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नोटबंदी के बाद सरकारी विभागों को घाटा

देश में 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद से प्रदेश में विभागों के राजस्व वसूली में कमी आई है। मुख्य सचिव राहुल भटनागर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में विभागों ने वसूली संबंधी...

नोटबंदी के बाद सरकारी विभागों को घाटा
लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 05 Dec 2016 07:06 PM
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देश में 500 व 1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बाद से प्रदेश में विभागों के राजस्व वसूली में कमी आई है। मुख्य सचिव राहुल भटनागर की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में विभागों ने वसूली संबंधी जानकारी दी। यह बात अलग है कि परिवहन विभाग में नोटबंदी के बाद 445 करोड़ लक्ष्य के विपरीत 482 करोड़ जमा हुए।

मुख्य सचिव ने विभागध्यक्षों को निर्देश दिया है कि राजस्व वसूली को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट, ई-पेमेंट, स्वैप मशीन व कॉर्ड से भुगतान की सुविधा देने पर विचार किया जाए। बताया गया कि परिवहन विभाग में पुराने नोट जमा होने से नवंबर 2016 में मासिक लक्ष्य 445 करोड़ से अधिक 482 करोड़ रुपये जमा हुए। यह मासिक लक्ष्य के सापेक्ष 108 फीसदी है।

इन विभागों को मिला कम राजस्व

-आबकारी नवंबर में 1463 करोड़ लक्ष्य में 1104 करोड़ मिले। देशी शराब की बिक्री प्रभावित हुई।

-स्टांप एवं रजिस्ट्री नवंबर में 1170 करोड़ में मात्र 550 करोड़ मिले। लक्ष्य का 47 फीसदी। निर्माण कार्य और रजिस्ट्री में कमी।

-मंडी परिषद को नवंबर में 147 करोड़ के बजाए 76 करोड़ ही मिले। मंडियों में 47 प्रतिशत सामान आने की कमी हुई है।

-खनन को 76 फीसदी ही आय हुई। गिट्टी, मौरंग व निर्माण कार्य से जुड़े सामानों की बिक्री में कमी।

-वाणिज्य कर को नवंबर में 4894 करोड़ के बजाए 4494 करोड़ ही मिले

अक्तूबर तक मिला लक्ष्य का 59.4 फीसदी

प्रमुख सचिव वित्त डॉ. अनूप चंद्र पांडेय ने बताया कि वार्षिक 101257.30 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य है। अक्तूबर तक क्रमिक लक्ष्य 52954.45 करोड़ में 46979.09 करोड़ ही मिले। यह वार्षिक लक्ष्य का 88.7 प्रतिशत है। कुल करेत्तर राजस्व लक्ष्य 20186.86 करोड़ है। अक्तूबर तक 11606.19 लक्ष्य में 6891.88 करोड़ मिले जो लक्ष्य का 59.4 प्रतिशत है।

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