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भगवा गमछे वालों ने ला दिया बैकफुट पर

भगवा गमछाधारी कुछ अति उत्साही युवाओं ने बहुतों की मुश्किलें बढ़ा दीं। एक ओर फतेहपुर सीकरी और फिर थाना सदर मेें हुए घटनाक्रम के बाद पूरे सत्ताधारी खेमे को बैकफुट पर आना पड़ा, वहीं उन परिवारों की रात...

भगवा गमछे वालों ने ला दिया बैकफुट पर
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 24 Apr 2017 02:50 AM
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भगवा गमछाधारी कुछ अति उत्साही युवाओं ने बहुतों की मुश्किलें बढ़ा दीं। एक ओर फतेहपुर सीकरी और फिर थाना सदर मेें हुए घटनाक्रम के बाद पूरे सत्ताधारी खेमे को बैकफुट पर आना पड़ा, वहीं उन परिवारों की रात जागते हुए कटी जिनके बच्चे रात को घर नहीं पहुंचे थे।

सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद अप्रत्याशित रूप से शहर में भगवा गमछा पहनने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है। इतनी कि इस गमछे के दाम ही बढ़ गए हैं। सवाल यह है कि आखिर अचानक युवा पीढ़ी में भगवा प्रेम आखिर इतना कैसे बढ़ गया। पड़ताल में बड़ी चौंकाने वाली चीजें सामने आ रही हैं। कुछ समय पहले तक सपा और बसपा में रहे तमाम लोग सत्ता परिवर्तन होते ही भगवा प्रेमी हो गए हैं। इनमेें तमाम ऐसे लोग भी प्रवेश पा गए हैं जिनके पास अपना अलग एजेंडा है। विहिप और बजरंग दल की रीति-नीति से उनका कोई लेना­-देना नहीं। संघ के संस्कार भी उन्हें नहीं पता। यही कारण है कि बीते दिनों में आगरा में कई थानों में बवाल हुए हैं। विडंबना यह है कि ऐसे लोगों पर अंकुश आखिर कौन रखेगा।

इसकी बानगी गत दिवस पहले फतेहपुर सीकरी में देखने को मिली और फिर थाना सदर में। हालांकि सीकरी के बवाल में कई पुराने लोगों की नासमझी भी बवाल का कारण बनीं। थाना सदर की स्थिति यह थी कि भीड़ में शामिल लोग इस कदर बेकाबू हो गए कि खुद विहिप-बजरंग दल के पदाधिकारियों के भी हाथ-पांव फूल गए। नाम न छापने की शर्त पर विहिप और बजरंग दल से जुड़े कई लोगों ने इस बात की पुष्टि की और घटना को पूरी तरह गलत भी ठहराया। अब सवाल यह है कि आखिर लगातार बढ़ रही इस भीड़ पर नियंत्रण कौन रखेगा।

सीएम योगी तक पहुंचा मामला

फतेहपुर सीकरी से लेकर थाना सदर तक गत दिवस हुए घटनाक्रम की गूंज सीएम योगी आदित्यनाथ तक जा पहुंची। पुलिस के साथ मारपीट और दरोगा की बाइक जलाए जाने की घटना को उन्होंने गंभीरता से लिया है। संघ और भाजपा के लोगों से भी से भी इस संबंध में रिपोर्ट ली गई है। उधर, पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की जानकारी डीजीपी कार्यालय को भी दे दी गई थी। सीएम के सख्त रुख के बाद पुलिस हरकत में आई और संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज कर 14 लोगों को जेल भेज दिया गया है।

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