नोटबंदी से जनता खुश पर बसपा-सपा को सदमा, इसीलिए कर रहे हैं विरोध: भाजपा
-वार्शिंगटन विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल सांइस के प्रवक्ताओं और छात्रों ने भाजपा प्रवक्ता से किए सवालप्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयकेन्द्र की मोदी सरकार के नोटबंदी से जनता काफी खुश है। 500-1000 के...
-वार्शिंगटन विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल सांइस के प्रवक्ताओं और छात्रों ने भाजपा प्रवक्ता से किए सवालप्रमुख संवाददाता / राज्य मुख्यालयकेन्द्र की मोदी सरकार के नोटबंदी से जनता काफी खुश है। 500-1000 के नोट बंद किए जाने से सबसे ज्यादा असर बसपा व सपा पर पड़ा है। वह नोटबंदी के सदमे से उबर नहीं पाए हैं। इसी सदमे के चलते वह लगातार नोटबंदी का विरोध कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित ने बुधवार को वार्शिंगटन विश्वविद्यालय के पॉलिटिकल सांइस के प्रवक्ताओं व छात्रों के सवाल के जवाब में पार्टी का दृष्टिकोण रखा। विश्वविद्यालय के हेनरी एम जैक्सन स्कूल ऑफ इन्टरनेशनल के प्रवक्ता और छात्रों का 14 सदस्यीय दल लखनऊ में भाजपा मुख्यालय पर नोटबंदी के असर, भारतीय संस्कृति, तीन तलाक व पर्यावरण बदलाव जैसे मुद्दों पर भाजपा से जवाब मांगने आया।तीन तलाक के सवाल पर पार्टी के प्रवक्ता श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा हर वर्ग और समुदाय की महिलाओं के सम्मान के प्रति सजग है। पार्टी तीन तलाक को मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के उत्पीड़न का द्योतक मानती है। कॉमन सिविल कोड पर किए सवाल के जवाब में श्री दीक्षित ने कहा कि इसकी वकालत भाजपा ही नहीं संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर ने भी की थी। वह तो इसे मूल संविधान में रखने के हिमायती थे, लेकिन बाद में इसे संविधान के नीति निर्देशक तत्वों में शामिल कर लिया गया। भाजपा द्वारा देश में संस्कृति बदलने के सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा की राष्ट्रवाद की संस्कृति है। पार्टी भारतीय संस्कृति को नहीं देश की राजनीतिक संस्कृति को बदलने में विश्वास रखती है। अमेरिका के होने वाले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बारे में पार्टी के नजरिए के जवाब में श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा ट्रम्प की पर्सनालिटी पर कोई टिप्पणी नहीं करेगी। पार्टी को आशा है कि ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत व अमेरिका के संबंध और भी मजबूत होंगे। पर्यावरण बदलाव पर पूछे गए सवाल पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कापेनहेगन में हुए शिखर सम्मेलन में क्लाईमेट के लिए तय किए गए मानकों का विकसित देश लगातार उल्लंघन कर रहे हैं। भारत में तो धार्मिक तौर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए काम किए जाते हैं। अमेरिका से आए छात्रों के दल का नेतृत्व स्कूल में पॉलिटिकल साइंस विषय पर इंडियन पॉलिटिक्स के प्रवक्ता कीथ और प्रवक्ता वर्जीनिया वान हाईक ने किया।