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अफसरों और कारोबारियों के हैं सेना के ‘बांबिंग रेंज’ में फार्म हाउस

वायु सेना की जमीन पर जिन लोगों के फार्म हाउस बने हैं उनमें पुलिस, प्रशासन के अफसर और बड़े कारोबारी शामिल हैं। जो रिकॉड उपलब्ध हैं उनमें सेना के नाम पर सिफ 126 एकड़ जमीन ही बची है मगर कब्जा उस पर भी...

अफसरों और कारोबारियों के हैं सेना के ‘बांबिंग रेंज’ में फार्म हाउस
लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 29 Nov 2014 12:55 PM
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वायु सेना की जमीन पर जिन लोगों के फार्म हाउस बने हैं उनमें पुलिस, प्रशासन के अफसर और बड़े कारोबारी शामिल हैं। जो रिकॉड उपलब्ध हैं उनमें सेना के नाम पर सिफ 126 एकड़ जमीन ही बची है मगर कब्जा उस पर भी है। बाकी के 419 एकड़ से तो सेना का नाम भी खारिज करा दिया गया है। जमीन खरीदने और बेचने वाले ऊंची पहुंच वाले हैं इसलिए प्रशासन ने उन्हें रोकने के बजाय भरपूर मदद की।

इस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज ‘हिन्दुस्तान’ के पास मौजूद हैं। यहां बता दें कि अजेट क्लाज के तहत 1950 में यमुना खादर के जिन दो गांवों नंगला नंगली और नंगली शाकपुर के गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था वह रकबा सेना के नाम सिकंदराबाद तहसील के राजस्व रिकॉड में 07 मार्च, 1964 तक दर्ज था। साजिश 1991 में की गई। सेना की जमीन की गाटा संख्या बदलकर 419 एकड़ जमीन खतौनी से ही गायब कर दी गई। इस घपले के बाद जो नई खतौनी बनी उसमें सेना के नाम पर सिफ 126 एकड़ का ही रिकॉर्ड है। सहायक लेखा अधिकारी कपिल सिंह की रिपोट में इस साजिश का खुलासा किया है।

एक परिवार ने बेचे 300 फार्म हाउस: सेना की जमीन पर एक ही परिवार के लोगों ने करीब 300 फार्म हाउस बेचे हैं। फार्म हाउस खरीदने वालों में मुंबई और कोलकाता तक के बड़े कारोबारियों के साथ साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के भी फार्म हाउस हैं। इन फार्म हाउसों के बीच बड़ा क्रिकेट ग्राउंड और गोल्फ कोर्स, पक्की सड़कें, बिजली की लाइन और पक्के निमार्ण किए गए हैं। सेना ने सर्वे करने के बाद 11 जनवरी, 2012 को एक पत्र जिलाधिकारी को भेजा और फार्म हाउसों की रजिस्ट्रियां मांगी। लेकिन सेना को जवाब तक नहीं मिला।


बैनामा कहीं तो कब्जा कहीं

1991 में बनाई गई खतौनी में सेना को गाटा संख्या 248म, 264म, 266म, 288म, 290, 291म, 292म दिए गए। गाटा संख्या के साथ ‘म’ का अर्थ मिलाजुला क्षेत्रफल है। मसलन, गाटा संख्या 248 को आठ भागों में बांटकर 150 बीघा जमीन वायु सेना को दी। छोटा सा हिस्सा भू-माफिया के नाम दर्ज किया। इससे दोनों खतौनी पर गाटा संख्या 248म दर्ज हो गया। भू-माफिया ने अपनी बताकर सेना की जमीन पर फार्म हाउस बेच दिए। बाकी गाटा संख्या में भी ऐसा ही किया गया है।

एडीएम (प्रशासन) और जेवर के एसडीएम को पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया है। सेना की जमीन से जुड़े कागजात राजस्व अभिलेखागार से निकलवाए जा रहे हैं। सेना को उनकी जमीन दी जाएगी। -चंद्रकांत, जिलाधिकारी, गौतमबुद्ध नगर

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