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सपा-कांग्रेस गठबंधन की राह में सीटों का बंटवारा होगा अहम

बिहार की तर्ज पर यूपी में भाजपा को रोकने के लिए एक बार फिर गठबंधन की बात शुरू हुई है। इस बार महागठबंधन की बात न होकर सिर्फ समाजवादी पार्टी व कांग्रेस में गठबंधन की बात चली है। इसे आगे बढ़ाने की पहल...

सपा-कांग्रेस गठबंधन की राह में सीटों का बंटवारा होगा अहम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 03 Dec 2016 06:35 PM
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बिहार की तर्ज पर यूपी में भाजपा को रोकने के लिए एक बार फिर गठबंधन की बात शुरू हुई है। इस बार महागठबंधन की बात न होकर सिर्फ समाजवादी पार्टी व कांग्रेस में गठबंधन की बात चली है। इसे आगे बढ़ाने की पहल इस बार कोई और नहीं यूपी के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की है। अब यह समय बताएगा कि गठबंधन की राह पर दोनों पार्टियां कितनी आगे बढ़ पाती हैं... लेकिन सीटों का बंटवारा ही इसमें सबसे अहम होगा।

किसके हिस्से आएंगी कितनी सीटें

यूपी में वर्ष 2012 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया था। चुनाव में सपा को 224 और कांग्रेस को सिर्फ 28 सीटें मिली थीं। प्रदेश में कांग्रेस अपने स्थिति को लगातार मजबूत करने में जुटी है। रणनीतिकार प्रशांत किशोर 'पीके' भी यूपी में कांग्रेस का माहौल बनाने की भरसक प्रयास कर रहे हैं। कहना गलत न होगा कि बार-बार गठबंधन की बात शायद इसी वजह से उठ रही है कि दोनों ही दल अपनी सियासी हैसियत का अंदाजा लगा रहे हैं।

'पीके' सपा मुखिया मुलायम सिंह से लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से वह मुलाकात कर चुके हैं। इस मुलाकात में गठबंधन की गांठ कितनी मजबूत हुई, यह तो नहीं कहा जा सकता। पर, यह जरूर कहा जा सकता कि इस राह में सीटों का बंटवारा सबसे अहम होगा। गठबंधन में किसके हिस्से में कितनी सीटें आएंगी, यह तय करना थोड़ा कठिन होगा। शायद इसी वजह से दोनों दल बात तो कर रहे हैं लेकिन फिलहाल आगे बढ़ते नहीं दिखते। इसकी अपनी दिक्कतें भी हैं।

सपा घोषित कर चुकी है 170 उम्मीदवार

सपा विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब तक करीब 170 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है। सपा ने इसमें 143 उम्मीदवारों की घोषणा मार्च 2016 में ही कर दी थी। ये वो सीटों हैं जिन पर सपा को जीत हासिल नहीं हुए थी। यह बात अलग है कि इसमें से कई उम्मीदवारों को अब तक बदला जा चुका है। सपा-कांग्रेस गठबंधन के दौरान इन सीटों पर भी पेंच फंस सकता है। सवाल होगा कि इन सीटों पर कौन और किस दल से उम्मीदवार हो। ऐसे में सपा संगठन के लिए यह गठबंधन दिक्कत पैदा कर सकता है। कहा तो यह भी जाता है कि पहली बार गठबंधन की बात शुरू होने पर कांग्रेस 125 सीटों पर दावेदारी जता चुकी है, लेकिन सपा इस पर राज़ी नहीं हुई।

क्या अखिलेश ही होगे चेहरा

सपा-कांग्रेस गठबंधन में मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी चर्चा होना स्वाभाविक है। सपा के अखिलेश यादव ही मुख्यमंत्री का चेहरा हैं। कांग्रेस दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुकी है। गठबंधन के समय मुख्यमंत्री के चेहरे पर बातचीत भी अहम होगी। सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद साझा मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा यह भी तय करना अहम होगा।

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