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दिल्ली में तेज हुआ पोस्टर वार, केजरीवाल सरकार के विज्ञापनों के खिलाफ भाजपा ने लगाए पोस्टर

दिल्ली में पोस्टर युद्ध तेज करते हुए भाजपा ने शहर भर में पोस्टर लगवाए हैं, जिनमें अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा उसके विज्ञापनों पर 526 करोड़ रूपये व्यय किए जाने के औचित्य पर सवाल उठाए गए हैं। आप...

दिल्ली में तेज हुआ पोस्टर वार, केजरीवाल सरकार के विज्ञापनों के खिलाफ भाजपा ने लगाए पोस्टर
एजेंसीSat, 01 Aug 2015 09:11 PM
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दिल्ली में पोस्टर युद्ध तेज करते हुए भाजपा ने शहर भर में पोस्टर लगवाए हैं, जिनमें अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा उसके विज्ञापनों पर 526 करोड़ रूपये व्यय किए जाने के औचित्य पर सवाल उठाए गए हैं। आप सरकार के कई विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाया गया है।

भाजपा ने अपने पोस्टरों में दावा किया है कि आप सरकार इस धन का इस्तेमाल पांच लाख सीसीटीवी कैमरा लगवाने या 200 नए स्कूलों के निर्माण या राजधानी में 50 नए कालेज बनवाने के लिए कर सकती थी।

पिछले माह आप सरकार ने पोस्टर लगाए थे जिसमें प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया था कि शहर की सरकार को काम करने दिया जाए।

दिल्ली सरकार ने 2015-16 के बजट में 526 करोड़ रूपये अपने विज्ञापन अभियान के लिए रखे हैं जो भाजपा एवं कांग्रेस को रास नहीं आ रहा।

केजरीवाल सरकार पर पलटवार करते हुए भाजपा ने अब पोस्टर लगवाए हैं जिन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने जारी किया है। इन पोस्टरों में विज्ञापनों पर इतनी बड़ी राशि खर्च किए जाने पर सवाल उठाए गए हैं। इन पोस्टरों में चहल ने कहा, केजरीवाल सर, जवाब दीजिए। दिल्ली की जनता के 526 करोड़ रूपये आप के प्रचार में खराब क्यों।

पोस्टरों में सुझाव दिया गया है कि इन 526 करोड़ रूपये से पांच लाख सीसीटीवी कैमरे लगाए जा सकते हैं, 200 नये स्कूल एवं 50 नये कालेज खोले जा सकते हैं, 200 नयी बसें तथा 1000 कालोनियों को सुरक्षित पेयजल मुहैया कराया जा सकता है।

इन पोस्टरों की अंतिम पंक्ति में दावा किया गया है कि पांच लाख परिवारों को एक साल की पेंशन और एक लाख युवाओं को रोजगार दिलाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए दिल्ली भाजपा अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि विज्ञापन पर इतनी बड़ी राशि व्यय करना सार्वजनिक धन का दुरूपयोग है।

उपाध्याय ने कहा, प्रत्येक सरकार विज्ञापन पर खर्च करती है लेकिन 526 करोड़ रूपये के इस खर्च से त्योरियां चढ़ती हैं। पिछले साल विज्ञापन का बजट 23 करोड़ रूपये था तथा शीला दीक्षित के कार्यकाल में बजट 10 से 15 करोड़ रूपये बना रहा।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि दिल्ली सरकार महिलाओं की सुरक्षा का दावा करती है तो वह इतनी बड़ी राशि से दिल्ली भर में पांच लाख कैमरे लगवा सकती थी।

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