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शिया-सुन्नी को लड़ाने की कोशिश नाकाम करें आवाम

नायाब मिसालशिया और सुन्नी उलेमाओं ने एक साथ अदा की नमाज-ए-जुमाइरान से आये मौलाना मौसवी और मौलाना कल्बे सादिक ने पढ़ी नमाजकभी न लड़ने और न बहकावे में आने का दिया पैगामलखनऊ। टीले वाली मस्जिद में अदा की...

शिया-सुन्नी को लड़ाने की कोशिश नाकाम करें आवाम
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 23 Sep 2016 08:20 PM
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नायाब मिसाल

शिया और सुन्नी उलेमाओं ने एक साथ अदा की नमाज-ए-जुमा

इरान से आये मौलाना मौसवी और मौलाना कल्बे सादिक ने पढ़ी नमाज

कभी न लड़ने और न बहकावे में आने का दिया पैगाम

लखनऊ। टीले वाली मस्जिद में अदा की गई जुमे की नमाज ऐतिहासिक रही। नमाज की खास बात ये थी कि एक शिया और सुन्नी उलेमाओं ने एक साथ नमाज अदाकर उन फिरकापरस्त लोगों को पैगाम दिया कि शिया और सुन्नी लोगों को आपस में लड़ाया नहीं जा सकता है। इरान से आए आलीमेदीन डा. अली रजा जादा मौसवी और शिया धर्म गुरू मौलाना कल्बे सादिक ने टीले वाली मस्जिद में मौलाना फजलुर्रहमान वाइजी की इमामत में नमाज अदा की। नमाज अदा करने के बाद मेहमान डा. अली रजा जादा मौसवी ने कहा कि आज मुझे फख्र है कि मैने सुन्नी भाइयों के साथ नमाज अदा की। उन्होंने कहा कि आज मुसलमानों में दूरी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। शिया-सुन्नी के नाम पर लड़वाया जा रहा है। हमे उस सोच को खत्म करना होगा कि अपने अलावा सब काफिर है। उन्होंने कहा कि कुरान में किसी की तौहीन करने का हुक्म नहीं है फिर वो किसी भी मजहब का क्यों न हो?

लखनऊ अदब और तहजीब का मरकज

मौलाना अली रजा जादा मौसवी ने कहा कि लखनऊ तो अदब और तहजीब का मरकज रहा है। यह तमीज और अदब हमेशा यहां कायम रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां आकर मुझे अजनबी होने का अहसास नहीं हुआ।

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