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गोपालगंज में नोटबंदी के 23वें दिन भी लोगों को नहीं मिली राहत

नोटबंदी के 23वें दिन शुक्रवार को भी लोगों को बैंकों व एटीएम में पैसे का लेन-देन करने में राहत नहीं मिली। बैंकों व एटीएम में शुक्रवार को लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। विभिन्न बैंकों के काउंटरों पर नोट...

गोपालगंज में नोटबंदी के 23वें दिन भी लोगों को नहीं मिली राहत
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 02 Dec 2016 07:22 PM
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नोटबंदी के 23वें दिन शुक्रवार को भी लोगों को बैंकों व एटीएम में पैसे का लेन-देन करने में राहत नहीं मिली। बैंकों व एटीएम में शुक्रवार को लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। विभिन्न बैंकों के काउंटरों पर नोट बदलवाने, खाते में पुराने नोट जमा करने और रुपये निकालने के लिए लोगों की कतारें लगीं हुईं थीं।

शहर के मौनिया चौक , पोस्ट ऑफिस चौक व थावे रोड स्थित एसबीआई बैंक, जादोपुर रोड स्थित सेंट्रल व केनरा बैंक, चंद्रगोखुल रोड स्थित पीएनबी में बैंक खुलते ही काउंटर पर लोग उमड़ पड़े। लेकिन अत्यधिक भीड़ होने के कारण कई घंटे कतार में खड़ा रहने के बाद पैसे का लेन-देन हो सका। बैंकों व डाकघरों में अलग से काउंटर नहीं खोले जाने से सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है। उधर, शहर के करीब 6 चालू एटीएम पर 200 से लेकर 300 मीटर की दूरी तक लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थीं। पुरूषों के साथ-साथ महिलाएं भी कतार में लगीं हुईं थीं।

दो अरब की हुई निकासी नोटबंदी के बाद से लेकर अभी तक जिले के बैंकों व डाकघरों में करीब 4.50 अरब रुपये का लेन-देन हुआ है। पिछले 23 दिनों में लोगों ने करीब 2 अरब 50 करोड़ रुपए अपने-अपने खाते में जमा कराये हैं और करीब 2 अरब रुपए की निकासी हुई है।

फुटपाथी व छोटे दुकानदार भी परेशाननोटबंदी के बाद छोटे नोटों की कमी से फुटपाथी व छोटे दुकानदारों पर आफत आ गई है। शहर के फुटपाथी व छोटे दुकानों पर करीब 40 से 50 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावे जब कोई व्यक्ति 2 हजार रुपये के नोट दे रहा है तो उसका खुदरा नहीं रहने से भी दुकानदारों को परेशानी हो रही है। लोग पहले की तुलना में कई सामान खरीदने से परहेज कर रहे हैं तो कई लोग अब पहले की तुलना में कम मात्रा में ही सामान खरीदकर काम चला रहे हैं।

पहले जो ग्राहक एक बार में पूरे महीने- दो महीने के लिए सामान खरीदते थे वे अब साप्ताहिक जरूरत के अनुसार की सामान खरीद रहे हैं। इस कारण ही दुकानों की बिक्री में गिरावट दर्ज की जा रही है। उधर, कई दुकानदार तो कच्चा माल लाते हैं और उसे एक दिन में ही बेचना होता है। अगर एक दिन में नहीं बेच पाएं तो वह खराब हो जाएगा। लेकिन ग्राहक ही दुकान पर कम पहुंच रहे हैं और सामान बच रहा है। इससे सब्जी व फल के दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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