरव यादव, एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह सहित सपा के वरिष्ठ नेता एवं शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

एमडीटी स्क्रीन पर होगी लोकेशन

डायल 100 के लिए सड़कों पर उतरी गाड़ियां हाईटेक संसाधनों से लैस हैं। 100 नंबर पर सूचना देने वाले की लोकेशन गाड़ी में लगे एमडीटी (महेंद्र डाटा टेलीनॉर) की स्क्रीन पर होगी। उसका नंबर भी फ्लैश होगा। किस रास्ते से उसके पास जल्दी पहुंचा जा सकता है यह भी दिखाई देगा।

एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि अभी तक लोग 100 नंबर डायल करते थे तो कॉल जिले के पुलिस कंट्रोल रूम पर पहुंचता था। अब यह कॉल सीधे लखनऊ में डायल 100 के हेड क्वार्टर पहुंचेगा। वहां अल्ट्रा मॉडर्न कंट्रोल रूम बनाया गया है। बाकायदा ट्रेंड ऑपरेटर पीड़ित की बात सुनेंगे। कॉल की रिकार्डिंग होगी। पीड़ित शहर के किस हिस्से में है यह उनकी स्क्रीन पर आ जाएगा। ऑपरेटर उस कॉल को तत्काल पीड़ित के सबसे निकट मौजूद डायल 100 की गाड़ी पर ट्रांसफर करेगा। समस्या गंभीर होगी तो संबंधित थाना प्रभारी और जिले के अधिकारियों को वायरलेस पर इसकी सूचना दी जाएगी। पुलिस फोर्स का मूवमेंट उसी दिशा में होगा।

गाड़ियों की क्या है खासियत

-गाड़ी में संचार के चार साधन है।

-जो गाड़ी का नंबर है वह गाड़ी में तैनात प्रभारी का सीयूजी नंबर होगा। मतलब गाड़ी का नंबर 0399 है। यह सीयूजी नंबर के आखिरी चार डिजिट होंगे। शुरू के छह डिजिट सभी के एक जैसे होंगे।

-प्रत्येक गाड़ी में एक दारोगा/एचसीपी, एक सिपाही व एक ड्राइवर तैनात रहेंगे। फोर्स की कमी के चलते फिलहाल कम स्टाफ रखा गया है।

-प्रत्येक गाड़ी के लिए एक मोबाइल और सिम कार्ड लखनऊ से इश्यू हुआ है।

-प्रत्येक गाड़ी में एक वायरलेस सेट है।

-जरूरत पड़ने पर गाड़ी में तैनात पुलिस कर्मी अपना मोबाइल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

-प्रत्येक गाड़ी के बीच में एमडीटी स्क्रीन लगी है। यह इंटरनेट के माध्यम से लखनऊ स्थित हेड क्वार्टर से अटैच है।

-पीड़ित का नाम और नंबर इसी स्क्रीन पर फ्लैश होगा। इसी स्क्रीन पर पीड़ित कहां मौजूद है, यह दिखाई देगा।

-किस रास्ते से उस तक जल्दी पहुंचा जाए वह नक्शा भी इसी स्क्रीन पर आएगा।

-इस स्क्रीन में एक कैमरा भी लगा है। पीड़ित का बयान रिकार्ड किया जाएगा। जो इसी सॉफ्टवेयर के जरिए हेड क्वार्टर ट्रांसफर किया जाएगा।

-डायल 100 में तैनात सिपाही और एचसीपी को दो हजार और दारोगा को ढाई हजार रुपये अतिरिक्त वेतन मिलेगा। प्रत्येक कर्मचारी को 12 घंटे ड्यूटी देनी होगी।

-गाड़ी में एक किट दी गई है। जिसमें स्ट्रेचर, डेड बॉडी बैग, लॉक कटर, टूल किट, टॉर्च, प्रोटेक्शन किट, वाटर कंटेनर, फायर स्ट्रिंग्यूशर, ग्लब्स, रेडियम पट्टी, जैक आदि सामान है।

नाकाबंदी को लगाए गए 337 बैरियर

आईजी जोन सुजीत पांडेय ने बताया कि आगरा जिले में 337 बैरियर नजर आएंगे। यह बैरियर गिर जाएं तो आगरा जिले से कोई बाहर नहीं निकल सकता है। डायल 100 की गाड़ियां सड़क पर आ गई हैं। घटना की सूचना पर सभी बैरियर पर चेकिंग शुरू होगी।

चेकिंग भी हो जाएगी हाईटेक

एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि डायल 100 की गाड़ियों के बाद चेकिंग भी हाईटेक हो जाएगी। थाना पुलिस अपने स्तर से चेकिंग करेगी। लखनऊ स्थित अल्ट्रा मॉडर्न कंट्रोल रूम में पीड़ित की लोकेशन मिल जाएगी। उस घटनास्थल के पास जो भी डायल 100 की गाड़ियां मौजूद होंगी। वे चेकिंग में जुट जाएंगी। जीपीएस से यह जानकारी कंट्रोल रूम पर रहेगी कि किस सड़क पर पुलिस को किस रास्ते से भेजना है। इतना ही नहीं हाईवे की सुरक्षा व्यवस्था में भी अंतर नजर आएगा। अभी तक एक थाने में एक ही गाड़ी थी। नई गाड़ियों के आने से पुलिस का मूवमेंट जनता को नजर आएगा।

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