बलिया के ग्राम प्रधान वापस मांग रहे अधिकार
अखिल भारतीय प्रधान संगठन का कुशीनगर से निकला रथ शुक्रवार को यहां पहुंचा। जिले के प्रधानों ने इस पर सवार राष्ट्रीय पदाधिकारियों का स्वागत किया। इसके बाद संगठन के नेतृत्व में प्रधानों ने सात सूत्रीय...
अखिल भारतीय प्रधान संगठन का कुशीनगर से निकला रथ शुक्रवार को यहां पहुंचा। जिले के प्रधानों ने इस पर सवार राष्ट्रीय पदाधिकारियों का स्वागत किया। इसके बाद संगठन के नेतृत्व में प्रधानों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। प्रधानों ने सरकार पर अधिकारों में कटौती करने का आरोप लगाया।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी ने कहा कि उनके अधिकारों में दिन-प्रतिदिन कटौती की जा रही है। कहा कि वर्ष 1992 में हुए 73 वें संविधान संशोधन के तहत 29 अधिकार प्रधानों को दिये गये लेकिन धीरे-धीरे में इसमें कटौती होती गयी। प्रधानों से इसे वापस करने की मांग की। वक्ताओं ने भारत में एक समान पंचायती राज व्यवस्था लागू करने, लोकसभा में सचिवालय के सचिवालय के सचिव से एक रुपये अधिक सांसदों के वेतन की तर्ज पर प्रधानों को भी सचिव से एक रुपये अधिक वेतन देने की मांग की। राष्ट्रीय महासचिव नानक चंद्र शर्मा ने कहा कि वर्ष 2011 में कराया गया सामाजिक एवं आर्थिक सर्वे में बड़े पैमाने पर खामियां हैं और पात्र इसमें शामिल होने से वंचित हैं। इसे दोबारा कराने की मांग की। बताया कि ग्राम पंचायतों को राज्य वित्त व 14 वां वित्त की धनराशि का उपयोग खुली बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद करने का प्रावधान है लेकिन प्रधान केवल 50 हजार तक ही खर्च कर सकते हैं और अधिक खर्च करने के लिए अधिकारियों से स्वीकृति लेनी पड़ी है। प्रधानों ने सरकार से जून 2016 में जारी शासनादेश को वापस लेने की मांग की। बताया कि यह रथ प्रदेश के सभी जिलों में जाकर प्रधानों की आवाज बुलंद करेगा।
इस मौके पर संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश यादव, प्रदेश अध्यक्ष रामसेवक यादव, अखिलानंद सिंह, संजय कुमार, नंदजी यादव, बृजेश कन्नौजिया, सुभाष चंद, उरदैना, विजय शंकर, अनिल कुमार विक्रम पप्पू, शुभ नाथ आदि थे।