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हिन्दुस्तान असर: तारा बालगोपाल का जर्जर आशियाना चमका

बीते समय की लोकप्रिय कथकली नृत्यांगना 81 वर्षीय तारा बालगोपाल की बदहाल जिंदगी में फिर खुशियां लौट आई हैं। ‘हिन्दुस्तान’ में खबर प्रकाशित होने के बाद से उनकी मदद के लिए लगातार कई लोग व...

हिन्दुस्तान असर: तारा बालगोपाल का जर्जर आशियाना चमका
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 27 Nov 2015 08:54 AM
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बीते समय की लोकप्रिय कथकली नृत्यांगना 81 वर्षीय तारा बालगोपाल की बदहाल जिंदगी में फिर खुशियां लौट आई हैं। ‘हिन्दुस्तान’ में खबर प्रकाशित होने के बाद से उनकी मदद के लिए लगातार कई लोग व संगठन आगे आ रहे हैं। एक नौजवान ने ऑनलाइन कैंपेन चलाकर 8 लाख रुपए जुटाए हैं। इसकी सहायता से वर्षों से साफ नहीं हुआ उनका जर्जर घर अब चमकने लगा है। खाने-पीने का भी स्थायी इंतजाम हो गया है। जबकि दो माह पहले तक तारा बालगोपाल राजौरी गार्डन में वी-ब्लॉक के 13 नंबर मकान में बदहाल और एकाकी जीवन जी रही थीं। कई वर्षों से बाहर के खाने, बिस्कुट और फलों पर निर्भर थीं। photo1

गौरतलब है कि तारा बालगोपाल ने 1960 में संसद में नृत्य का हुनर दिखाया था। 1962 में भारत सरकार ने उनके नाम पर एक रुपये का डाक टिकट जारी किया था। पेशे से सीए पति के. बालगोपाल के वर्ष 2010 में निधन के बाद से वह तन्हा जिंदगी गुजार रही हैं। परिवार में और कोई नहीं है। 20 साल पहले वह डीयू से सेवानिवृत्त हुई थीं, लेकिन आज तक उन्हें पेंशन नहीं मिली। कानूनी लड़ाई जारी है। गुरुवार को ‘हिन्दुस्तान’ ने जब तारा बालगोपाल से मुलाकात की तो उन्होंने शुक्रिया बोला। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए आगे आएंगे।

ऑनलाइन कैंपेन से 8 लाख रुपए

तारा बालगोपाल के लिए ऑनलाइन कैंपेन ‘हेल्प तारा बालगोपाल डांस अगेन’ से जुटाई गई 8 लाख रुपये की राशि से उनके जर्जर मकान की मरम्मत हो रही है। कैंपेन शुरू करने वाले एडवोकेट निखिल स्वरूप कहते हैं, मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में लोग मदद करेंगे। ‘हिन्दुस्तान’ में खबर पढ़ने के बाद मैंने ऑनलाइन कैंपेन शुरू की। दोस्तों से मदद की अपील की। शुरू में कुछ दोस्तों ने धनराशि दी। जल्द ही बड़ी संख्या में मदद आने लगी। 100 रुपये से अधिकतम 69 हजार तक की मदद मिली। ऑनलाइन कैंपेन को फिल्म अभिनेता कुनाल कपूर ने भी समर्थन दिया। इस बारे में ट्वीट किया। वर्षों से बाहर के खाने पर निर्भर नृत्यांगना को अब घर का बना खाना मिल रहा है। उनके घर पर ही खाने का इंतजाम करा दिया गया है।

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