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भाजपा ने जब मांझी को जलील किया तो कहां थे पीएम: चौधरी

जल संसाधन, कृषि व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि किसी भी घटनाक्रम का बेवजह राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने में भाजपा नेताओं को महारत हासिल है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के...

भाजपा ने जब मांझी को जलील किया तो कहां थे पीएम: चौधरी
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 31 Jul 2015 06:49 PM
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जल संसाधन, कृषि व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा है कि किसी भी घटनाक्रम का बेवजह राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करने में भाजपा नेताओं को महारत हासिल है। पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के मामले को कई तरह से पेश कर मिथ्या महादलित प्रेम दिखाने में वे अब तक बाज नहीं आ रहे हैं। प्रदेश भाजपा नेता तो इससे संबंधित अनर्गल बयानबाजी कर ही रहे थे, हद तो उस दिन हुई जब प्रधानमंत्री भी घड़ियाली आंसू बहाने की स्पर्धा में उतर आए और कहा कि मांझी को हटाने का उन्हें सबसे अधिक दुख हुआ था।

मंत्री ने कहा कि बिहार के लोग भूले नहीं हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार ने बाइज्जत अपनी कुर्सी जीतनराम मांझी को सौंपी थी। यह फैसला भाजपा नेताओं की सोच व कल्पना के बाहर का था। उस समय प्रकाशित समाचारों एवं विधानसभा की कार्यवाही के पुनरावलोकन से साफ होगा कि भाजपा नेताओं ने किस प्रकार मांझी के नेतृत्व को न सिर्फ जलील किया था, बल्कि मजाक भी उड़ाया था। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री को उस समय दुख नहीं हो रहा था। उन्होंने याद दिलाया कि उस समय तो उन्हीं की शह पर सभी केंद्रीय मंत्री व प्रदेश भाजपा नेता मांझी सरकार को नीचा दिखाने व अपमानित करने की कोशिश कर रहे थे। उस समय प्रधानमंत्री की अंतरात्मा कहां सो रही थी। अचानक भाजपा का महादलित प्रेम अब उमड़ा है, जिसका चरमोत्कवर्ष मुजफ्फपरपुर की रैली में प्रधानमंत्री के संबोधन में दिखा।

मंत्री ने भाजपा से पूछा है कि महादलितों के प्रति घड़ियाली आंसू के संदर्भ में बिहार के लोग जानना चाहते हैं कि भाजपा ने अपने विधायक दल या संगठन के किस महत्वपूर्ण पद पर महादलित नेतृत्व को उभरने का मौका दिया है। यह नीतीश सरकार की ही देन है, जिसने महादलितों के कल्याण एवं विकास के लिए कई योजनाएं बनाई। विधायक दल के नेता पद पर मांझी को बैठाने का ऐतिहासिक फैसला लिया। आज भाजपा या पीएम बताएं कि भविष्य में प्रदेश में महादलित नेतृत्व को आगे बढ़ाने की उनके पास क्या योजना है। उनके घड़ियाली आंसू को बिहार की जनता विशेषकर महादलित अच्छी तरह पहचानते हैं।

 

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