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Hindi Newsमुजफ्फरपुर : कांटी पावर प्रोजेक्ट में देरी से लागत 788 करोड़ बढ़ी

मुजफ्फरपुर : कांटी पावर प्रोजेक्ट में देरी से लागत 788 करोड़ बढ़ी

तय समय में बिजली परियोजना पूरी नहीं होने के कारण बिहार सरकार पर 788 करोड़ का बोझ बढ़ गया। मुजफ्फरपुर के कांटी में बन रही 195 मेगावाट की दो नई इकाई अपने समय से पांच साल देर हो चुकी है। लगभग 25 फीसदी...

मुजफ्फरपुर : कांटी पावर प्रोजेक्ट में देरी से लागत 788 करोड़ बढ़ी
लाइव हिन्दुस्तान टीमThu, 29 Sep 2016 06:56 PM
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तय समय में बिजली परियोजना पूरी नहीं होने के कारण बिहार सरकार पर 788 करोड़ का बोझ बढ़ गया। मुजफ्फरपुर के कांटी में बन रही 195 मेगावाट की दो नई इकाई अपने समय से पांच साल देर हो चुकी है।

लगभग 25 फीसदी अधिक खर्च कर तैयार हो रही दोनों नई यूनिटों के जनवरी 2017 में बनने की उम्मीद है। बिहार सरकार और एनटीपीसी का संयुक्त उपक्रम केबीयूएनएल कांटी में 390 मेगावाट की नई इकाई बनाने का जिम्मा केन्द्र सरकार की एजेंसी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) को दिया। साल 2009 में 3154 करोड़ 33 लाख मंजूर हुए। तय हुआ कि यूनिट संख्या तीन से अक्टूबर 2012 और यूनिट संख्या चार से जनवरी 2013 में उत्पादन शुरू हो जाएगा, लेकिन एजेंसियों की सुस्ती, भेल की लापरवाही के कारण अब इन दोनों यूनिटों से जनवरी 2017 से उत्पादन शुरू होने की उम्मीद है। मंजूर राशि से 787.83 करोड़ अधिक 3942 करोड़ 16 लाख खर्च होने की उम्मीद है, जो स्वीकृत राशि से 24.98 फीसदी अधिक है। देरी का कारण : मुख्य प्लांट का सिविल या गैर सिविल काम, चिमनी पैकेज मेसर्स एचसीसी को दिया गया, लेकिन एजेंसी की सुस्ती के कारण तय समय में यूनिट तैयार नहीं हो सकी। अगस्त 2015 में कंपनी ने एचसीसी की 36 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त करते हुए नए सिरे से टेंडर कर मेसर्स इंड्योर को यह काम दिया। कोयला पैकेज का काम टीएसएल तय समय में नहीं कर सकी तो 19.6 करोड़ की बैंक गारंटी जब्त करते हुए अगस्त 2015 में सप्लायर्स व सब-वेंडर्स से काम करवाया जा रहा है, जो संतोषजनक है। ऐसे बढ़ी लागत काम शुरू होने में देरी के कारण : 315.23 करोड़ सिविल, मैकेनिकल व अन्य काम : 19.24 करोड़ विभिन्न कर में बदलाव के कारण : 143.87 करोड़ परियोजना प्रबंधन करने के मद में : 88.94 करोड़ ब्याज, कोयला व तेल की कीमत में : 220.55 करोड़ तब और अब में कुल अंतर राशि : 787.55 करोड़

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