शहर में खराब पड़े हैं 25 फीसदी ट्रैफिक सिग्नल
साइबर सिटी की प्राइम लोकेशन पर लगे करीब एक चौथाई ट्रैफिक सिग्नल लंबे समय से खराब पड़े है। वहीं करीब दर्जन भर अन्य ट्रैफिक सिग्नल बेहतर रखरखाव के अभाव में अनियमित हो गए है। ऐसे हालात में शहर की...
साइबर सिटी की प्राइम लोकेशन पर लगे करीब एक चौथाई ट्रैफिक सिग्नल लंबे समय से खराब पड़े है। वहीं करीब दर्जन भर अन्य ट्रैफिक सिग्नल बेहतर रखरखाव के अभाव में अनियमित हो गए है। ऐसे हालात में शहर की ट्रैफिक को संभालना पुलिस के लिए काफी मुश्किल हो गया है।
वहीं आम आदमी को इस अव्यवस्था का खामियाजा जाम एवं दुर्घटना के रुप में भुगतना पड़ रहा है। इस संबंध में ट्रैफिक पुलिस ने एक रिपोर्ट तैयार की है। यह रिपोर्ट डीसीपी ट्रैफिक की ओर से हुडा एवं नगर निगम के अधिकारियों को क्रियांवयन के लिए भेजा गया है।
इसमें डीसीपी ट्रैफिक ने दोनों विभागों से ट्रैफिक सिग्नलों को मरम्मत एवं रखरखाव की व्यवस्था ठीक करने की मांग की है। ट्रैफिक पुलिस कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक शहर में ट्रैफिक व्यवस्था के बेहतर संचालन के लिए कुल सौ से अधिक ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए हैं।
इनमें से 55 सिग्नल शहर के प्राइम लोकेशन पर है। इन लोकेशन पर वैसे तो 24 घंटे हैवी ट्रैफिक होता है, लेकिन पीक ऑवर में यहां की हालत देखने लायक होती है। वहीं बाकी के सिग्नल शहर के बाहरी लोकेशन पर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक प्राइम लोकेशन पर लगे सिग्नलों में से 14 सिग्नल लंबे समय से खराब हैं। वहीं करीब दर्जन भर अन्य सिग्नलों का संचालन नियमित नहीं है। ऐसे हालात में इन सिग्नलों पर ट्रैफिक का संचालन मैन्युअल करना पड़ रहा है।
दिन भर जूझते हैं ट्रैफिक पुलिस के जवान
सिग्नल ठीक न होने की वजह से विभिन्न चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों को दिन भर जूझना पड़ता है। बावजूद इसके जाम की समस्या से निजात नहीं मिल पाती। कई बार तो स्थिति इतनी खराब हो जाती है कि वाहनों को देर तक रेंग कर गुजरना पड़ता है। वहीं दूसरी ओर आम आदमी को इसका खामियाजा जाम के साथ साथ दुर्घटना के रूप में भी भुगतना पड़ता है। दरअसल जाम से निकलने के बाद अक्सर वाहन चालक तेजी से अपने गंतव्य की ओर भागते हैं। ऐसे हालात में आए दिन वह दुर्घटना कर बैठते हैं।
हुडा एवं नगर निगम की है जिम्मेदारी
ट्रैफिक सिग्नलों के रखरखाव की जिम्मेदारी हुडा एवं नगर निगम की है। यह दोनों ही विभाग अपने अपने क्षेत्र में हैवी ट्रैफिक वाले स्थानों को चिन्हित कर नए सिग्नल लगाने एवं पुराने सिग्नलों की मरम्मत का काम करते हैं। चूंकि काफी समय से नए सिग्नल तो लगे नहीं, पुराने सिग्नलों की भी मरम्मत नहीं हुई। ऐसे में एक एक कर अधिकांश सिग्नल खराब होते चले गए।
नहीं चलती घड़ी
शहर में लगे सभी ट्रैफिक सिग्नल में घड़ी लगाई गई है। इससे पता चल जाता है कि सिग्नल ग्रीन होने में कितना समय बाकी है। यह घड़ी देखकर वाहन चालक सिग्नल पर इंतजार करते हैं, लेकिन चूंकि सभी सिग्नलों की घडि़यां खराब पड़ी हैं, ऐसे में वाहन चालकों को एक ही बार सिग्नल बदलने पर ही पता चलता है। परिणाम स्वरूप इंजन दोबारा से स्टार्ट होने तक पीछे खड़े वाहन हार्न बजाते रहते हैं।