पुलिस ऑफिस में तैयार हुआ बेसहारा बच्चों का ठिकाना
भटके और अपराध पीड़ित बच्चों को आसरा देने के लिए पुलिस ऑफिस में विशेष कक्ष तैयार हो चुका है। यूनेस्को और यूपी पुलिस की एसजेपीयू (स्पेशल जुवेनाइल प्रोटेक्शन यूनिट) योजना के तहत यह इकाई अगले सप्ताह से...
भटके और अपराध पीड़ित बच्चों को आसरा देने के लिए पुलिस ऑफिस में विशेष कक्ष तैयार हो चुका है। यूनेस्को और यूपी पुलिस की एसजेपीयू (स्पेशल जुवेनाइल प्रोटेक्शन यूनिट) योजना के तहत यह इकाई अगले सप्ताह से काम शुरू कर देगी। एसएसपी ने बताया कि इसके लिए महिला पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग हो गई है। यूनिट में एनजीओ का चयन और डॉक्टर की तैनाती शेष है।
यूनीसेफ के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस और राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के कार्यक्रम स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट को लागू करने वाला वाराणसी पहला जिला होगा। गुरुवार को यूनेस्को की 12 सदस्यीय टीम ने इस यूनिट का निरीक्षण किया। इसके साथ ही कैंट थाने में बनवाया गया पहला बालमित्र थाना भी देखा। पुलिस ऑफिस में बनाए गए विशेष कक्ष में बच्चों के लिए खिलौने, किताबें और ड्राइंग बोर्ड वगैरह रखे गए हैं। एसएसपी ने बताया कि अगले सप्ताह से यह यूनिट शुरू कर दी जाएगी।
ऐसे काम करेगा एसजेपीयू
एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि पुलिस के पास तीन तरह के बच्चे आते हैं। पहले वह जो किसी अपराध से पीड़ित होते हैं, दूसरे जो किन्हीं कारणों से परिवार से बिछड़ जाते हैं और तीसरे जो किसी अपराध में लिप्त होते हैं। पुलिस ऑफिस में स्थापित स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट (एसजेपीयू) का काम इन बच्चों की काउंसिलिंग करना होगा। बच्चों की देखरेख के लिए सामाजिक संगठनों की मदद ली जाएगी। यूनिट में तैनात रहने वाले पुलिसकर्मी भी सादे वेश में होंगे ताकि बच्चे उन्हें देखकर सहमें नहीं। उनकी चिकित्सा के लिए डॉक्टरों और काउंसिलिंग के लिए एनजीओ के लोगों की भी मदद ली जाएगी।