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भारतीय निशानेबाजों ने जीता एक और पदक

भारतीय पुरुष निशानेबाजों ने 17वें एशियाई खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता लेकिन जीतू राय अपने पहले दिन की स्वर्णिम सफलता को...

भारतीय निशानेबाजों ने जीता एक और पदक
एजेंसीSun, 21 Sep 2014 05:02 PM
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भारतीय पुरुष निशानेबाजों ने 17वें एशियाई खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता लेकिन जीतू राय अपने पहले दिन की स्वर्णिम सफलता को दोहराने में नाकाम रहे और व्यक्तिगत फाइनल में पांचवें स्थान पर रहे।

जीतू ने क्वालीफाइंग में 585 अंक जुटाए जो शीर्ष पर रहे कजाखस्तान के राशिद युनुसमेतोव से एक कम था। भारत के अन्य निशानेबाजों में समरेश जंग 580 अंक के साथ नौवें जबकि पैर में चोट के बावजूद खेल रहे प्रकाश नांजप्पा 578 अंक के साथ 14वें स्थान पर रहे। इन तीनों की भारतीय टीम ने 1743 अंक जुटाए जो दूसरे स्थान पर रहे चीन के बराबर रहे।

चीन ने हालांकि भारतीय टीम के 64 की तुलना में 65 बार बुल्स आई से 10 अंक जुटाए जिससे उसे रजत पदक मिला जबकि भारत को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। मेजबान दक्षिण कोरिया ने 1744 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता।

पुरुष ट्रैप में हालांकि मनशेर सिंह, मानजीत सिंह संधू और दारियस किनान चेनाई की तिकड़ी बुरी तरह से विफल रही और इनमें से कोई भी व्यक्तिगत फाइनल में जगह नहीं बना सका। मनशेर दो दिन चले क्वालीफाइंग में 117 अंक के साथ 11वें स्थान पर रहे, मानवजीत ने 116 अंक के साथ 14वां जबकि चेनाई ने 108 के स्कोर से 46 निशानेबाजों के बीच 36वां स्थान हासिल किया।
 

प्रतियोगिता के पहले दिन कल भारत को 50 मीटर में खिताब दिलाने वाले सेना के जीतू आज आठ निशानेबाजों के फाइनल में कोई करिश्मा नहीं कर पाए। जीतू 20 शाट के फाइनल में छह शाट के बाद शीर्ष पर चल रहे थे। वह हालांकि अगले शाट में 9.5 का स्कोर बनाने के बाद स्वर्ण पदक जीतने वाले कोरिया के किम चियोंगयांग से पिछड़ गए। वह नौवें शाट तक दूसरे स्थान पर रहे और फिर 10वें शाट में उन्होंने 10.4 के स्कोर से बढ़त हासिल कर ली जबकि कोरियाई निशानेबाज ने 10.3 का स्कोर बनाया।

जीतू हालांकि 11वें शाट में 7.8 का स्कोर ही बना पाए जिससे उनकी पदक की उम्मीद टूट गई और अंतत: 138.3 के कुल स्कोर के साथ वह 14वें शाट के बाद बाहर हो गए। नेपाली मूल के जीतू ने बाद में एकाग्रता भंग होने के लिए दर्शकों की तालियों को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा कि पिछले निशानेबाज (कोरिया के किम) ने जब 10.9 का स्कोर बनाया तो लोगों ने तालियां बजानी शुरू कर दी। इससे मुझे एकाग्रता दोबारा हासिल करने के लिए रुकना पड़ा और समय बीत रहा था। आपको प्रत्येक शाट के लिए 50 सेकेंड ही मिलते हैं। मुझे शाट मारना पड़ा और गलती हो गई। अगर मैं समय पर निशाना नहीं मारता को मुझे शून्य मिलता। इससे पहले कभी मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ।
जीतू ने साथ ही कहा कि उन्होंने हाल में अपनी पिस्टल बदली थी और ट्रिगर ने अहम समय पर उन्हें परेशान किया। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी दो प्रतियोगिताओं के बीच अंतर नहीं होने के कारण वह थके हुए थे। उन्होंने कहा कि मैं अतिरिक्त पिस्टल के साथ खेल रहा था। मैंने अपनी पिस्टल बदली और इस ट्रिगर का आदी नहीं था। लगातार दो स्पर्धाओं में खेलना पड़ा। पदक वितरण समारोह भी हुआ और फिर मुझे अभ्यास के लिए जाना पड़ा। अगर एक या दो दिन का ब्रेक होता तो बेहतर रहता। आयोजकों ने 50 मीटर और 10 मीटर स्पर्धाओं के बीच एक या दो दिन का ब्रेक नहीं रखा।

पिस्टल कोच पावेल स्मिरनोव हालांकि फाइनल में जीतू के खराब प्रदर्शन के लिए इस कारण से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता। उन्हें कम समय में अलग अलग पिस्टल से सामंजस्य बैठाने की आदत होती है।

जीतू ने फाइनल में 9.7, 9.9, 10.2, 10.1, 10.7, 10.1, 9.5, 10.2, 10.5, 10.4, 7.8, 9.8, 9.2, 10.2 के स्कोर बनाए। किम ने 201.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि चीन के पेंग वेई (199.3) को रजत और कोरिया के दोहरे ओलंपिक चैम्पियन जिन जोंगोह (179.3) को कांस्य पदक मिला। जीतू ने क्वालीफाइंग के दौरान 97, 99, 95, 98, 97 और 99 की सीरीज बनाई।
    
राष्ट्रमंडल खेल 2006 में शानदार प्रदर्शन के कारण गोल्ड फिंगर के नाम से मशहूर हुए समरेश ने 97, 97, 97, 96, 96 और 98 की सीरीज से अंक जुटाए लेकिन एक स्थान से फाइनल में जगह बनाने से चूक गए। समरेश ने बाद में कहा कि मैं पदक जीतकर खुश हूं और निराश नहीं हूं (फाइनल में जगह नहीं बनाकर)। उन्होंने कहा कि रजत ही क्यों हमने सिर्फ एक अंक से स्वर्ण पदक भी गंवाया लेकिन यह ऐसे ही चलता है। 

निशानेबाजी टीम के अन्य सदस्यों की तरह समरेश को भी एक्रिडिटेशन नहीं मिलने के कारण कोरिया का वीजा हासिल करने के लिए स्पेन में विश्व चैम्पियनशिप के बाद स्वदेश लौटना पड़ा था लेकिन कुछ अन्य खिलाड़ियों के विपरीत वह कुछ दिन घर में बिताकर खुश थे।

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